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मरीजोें के लिए रोजाना लग रहे हैं एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर

कोरोना के चलते बढी ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग

  • २५ सितंबर तक शहर में पहुंचेंगे तीन ऑक्सीजन सिलेंडर

  • ऑक्सीजन की औद्योगिक आपूर्ति लगभग बंद

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१० – जिले में इस समय कोरोना का संक्रमण विकराल रूप धारण कर चुका है और रोजाना १५० से २०० कोरोना संक्रमित मिलना अब आम बात हो गयी है. इसमें भी कई मरीजों को सांस लेने में तकलीफ रहने के चलते उन्हें कृत्रिम तौर पर ऑक्सीजन देना पड रहा है. इसकी वजह से अमरावती शहर में इन दिनों मरीजों के इलाज हेतु रोजाना लगभग १ हजार ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत पड रही है. इस समय अमरावती में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है. किंतु यदि आगामी समय में कोरोना संक्रमण की स्थिति और मरीजों की संख्या नियंत्रित नहीं हुई, साथ ही ऑक्सीजन की उपलब्धता का समीकरण गडबडाया, तो काफी बडा संकट पैदा होने की संभावना है. बता दें कि, मार्च माह के दौरान कोरोना की बीमारी ने देश में प्रवेश किया. हालांकि जब तक लॉकडाउन चल रहा था, तब तक हालात काफी नियंत्रित थे.
किंतु जैसे ही चरणबध्द ढंग से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई, तो उसके बाद कई गूना गति से कोरोना संक्रमित मरीजोें की संख्या बढनी शुरू हो गयी. साथ ही इस समय आये दिन १५० से २०० लोग कोरोना संक्रमित पाये जा रहे है. जिसमें से अधिकांश मरीजों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है और उन्हें ऑक्सीजन लगाने की जरूरत पड रही है. जिसके चलते अमरावती शहर में रोजाना १ हजार ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की जा रही है. इस समय अमरावती में स्थानीय स्तर पर कृत्रिम ऑक्सीजन का उत्पादन करनेवाले लोगों से ऑक्सीजन सिलेंडर लिये जा रहे है. जिसमें से श्री वल्लभ गैसेस द्वारा सर्वाधिक सिलेंडरों की आपूर्ति की जा रही है. जानकारी के मुताबिक श्री वल्लभ गैसेस द्वारा रोजाना ४०० से ४५० सिलेंडर गैस का उत्पादन किया जाता है. साथ ही ५०० से ५५० सिलेंडर ऑक्सीजन को द्रव्य स्वरूप में तैयार किया जाता है. यह लिक्वीड ऑक्सीजन गैस यद्यपि स्थानीय एमआयडीसी स्थित कारखाने में तैयार होती है, लेकिन इस द्रव्यरूप ऑ्िनसजन को तैयार करने हेतु कच्चा माल नागपुर से मंगाना पडता है और इस समय कच्चा माल मिलने में काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है. जिसके चलते अतिरिक्त ऑक्सीजन की निर्मिती में काफी दिक्कते देखी जा रही है. वहीं जिले की मौजूदा जरूरत को देखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थानीय सुपर स्पेशालीटी अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्रक्रिया प्रकल्प शुरू करने की तैयारी की जा रही है. लेकिन इस पूरे काम को काफी लंबा समय लगेगा. जिसके चलते इस काम से पहले यहां के सुपर स्पेशालीटी, इर्विन तथा पीडीएमसी इन तीनों अस्पतालों में ऑक्सीजन टैक लगाये जायेंगे और इन तीनों टैंकों में करीब २२ हजार क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन संग्रहित किया जायेगा. इसके चलते अमरावती में कम से कम पांच से छह दिनों के लिए मरीजों हेतु ऑक्सीजन का स्टॉक उपलब्ध रह सकेगा. इन तमाम हालात के बीच स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने आश्वस्त किया है कि, इस समय यद्यपि अमरावती में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ रही है, लेकिन अत्यावश्यक व गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों हेतु ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त प्रमाण में उपलब्ध है.

  • पहले शहर में रोजाना लगते थे २०० से २५० सिलेंडर

कोरोना संक्रमण फैलने से पहले सामान्य हालात के दौरान अमरावती शहर में रोजाना औसतन २०० से २५० ऑक्सीजन सिलेंडर गंभीर स्थितिवाले मरीजोें के लिए लगा करते थे. वहीं लॉकडाउन काल के दौरान यह संख्या घटकर रोजाना १०० सिलेंडर के आसपास जा पहुंची थी, लेकिन इन दिनोें रोजाना औसतन एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत पड रही है. जिनकी आपूर्ति करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. इस आशय की जानकारी ऑक्सीजन सिलेंडरों के मुख्य आपूर्तिकर्ता हिमांशू वेद द्वारा दी गई है.

  • अतिरिक्त ऑक्सीजन का उत्पादन करने प्रयास जारी

रोजाना करीब १ हजार सिलेंडरों की आपूर्ति इन दिनों की जा रही है. लेकिन यदि मरीजों की संख्या ऐसे ही बढती रही, तो काफी दिक्कते पैदा हो सकती है. ऐसे में गैस व लिक्वीड स्वरूप में ऑक्सीजन के उत्पादन हेतु सतत प्रयास जारी है. गैस स्वरूप में ऑक्सीजन का उत्पादन बढाने हेतु नया प्रकल्प शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं लिक्वीड ऑक्सीजन गैस के लिए कच्चा माल उपलब्ध होने में काफी दिक्कतें आ रहीं है.-हिमांशू वेद संचालक, श्री वल्लभ गैस बॉ्नस, फोटो जिलाधीश नवाल

  • ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता हेतु प्रशासन प्रयासरत

इस समय अमरावती में रोजाना लगभग ८०० से ९०० सिलेंडर यानी करीब साढे पांच से छह हजार क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन गैस की जरूरत पड रही है. जिसके चलते आनेवाले वक्त में ऑक्सीजन की कमी महसूस न हो, इस बात के मद्देनजर मुख्य आपूर्तिकर्ता से चर्चा करते हुए उन्हें ऑक्सीजन का उत्पादन बढाने हेतु कहा गया है. साथ ही सुपर स्पेशालीटी में १० हजार क्यूबिक मीटर तथा इर्विन व पीडीएमसी में ६-६ हजार क्यूबिक मीटर क्षमतावाले ऑक्सीजन टैंक लगाये जायेंगे. ये तीनों टैंक आगामी २५ सितंबर तक अमरावती पहुंच जायेंगे. जिनमें करीब २२ हजार क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन गैस को संग्रहित करके रखा जा सकेगा और इस जरिये अमरावती में करीब पांच से छह दिन के लिए मरीजों हेतु ऑक्सीजन गैस की सुविधा उपलब्ध रहेगी. उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही अमरावती के जिलाधीश शैलेश नवाल ने स्पष्ट किया कि, मौजूदा हालात में ऑक्सीजन के उत्पादन हेतु नये प्रकल्प को बनाने और उसे चलाने का काम बेहद मुश्किल है.

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