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चंद्रभागा नदी लील गयी चार जिंदगियां तीन बच्चों सहित एक महिला की डूबने से मौत

  • दो महिलाएं बाल-बाल बची

  • निंभोरा राज गांव डूबा शोक में

धामणगांव रेल्वे /प्रतिनिधि दि.२८ – गत रोज रविवार २७ सितंबर की सुबह ९ बजे के दौरान धामणगांव रेल्वे तहसील के निंभोरा राज गांव में के निकट से होकर बहनेवाली चंद्रभागा नदी में डूब जाने की वजह से तीन छोटे बच्चों सहित एक महिला की मौत हो गयी. वहीं दो महिलाएं भले ही डूबने से बाल-बाल बच गयी है, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर बतायी जा रही है. जिन्हें ग्रामीण अस्पताल में भरती कराया गया है और उनका इलाज जारी है. इस घटना के चलते निंभोरा राज गांव सहित समूचे धामणगांव रेल्वे तहसील क्षेत्र में जबर्दस्त शोक व हडकंप व्याप्त है. मिली जानकारी के मुताबिक अधिकमास रहने के चलते निंभोरा राज निवासी चवरे व झेले परिवार के कुछ सदस्यों सहित गांव के कुछ महिलाएं व बच्चे एकादशी के पूजन व स्नान हेतु रविवार २७ सितंबर की सुबह आठ-साढे आठ बजे के आसपास चंद्रभागा नदी पर गये थे.
जिनमें ११ वर्षीय यश प्रमोद चवरे, १५ वर्षीय जीवन प्रदीप चवरे, १२ वर्षीय सोहम दिनेश झेले तथा ३२ वर्षीय पुष्पा दिलीप चवरे सहित ३५ वर्षीय बेबी प्रदीप चवरे व ३८ वर्षीय राधा गोपालराव मलिये का समावेश था. इन सभी लोगोें ने स्नान करने हेतु नदी के पात्र में डूबकी लगायी, लेकिन नदी में पानी का स्तर काफी अधिक रहने के चलते ये लोग बाहर नहीं आ पाये. यह पता चलते ही आसपास स्थित ग्रामीणों ने तुरंत दौड लगाते हुए सभी को बाहर निकाला, लेकिन इस समय तक यश प्रमोद चवरे, जीवन प्रमोद चवरे, सोहम दिनेश झेले इन तीन बच्चों की उनकी माताओं की आंखों के सामने ही मौत हो चुकी थी. वहीं बच्चों के साथ नदी में स्नान करने उतरी तीनों महिलाओं को नदी से जीवित अवस्था में बाहर निकाला गया, लेकिन गंभीर स्थिति में रहनेवाली तीनों महिलाओं को तुरंत ही धामणगांव रेल्वे के ग्रामीण अस्पताल में भरती कराया गया. जिसमें से पुष्पा दिलीप चवरे की स्थिति बेहद नाजूक रहने के चलते उसे अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल भिजवाया गया, किंतु अस्पताल लाये जाने के दौरान रास्ते में ही पुष्पा चवरे की मौत हो गयी. वहीं इसके पश्चात राधा मलिये व बेबी प्रदीप चवरे को भी देर शाम धामणगांव के ग्रामीण अस्पताल से अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल में भरती करने हेतु रेफर किया गया.

शोकाकुल माहौल में हुआ सभी का अंतिम संस्कार

इस घटना के चलते निंभोरा राज गांव परिसर में जबर्दस्त शोक की लहर व्याप्त है और रविवार को निंभोरा राज गांव के एक भी घर में चूल्हा नहीं जला. गांव के लोग इस घटना के लिए इस नदी में समृध्दी महामार्ग हेतु लगनेवाली रेती व मुरूम हेतु किये गये उत्खनन को जिम्मेदार बता रहे है. साथ ही समृध्दी महामार्ग के ठेकेदार व प्रशासन के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज होने तक ग्रामीणों ने मृतकों के शव स्वीकार करने से इन्कार कर दिया. हालांकि बाद में प्रशासन द्वारा संबंधितों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिये जाने के बाद संबंधित परिजनों ने शवों को अपने कब्जे में लिया. जिन पर देर शाम qनभोरा राज गांव की स्मशान भुमि में अंतिम संस्कार किये गये. इस समय सभी गांववासियों की आंखों से आंसूओं की धाराएं बह रही थी.

कक्षा १० वीं का छात्र था जीवन

जानकारी के मुताबिक इस हादसे का शिकार हुए तीनों बच्चे स्कूली छात्र थे. जिसमें से जीवन चवरे कक्षा १० वीं, यश चवरे कक्षा ६ वीं तथा सोहम झेले कक्षा ४ थी का छात्र था. इसमें से जीवन चवरे व यश चवरे रिश्ते में चचेरे भाई थे. वहीं अस्पताल ले जाते समय दम तोड देनेवाली पुष्पा चवरे आम गृहीणी थी और मृतक बच्चों की चाची थी. इसके अलावा इस हादसे में बाल-बाल बची बेबी प्रदीप चवरे १२ वर्षीय जीवन चवरे की मां है. जिसकी आंखों के सामने उसके कलेजे का टुकडा डूबकर मर गया.

इन दिनों लगातार बढ रही वारदाते

बीते पंद्रह दिनों में इस तरह की घटनाएं काफी अधिक बढ गयी है और विगत पंद्रह दिनों के दौरान ही करीब ८ से १० अल्पवयीन बच्चों की नदी-नालों व खेत तालाबों में डूबकर मारे जाने की घटनाएं हुई है. जिसे लेकर समूचे जिले में चिंता का माहौल देखा जा रहा है..

तत्काल जांच के निर्देश जारी

इस घटना के पश्चात प्रभावित परिवारोें के प्रति अपनी संवेदनाएं व सांत्वना व्यक्त करते हुए क्षेत्र के विधायक प्रताप अडसड ने कहा कि, निंभोरा राज में घटित हुई घटना बेहद दुर्भाग्यजनक है. साथ ही नदीपात्र में की गई खुदाई को लेकर गांववासियों से मिली शिकायत के अनुसार इस घटना की सर्वस्तरीय जांच करने का निर्देश संबंधित प्रशासन को दिया गया है. इसके अलावा प्रभावित परिवारों को तत्काल सरकारी सहायता उपलब्ध होने के लिहाज से भी प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिये गये है.

प्राकृतिक आपदा निधी से मिलेगी सहायता

वहीं धामणगांव रेल्वे के तहसीलदार भगवान कांबले ने बताया कि, qनभोरा राज में घटित हादसे का शिकार हुए मृतकों के परिजनों को प्राकृतिक आपदा निधी के जरिये जल्द से जल्द सानुग्रह सहायता राशि उपलब्ध करायी जायेगी.

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