इस दीपावली पर फूटेगा ‘कांदा बम‘
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१०० रूपये प्रति किलो पर जा सकती हैं दरें
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वापसी की बारिश से प्रभावित हुई फसल
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अब पूरा दारोमदार राजस्थान में हुई उपज पर
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – मान्सून की वापसी के दौरान हुई बारिश ने महाराष्ट्र सहित मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश व कर्नाटक आदि राज्यों में हाहा:कार मचा दिया है. और इस जबर्दस्त बारिश की वजह से कांदे की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है. इसका सीधा असर त्यौहारोें के अवसर पर बाजार में होनेवाली प्याज की आवक पर पडने की संभावना है. धुआंधार बारिश की वजह से नासिक, सोलापुर, धुलिया, इंदौर, बेलगांव और आंध्रप्रदेश आदि क्षेत्रों में प्याज की फसल का जबर्दस्त नुकसान हुआ और बाजार में प्याज की आवक भी कम हो गयी. जिसकी वजह से प्याज के दामों में आग लग गयी है और इस समय होलसेल बाजार में सफेद प्याज ६ से ७ हजार रूपये प्रति क्विंटल की दरों पर बिक रहे है. यह स्थिति यदि ऐसी ही कायम रही, और अगर दुर्भाग्य से राजस्थान में प्याज की फसल बारिश की वजह से प्रभावित हुई, तो इस दीपावली पर प्याज १०० रूपये प्रति किलो की दर को पार कर सकता है. साथ ही कोई आश्चर्य नहीं यदि अगर इस बार प्याज की दरें सवा सौ से डेढ सौ रूपये प्रति किलो की दर तक पहुंच जाये, ऐसी संभावना स्थानीय प्याज विक्रेताओं द्वारा व्यक्त की गई है. बता दें कि, अमरावती में सफेद प्याज की आवक सोलापुर, भावनगर व धुलिया आदि शहरों से होती है. वहीं लाल प्याज की आवक नासिक, जलगांव, इंदौर व राजनांदगांव से होती है. इस बार बारिश की वजह से प्याज की फसल काफी हद तक खराब हुई. ऐसे में जहां एक ओर आवक घटी, वहीं दूसरी ओर प्याज के दामों में तेजी आयी. सोमवार को अमरावती में लाल व सफेद प्याज की आवक २३५ क्विंटल हुई. जिसमें से सफेद प्याज ६ से ७ हजार रूपये प्रति क्विंटल और लाल प्याज ५ से ६ हजार रूपये प्रति qक्वटल की दर पर बिका. उल्लेखनीय है कि, इस बार वापसी की बारिश ने उत्तर महाराष्ट्र व पश्चिम महाराष्ट्र में हाहा:कार मचा दिया है. जिसमें से नासिक, सोलापुर, जलगांव व धुलिया आदि जिलों में प्याज की फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है और कई स्थानों पर तो प्याज की फसल पानी में बह गयी है. वहीं जो फसल बची है, वह भी काफी हद तक खराब हो गयी है. इसका सीधा परिणाम बाजार पर पडता दिखाई दे रहा है. जहां इस समय प्याज के दाम बडी तेजी से बढ रहे है. अचानक कीमते बढने के साथ ही बाजार में अब प्याज की मांग में भी कमी देखी जा रही है और लोगबाग जहां तक संभव हो, प्याज खरीदना टाल रहे है. हालांकि ऐसा करना ज्यादातर संभव नहीं हो पाता, क्योंकि सभी तरह की सब्जियों में छौंक-बघार व तडका लगाने के लिए प्याज की जरूरत पडती ही है.
आलू की फसल भी प्रभावित, दामोें में आयी तेजी
प्याज के साथ-साथ यह आलू की नई फसल आने का भी सीझन है. २० नवंबर के बाद प्याज की नई फसल आनी शुरू होती है. जिसमें अभी एक माह का समय शेष है, लेकिन फिलहाल हुई बारिश की वजह से आलू की फसल भी काफी हद तक प्रभावित हुई है और बाजार में आलू की आवक घट गयी है. जिसकी वजह से इस समय आलू के दामों में भी जबर्दस्त तेजी देखी जा रही है.
राजस्थान के प्याज पर टिकी है उम्मीदें
स्थानीय प्याज विक्रेताओं ने बताया कि, राजस्थान में प्याज की दो बार फसलें ली जाती है. वहां फिलहाल बारिश नहीं हो रही. ऐसे में यदि राजस्थान में प्याज की पैदावार अच्छी होती है, तो इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश इन राज्यों की जरूरत पूरी हो सकेगी और महाराष्ट्र में स्थानीय उत्पादकों की प्याज के साथ-साथ मध्यप्रदेश से भी प्याज की आवक होने की उम्मीद है. जिसकी वजह से कुछ दिनों तक दरें स्थित रहेंगी, लेकिन यदि राजस्थान में भी बारिश हुई, और वहां पर प्याज की फसल खराब हुई, तो इस दीपावली पर ‘कांदा बम‘ फूटना तय है.