दो माह में केवल ३६ लोगोें ने ही किया प्लाज्मा दान
अब तक मात्र ७४ यूनिट प्लाज्मा ही हुआ तैयार
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१४ – अमरावती में इस समय तक करीब ६ हजार ६९३ कोरोना संक्रमित मरीजों को कोरोना मुक्त हो जाने के चलते अस्पताल से डिस्चार्ज मिल चुका है और रोजाना करीब २०० से ३०० कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज मिलने पश्चात अपने घर लौट रहे है. अब तक कोरोना मुक्त हो चुके सभी मरीज अन्य कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु अपना प्लाज्मा दान करके बेहद महत्वपूर्ण भुमिका निभा सकते है.
जिसके लिए प्रशासन द्वारा विगत लंबे समय से प्लाज्मा दान हेतु व्यापक स्तर पर जनजागृति की जा रही है. लेकिन बावजूद इसके इस काम को बेहद अत्यल्प प्रतिसाद मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक अब तक केवल ३६ लोगों ने ही स्वयंस्फूर्त तौर पर आगे आते हुए अपना प्लाज्मा दान किया है. जिसके चलते मात्र ७४ यूनिट प्लाज्मा उपलब्ध हो पाया है. बता दें कि, कोरोना संक्रमित होने के बाद इस संक्रमण से मुक्त हो चुके मरीजों के शरीर में कोरोना से लडनेवाली एंटीबॉडीज विकसित हो जाती है. यदि ऐसे मरीजों का प्लाज्मा लेकर अन्य कोरोना संक्रमित मरीजों को चढाया जाता है तो, उनके शरीर में कोरोना से लडने हेतु रोग प्रतिकारक क्षमता एवं एंटीबॉडीज को विकसित करते हुए उन्हें ठीक किया जा सकता है. इस बात के मद्देनजर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमरावती में प्लाज्मा थेरेपी के तहत मरीजों का इलाज शुरू करने की अनुमति दी गई. साथ ही कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके मरीजों को प्लाज्मा दान हेतु जागरूक किया जाने लगा. qकतु अब तक के अनुभव को देखते हुए कहा जा सकता है कि, इस अभियान को अब तक बेहद अत्यल्प प्रतिसाद मिला है. जानकारी के मुताबिक अमरावती में जिला सामान्य अस्पताल तथा पीडीएमसी अस्पताल इन दो स्थानों पर प्लाज्मा दान करने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. जहां पर विगत अगस्त माह में २९ लोगों ने पहुंचकर प्लाज्मा दान किया. इसमें से ८ लोगों ने इर्विन अस्पताल में प्लाज्मा दान किया. जिसके जरिये १४ यूनिट तैयार किये गये, वहीं पीडीएमसी में २१ लोगोें ने अपना प्लाज्मा दान किया. जिसके जरिये ३२ यूनिट प्लाज्मा तैयार किया गया. इसके अलावा जारी सितंबर माह में अब तक इर्विन व पीडीएमसी में ७-७ लोगों ने पहुंचकर प्लाज्मा दान किया. जिसकी बदौलत १४-१४ यूनिट प्लाज्मा तैयार किया गया. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस समय प्लाज्मा दान को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा हर एक प्लाज्मा दानदाता को दो-दो हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. बावजूद इसके लोगों में प्लाज्मा दान करने को लेकर काफी हद तक उदासीनता है.
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कौन कर सकता है प्लाज्मा दान
बता दें कि, कोरोना मुक्त होने के २८ दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज प्राप्त कर चुका मरीज अपना प्लाज्मा अन्य मरीजों के इलाज हेतु दान कर सकता है. ऐसे में यदि देखा जाये तो विगत अगस्त माह के प्रारंभ तक जीतने भी मरीज कोरोना मुक्त होकर अपने घर लौट चुके है, वे सभी अन्य मरीजों के इलाज हेतु अपना प्लाज्मा दान करने के लिए पात्र है. लेकिन विडंबना यह है कि, कोरोना संक्रमण की विभिषिका झेलने के बाद सही सलामत अपने घर लौट चुके अधिकांश मरीज अन्य मरीजों की जान बचाने हेतु प्लाज्मा दान करने आगे नहीं आ रहे.