नागपुर/दि.20 – महाराष्ट्र सदन घोटाले की बंद पडी फाइल फिर खोलने का निर्णय राज्य सरकार ने किया हैं. राकांपा नेता छगन भुजबल सहित 14 आरोपियों के बरी के फैसले को उच्च न्यायालय में सरकार चुनौती देने जा रही हैं. इस प्रकरण में भुजबल को बंबई सत्र न्यायालय ने दोषमुक्त किया था. इस बारे में सरकार ने उच्च न्यायालय जाने के लिए कानून विशेषज्ञ की राय मांगी हैं.
विधि और न्याय विभाग ने सत्र न्यायालय के दोषमुक्ति के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की टिप्पणी प्रस्तुत की थी. महाविकास आघाडी सरकार के दौर में यह प्रकरण बंद कर दिया गया था. अब फाइल दोबारा खोली गई हैं. जिससे भुजबल पर कार्रवाई की संभावना बताई जा रही. न्याय व विधि विभाग व्दारा प्रस्ताव आने के बाद सभागृह में दिए आश्वासन के अनुसार इस प्रकरण में कार्रवाई करने की जानकारी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद पत्रकारों को दी.
* घोटाले का आरोप ऐसा
मुंबई के अंधेरी में आरटीओ के प्लॉट पर चमनकर बिल्डर को एसआरए की अनुमति देते हुए उसके बदले में दिल्ली के महाराष्ट्र सदन तथा मलबार हिल में सर्किट हाउस बनाकर देने का ठेका दिया गया था. इसके लिए कोई निविदा प्रक्रिया नहीं की गई. फिर चमनकर ने विकास के हक परस्पर बेचते हुए 20 की बजाए 80 प्रतिशत मुनाफा कमाया. उस 190 करोड रुपए के मुनाफे में से 13 करोड 50 लाख रुपए भुजबल को दिए जाने का आरोप हैं.