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मोदी के आगे विपक्ष चारों खाने चित

पावस सत्र में हुए भरपूर काम

* 17 विधेयक पारित
* राज्यसभा सांसद डॉ. बोंडे का दावा
अमरावती/दि.18- नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के सर्वोच्च और सर्वोत्तम विकास को प्राधान्य दिया है. इसलिए हाल ही में हुए वर्षाकालीन अधिवेशन में विपक्ष सभी मुद्दों पर ढेर हो गया. उसका न केवल अविश्वास प्रस्ताव चारों खाने चित हो गया, बल्कि दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक भी राज्यसभा में सरकार आसानी से पारित करवा ले गई. सत्र में 23 विधेयक पारित किए गए. भरपूर कार्य होने का दावा सांसद और जिला भाजपा अध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे ने आज दोपहर संवाददाता सम्मेलन में किया. उनके साथ इस समय प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नितिन गुडधे, किरण पातुरकर, विवेक गुल्हाने, रवींद्र खांडेकर मौजूद थे.
* विपक्ष उठकर भागा
डॉ. बोंडे ने दावा किया कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव सरकार के लिए अपने 9 वर्षो के काम जनता तक पहुंचाने का मौका दे गया. जिसका प्रधानमंत्री ने भरपूर फायदा भी उठाया. उन्होंने संसद में अब तक का सर्वाधिक लंबा सवा दो घंटे का संबोधन कर सरकार की उपलब्धियां गिनाई. मणिपुर मुद्दे पर भी पीएम बोले. दुर्भाग्य से विपक्ष वह सुनने सदन में मौजूद नहीं था. बोंडे ने कहा कि गत 9 वर्षो में मोदी सरकार ने देश हित में कई कार्य किए हैं. विकास कामों की झडी लगा रखी है उसकी विस्तार से जानकारी पीएम मोदी ने अपने अविश्वास प्रस्ताव पर उत्तर में दी.
* राईट टू रिप्लाय अवसर गंवाया
सांसद बोंडे ने दावा किया कि विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर मोदी के भाषण पश्चात विपक्ष को प्राप्त राईट टू रिप्लाय का अवसर भी खो दिया. जबकि प्रस्ताव सदन में रखनेवाले कांग्रेस नेता गोगोई को इसका अवसर नियमानुसार मिलने वाला था. वे पीएम मोदी की बातों का उत्तर दे सकते थे. बोंडे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने 2018 के अविश्वास प्रस्ताव दौरान 2023 में अविश्वास लाने की चुनौती विपक्ष को दी थी. वह सही सिद्ध हुई. अब फिर अगले वर्ष मोदी सरकार बनने जा रही है. प्रधानमंत्री ने 2028 में अविश्वास लाने की विपक्ष को चुनौती दे चुके हैं. डॉ. बोंडे ने पीएम व्दारा मन की बात करने मगर मीडिया सम्मेलन का सामना न करने संबंधी सवाल चतुराई से टाल दिया. वे मणिपुर में पुन: शांति स्थापित होने के पीएम के भरोसे को दोहराते रहे. इस विषय में बार-बार पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 6 वर्षो तक मणिपुर में शांति थी. वर्तमान अशांत हालात ब्रह्मदेश से आए घुसपैठियों के कारण हुए हैं.

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