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‘ जरांगे आंदोलन ’ की एसआयटी जांच के आदेश : नार्वेकर

आंदोलन के लिए पैसा दिया गया- फडणवीस

* विधान सभा में आशीष शेलार तो परिषद में प्रवीण दरेकर ने उठाई थी मांग
* पवार से सहयोग लेने का जरांगे द्बारा खंडन
मुंबई/ दि. 27- मराठा आरक्षण आंदोलक मनोज जरांगे के आंदोलन की एसआयटी जांच करने के आदेश विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आज दे दिए. दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी खुलकर जरांगे का सदन में नामोल्लेख कर आक्रमक रवैया बतलाया. जरांगे के आंदोलन को कौन पैसे दे रहा था, इस बात का धीरे-धीरे खुलासा होने का दावा कर फडणवीस ने कहा कि बडी साजिश रची गई थी. दूसरी ओर मनोज जरांगे ने राकांपा नेता शरद पवार की मदद लेने का खंडन किया है. बता दे कि जरांगे के विरूध्द सोमवार को अपराध दर्ज किया गया था. जिसके बाद जरांगे ने न केवल मुंबई में डीसीएम फडणवीस के बंगले पर जाना रद्द किया. बल्कि अपना 15 दिनों से चल रहा अनशन आंदोलन भी खत्म कर दिया.
* बेचिराख शब्द के कारण बढी तल्खी
बजट सत्र में आज दूसरे दिन की कार्रवाई आरंभ होते ही विधानमंडल के दोनों सदनों में सत्ताधीश दलों के सदस्यों ने ही मनोज जरांगे का विषय उठाया और विशेष जांच दल अर्थात एसआयटी से जांच करवाने की मांग की. विधानसभा में आशीष शेलार ने बहुत आक्रमकता से विषय रखा. मनोज जरांगे ने दो दिन पहले गृह मंत्री देवेंन्द्र फडणवीस पर कडे आरोप किए थे और महाराष्ट्र को ‘बेचिराख’ होने से बचाने जैसे शब्द का उपयोग किया था. उच्च सदन में भाजपा के प्रवीण दरेकर ने यह विषय उठाया. विरोधी पक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी एसआयटी जांच की मांग कर डाली.
* क्या कहा शेलार ने
भाजपा के मुंबई अध्यक्ष रहे आशीष शेलार ने कहा कि महाराष्ट्र बेचिराख करने का किसने तय किया ? क्या यह केवल धमकी है ? इसके पीछे क्या भूमिका है ? इसमें संदेह है क्या ? किसने षडयंत्र किया है ? ऐसे अनेक सवाल शेलार ने उपस्थित किए. उन्होेंने कहा कि कोर्ट कचहरी को भी हमें गंभीरता से लेना चाहिए. इसलिए शांत न बैठे रहें. इस प्रकार की विनती शेलार ने स्पीकर से की. जरांगे की भूमिका के कारण मराठा समाज की बदनामी होने की बात शेलार ने कही.
* जरांगे के पीछे कौन ?
शेलार ने कहा कि मनोज जरांगे ने जिस प्रकार की भाषा उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के विरोध में उपयोग में लायी है. जिसमें कहा गया था कि ‘तुला निपटून टाकू’. उसी प्रकार आपको आखरी मौका दे रहा हूं. ऐसी भाषा पर शेलार ने एतराज जताते हुए कहा कि जरांगे के पीछे कौन लोग है जो उसे ऐसा बोलने लगा रहे हैं ? इसकी एसआयटी जांच होनी चाहिए.
* विपक्ष के नेता ने किया समर्थन
विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जरांगे ने उन्हें भी हल्की भाषा में संबोधित किया था. पर हमने सुन लिया. जरांगे के वक्तव्यों के पीछे कौन है, इसकी सही में एसआयटी से जांच होनी ही चाहिए. उधर परिषद में प्रवीण दरेकर आक्रमक हो उठेे थे. उन्होंने भी विषय उपस्थित किया कि जरांगे के पीछे कौन है इसकी एसआयटी जांच होनी चाहिए. उसी प्रकार धमकी देनेवाले जरांगे को गिरफ्तार करने की मांग दरेकर ने उपस्थित की.
* फडणवीस आक्रमक- कोई मां-बहन निकालेगा तो ....
विधानसभा में डीसीएम देवेंद्र फडणवीस खासे आक्रमक नजर आए. उन्होंने बहुत साफ-साफ कहा कि पिछली बार मराठा समाज ने मोर्चे निकाले. वह शांतिपूर्ण रहे. इस बार बीड में क्या हुआ? राजनीति कौन से स्तर तक जा रही है. समाज को विघटित करने और तोडने का राजकारण शुरू है. किसके साथ फोटो दिख रहे हैं ? कौन पैसा पहुंचा रहा है? प्रत्येक बात अब निकलकर बाहर आ रही है. कुछ छुपता नहीं. कोई किसी की मां- बहन निकालेगा तो विपक्ष का हो या सत्तापक्ष का , कठोर भूमिका लेनी होगी. किसी के साथ भी ऐसा हुआ तो देवेंद्र फडणवीस उसके साथ मजबूती से सदैव खडा रहा है. मुझे मनोज जरांगे से कुछ लेना देना नहीं. किंतु उन्हें आगे कर उनके मुंह से कौन यह सब बोलने कह रहा है ? किसने वार रूम बनाया है. नवी मुंबई से क्या-क्या हो रहा है ? इसकी एसआयटी जांच होनी चाहिए. संंपूर्ण जांच कर साजिश का भंडाफोड करने का दावा फडणवीस ने सदन में किया. फडणवीस ने कहा कि इस विषय पर बोलने की उनकी इच्छा न थी. किंतु सभागार में यह विषय आने से उन्हें बोलना पड रहा है. मराठा समाज को मैंने आरक्षण सुविधा दी थी. उसे हाईकोर्ट में भी पास करवा लिया था. जब तक मुख्यमंत्री था तब तक सर्वोच्च न्यायालय में भी उसे टिकाए रखा. सारथी जैसी संस्था शुरू की. विद्यार्थियों को फीस में रियायत दी. होस्टल नहीं है जब तक विद्यार्थियों को निर्वाह भत्ता दिया. अन्ना साहब पाटिल आर्थिक विकास निगम के माध्यम से ऋण दिए गये. विविध प्रकार की योजनाएं, छात्रवृत्ति हमारे ही कार्यकाल में शुरू हुई. उसके बाद एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में योजना को सुदृढ किया गया. इसके लिए मराठा समाज के बारे में मुझे किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. मनोज जरांगे ने जो कुछ कहा उसके बाद भी मराठा समाज हमारे साथ है. फडणवीस ने कहा कि उनकी मनोज जरांगे को लेकर कोई शिकायत नहीं है. जरांगे की आड में कौन लोग है, उसे खोजना ही होगा. पथराव करने किसने कहा? पुलिस ने लाठी चार्ज क्यों किया ? यह सब अब बाहर आ रहा है. मनोज जरांगे को रात को घर से बाहर लानेवाले कौन हैं ? कौन उनसे मिलते रहे है ? किसके साथ बैठक हुई ? पुलिस पर पथराव करने किसने कहा, यह खुलासा आरोपी कर रहे हैं. फडणवीस ने सवाल उठाया कि पुलिस अपनी नहीं है क्या? पुलिस को मारना चाहिए क्या ?

पवार से कभी नहीं बात की, कोई मदद नहीं
मनोज जरांगे ने एसआयटी जांच की घोषणा पर कहा कि सभी की जांच हो जानी चाहिए. यह मुझे उलझाने का षडयंत्र रचा जा रहा है. अब तक उनका इतने निष्ठावान आंदोलक से पाला नहीं पडा, इसीलिए षडयंत्र शुरू हैं. जरांगे ने अस्पताल के बेड से यह प्रतिक्रिया दी. मैंने केवल मां कहा तो उन्हें मिर्ची लगी. जबकि हमारी मां-बहनों की छाती पर नाचे तो उस समय उन्हें कुछ क्यों नहीं लगा ? जरांगे ने मराठा आंदोलन के बारे में कहा कि आगजनी करनेवाले हमारे लोग नहीं है. शांति से आंदोलन करनेवाले ही हमारे हैं. मरने से नहीं डरता, मराठों को ओबीसी से आरक्षण दिलवाउंगा. समाज के लिए मर भी जाउ तो तैयार हूं. इसके लिए किस्मत चाहिए. शरद पवार से मिलने और सहायता लेने का खंडन कर जरांगे ने कहा कि उन्हें किसी की मदद नहीं मिली. उसी प्रकार वे अपनी निष्ठा बेच नहीं सकते. आपकी सत्ता के लिए मैं मराठा को फंसाउंगा क्या ?

 

 

 

 

 

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