अमरावती/दि.३० – जलसंपदा, कामगार, शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडू को एक फोन आता है. यह फोन किसी कार्यकर्ता, राजनीतिक क्षेत्र से नहीं बल्कि बच्चू भाऊ के मुंबई स्थित शासकीय निवास में अस्थायी पद्धति से मानधन पर काम करनेवाले नारायण का था. अनाथ नारायण ने भाऊ को फोन कर बताया कि उसने एमपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की है. यह खबर सुन बच्चू भाऊ का चेहरा भी खिल उठा. बच्चू भाऊ ने बताया कि नारायण की एमपीएससी परीक्षा के माध्यम से वनक्षेत्रपाल पद पर नियुक्ति हुई है.
बता दें कि नारायण इंगले अनाथ है. नारायण मूलत: लातुर का रहनेवाला है. वह बचपन में पुलिस को रेलवे स्टेशन पर मिला था. जालना के बाल न्यायालय ने उसको रिमांड होम में भेजा था. लातुर के बाल सुधारगृह में उसने कक्षा पहली से १० वीं की पढाई पूर्ण की व इसके बाद परभणी में पॉलिटेक्निक की पढाई पूर्ण की. बाद में इंजीनियरिंग की पढाई औरंगाबाद के समाजकल्याण होस्टल में पूर्ण की.
एमपीएससी की पढाई के लिए वह बीते २ से ३ वर्षों से राज्यमंत्री बच्चू कडू के सरकारी आवास पर रह रहा था. यहीं पर भाऊ के कार्यालय में अस्थायी तौर पर मानधन पर काम कर रहा था. एमपीएससी परीक्षा के माध्यम से हजारों छात्रों का प्रतिवर्ष चयन होता है. लेकिन नारायण इन सबसे अलग था. नारायण अनाथ होने से परीक्षा भर्ती प्रक्रिया में उसे हमेशा संघर्ष करना पड़ा. लेकिन अनाथों को आरक्षण घोषित होने के बाद नारायण ने परीक्षा दी और वह उत्तीर्ण भी की. राज्यमंत्री बच्चू कडू के प्रयासों से नारायण इंगले ने एमपीएसएसी की परीक्षा उत्तीर्ण की.