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…अन्यथा कोर्ट भी करना पड सकता है बंद

  •  दस दिनों में 6 वकील हो चुके है मौत का शिकार

  •  दो जज भी कोविड संक्रमण की चपेट में

  •  कोर्ट में हर ओर भीडभाड का माहौल

  •  अदालत परिसर में कोविड संक्रमण फैलने का पूरा खतरा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – इस समय जहां एक ओर सभी सरकारी महकमों में सीमित क्षमता के साथ कामकाज जारी रखने के निर्देश है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय में रोजाना सुबह 11 से 2 तथा 2.45 से 5 बजे तक दो सत्रोें में पूरी क्षमता के साथ प्रत्यक्ष कामकाज किया जा रहा है और जिला कोर्ट की सभी अदालतों में इन दिनों जबर्दस्त भीडभाड का माहौल है. वहीं दूसरी ओर विगत करीब 12 दिनोें के दौरान जिला कोर्ट से वास्ता रखनेवाले 6 वकीलों की मौत हो चुकी है. यद्यपि इन वकीलों की मौत के पीछे हार्टअटैक, हाई बीपी व शूगर जैसी वजहें बतायी जा रही है. किंतु अपृष्ट जानकारी के मुताबिक इनमें से अधिकांश कोरोना संक्रमित थे और कोरोना का संक्रमण ही उनकी जान जाने के पीछे मुख्य वजह रहा. इसी तरह इस समय जिला कोर्ट के एक सेशन जज व एक प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में है और कोरोंटाईन किये गये है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, यदि जिला कोर्ट में इसी तरह से भीडभाडवाली स्थिति रहीं और यहां पर संक्रमितों की संख्या बढी, तो एक बार फिर जिला कोर्ट को कुछ समय के लिए बंद करना पड सकता है.
बता दें कि, विगत वर्ष लॉकडाउन काल के दौरान अदालतों को भी लगभग बंद ही रखा गया था और बेहद अत्यावश्यक काम ही अदालतों में चल रहे थे. पश्चात अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद जहां हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाईन सुनवाई का काम शुरू हुआ, वहीं दूसरी ओर जिला कोर्ट में सीमित क्षमता के साथ कामकाज शुरू किया गया. इसके तहत बेहद जरूरी व आवश्यक रहनेवाले मामलों पर ही सुनवाई की जाने लगी और इसमें भी बहुत आवश्यक होने पर ही पक्षकारों को उपस्थित रहने की अनुमति दी जाती थी. पश्चात धीरे-धीरे अदालतों में कामकाज का समय बढाने के साथ ही नियमों को काफी हद तक शिथिल किया गया और इन दिनों तो अदालतों में हर कोई बेरोकटोक प्रवेश कर सकता है. हालांकि अदालत के मुख्य प्रवेश द्वार पर पुलिस कर्मियों की नियुक्ति करते हुए सैनिटाईजर और थर्मल गन की व्यवस्था की गई है. किंतु चूंकि पक्षकारों और वकीलोें के आने-जाने हेतु एक ही प्रवेशद्वार है. ऐसे में यहां पर भीडभाड की स्थिति में सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का जबर्दस्त उल्लंघन होता है. ऐसी स्थिति में यहां पर काम करनेवाले वकीलों और कर्मचारियों के कोविड संक्रमित होने का खतरा बना रहता है.
कोर्ट सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विगत 10-12 दिनोें के दौरान जिला कोर्ट से वास्ता रखनेवाले 6 वकीलों की विभिन्न कारणोें के चलते मौत हुई है. किंतु संयोग की बात यह रही कि, इसमें से लगभग अधिकांश वकील कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके थे और एक-दो वकील कुछ समय पहले ही कोविड मुक्त भी हुए थे. ऐसे में कहा जा सकता है कि, कोरोना संक्रमण की वजह से जिला कोर्ट के कुछ वकील मौत का शिकार हो गये. वहीं इस समय एक सेशन जज व एक प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी भी कोविड संक्रमित है और कोरोंटाईन किये गये है.
ऐसे में अब जिला कोर्ट के वकीलों द्वारा मांग की जा रही है कि, कोर्ट में भीडभाड की स्थिति को नियंत्रित करने के साथ ही कुछ हद तक सीमित क्षमता के साथ काम शुरू रखा जाये. कुछ वकीलों के मुताबिक पहले जहां कोर्ट में प्रवेश करनेवाले लोगों पर प्रवेशद्वार के पास ही कडाई से नजर रखी जाती थी और सीमित संख्या में लोगों को कोर्ट परिसर के भीतर प्रवेश दिया जाता था. वहीं इन दिनों एक-एक पक्षकार के साथ बिना वजह तीन से चार लोग कोर्ट परिसर में चले आते है. जिससे यहां काफी भीडभाड हो जाती है.

  •  कुछ कडे कदम उठाने जरूरी

इन दिनों कोर्ट परिसर में काफी अधिक भीडभाड होने लगी है और कोर्ट भी पूरा समय 100 फीसदी क्षमता के साथ काम कर रहा है. ऐसे में वकीलोें की भी पूरे समय तक कोर्ट में रहने की मजबूरी है. लेकिन इन दिनोें जिस तरह से समूचे शहर में कोविड संक्रमण का खतरा फैला हुआ है और रोजाना 300 से 400 नये संक्रमित मरीज पाये जा रहे है. उसे देखते हुए अदालत परिसर में भी संक्रमण फैलने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता. ऐसे में यहां पर भीडभाड की स्थिति को टालने हेतु कुछ कडे ऐहतियाती कदम उठाये जाने चाहिए.

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