अमरावती प्रतिनिधि/दि.26 – महाराष्ट्र राज्य में धनगर समाज की जनसंख्या अच्छीखासी है और इस समाज का संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने अनुसूचित जमाति संवर्ग में समावेश किया था, लेकिन ऐसा करते समय धनगर शब्द के अंतिम अक्षर र की बजाय ड डाल दिया गया. जिसकी वजह से घनगरों को आज तक अनुसूचित जमाति हेतु उपलब्ध सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. जिसके लिये धनगर समाज विगत 70 वर्षों से संघर्ष कर रहा है. ऐसे में यदि जल्द ही इस अन्याय को दूर नहीं किया गया, तो धनगर समाज द्वारा तीव्र आंदोलन करते हुए भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्रियों के घरों में अपनी भेड-बकरियां छोड दी जायेगी और उनके घरों के सामने घंटानाद आंदोलन किया जायेगा. इस आशय की चेतावनी सकल धनगर समाज द्वारा दी गई है.
स्थानीय श्रमिक पत्रकार भवन में बुलायी गयी पत्रवार्ता में उपरोक्त चेतावनी देने के साथ ही बताया गया कि, आगामी सोमवार 28 सितंबर को धनगर समाज द्वारा जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा जायेगा. साथ ही 5 अक्तूबर को सभी उपविभागीय अधिकारियों व तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपे जायेंगे. इसके बावजूद भी यदि इस समस्या का हल नहीं निकला तो फिर केंद्रीय मंत्रियों के घरों में धनगर समाज द्वारा भेड-बकरियां छोडते हुए घंटानाद आंदोलन किया जायेगा.
इस पत्रकार परिषद में सकल धनगर समाज के एड. दिलीप एडतकर, उमेश घुरडे, ज्ञानेश्वर ढोमणे, बालासाहब कोराटे, रमेश ढवले, डॉ. सदाशिव कालमेघ, राजेंद्र म्हस्के, छबू मानकर, सचिन कोल्हे, राकेश आगरकर, कैलाश निंघोट, शारदा ढोमणे, अशोक इसल, मनोज कचवे, सुनील वाघ, काशिनाथ फुटाणे व गौरव टाक आदि उपस्थित थे..