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… अन्यथा दुबारा लगाना पडेगा लॉकडाउन

  •  जिलाधीश शैलेश नवाल ने कोविड त्रिसूत्री नियमों के पालन को लेेकर किया आवाहन

  • संचारबंदी में छूट के दौरान सावधान व सतर्क रहने की अपील की

अमरावती/प्रतिनिधि  दि.2 – विगत दो माह से चले आ रहे लॉकडाउन तथा प्रशासन की ओर से उठाये गये कडे प्रतिबंधों के चलते कोविड संक्रमण की रफ्तार काफी हद तक नियंत्रण में आयी है और अब संक्रमितों की संख्या के साथ-साथ पॉजीटिविटी रेट में भी कमी आयी है. जिसके चलते संचारबंदी जारी रहने के बावजूद 1 जून से आम लोगोें को काफी छूट व शिथिलता दी गई है, ताकि लोगोें का व्यापार व रोजगार चल सके और उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना न करना पडे. इस दौरान सभी लोगों ने कोविड त्रिसूत्री नियमों का कडाई के साथ पालन करना चाहिए, ताकि संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में रहे. अन्यथा लोगों द्वारा लापरवाही बरतने पर संक्रमण एक बार फिर रफ्तार पकड सकता है और उस स्थिति में प्रशासन को मजबूरन दुबारा कडे प्रतिबंधात्मक कदम उठाने होंगे. ऐसा न हो, इस हेतु सभी लोगों ने अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर सजग व सतर्क रहते हुए प्रशासनिक नियमोें व निर्देशों का पालन करना चाहिए. इस आशय का आवाहन जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा किया गया है.
जिलावासियों के नाम जारी संदेश में जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा कि, लॉकडाउन काल के दौरान जिले के नागरिकों ने जिस तरह से प्रशासन का साथ व सहयोग दिया, उसके दम पर ही आज अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित हो पायी है और जिले में संक्रमितों की संख्या बडी तेजी से घटी है. यह जिले के लिहाज से एक राहतवाली स्थिति है. ऐसे में यह जरूरी है कि, नागरिकों द्वारा आगे भी नियमों व निर्देशों का पालन करते हुए प्रशासन के साथ सहयोग किया जाये, ताकि कोविड वायरस के संक्रमण को पूरी तरह से खत्म किया जा सके. इसके लिए बेहद जरूरी है कि, लॉकडाउन में छूट मिलने के बावजूद लोगबाग सार्वजनिक स्थानों पर निकलते समय मास्क पहने और सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करे. साथ ही सैनिटाईजर का प्रयोग करते हुए बार-बार अपने हाथों को धोकर साफ करे. इस त्रिसूत्री नियम का पालन करते हुए ही कोविड संक्रमण को हराया जा सकता है और यदि संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाता है, तो लॉकडाउन को भी पूरी तरह से खत्म कर दिया जायेगा. वहीं यदि नागरिकों की लापरवाही के चलते संक्रमण दुबारा रफ्तार पकडता है, तो सरकार एवं प्रशासन को मजबूरन एक बार फिर कडे प्रतिबंधात्मक नियम लागू करने पडेंगे.

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