… अन्यथा हम दीपाली की लाश नहीं लेंगे
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शोक संतप्त मां शकुंतला चव्हाण का कथन
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शिवकुमार के लिए मांगी फांसी की सजा
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बेटी के लिए कलपती मां को देखकर पसीजा सभी का दिल
अमरावती/प्रतिनिधि दि.26 – उन्होंने मेरी बेटी को बहुत सताया और खून के आंसू रूलाये. जिसकी वजह से मेरी बेटी ने तंग आकर अपनी जान दे दी. उन लोगों को जब तक फांसी देने की बात नही की जाती है, तब तक मैं अपनी बेटी की लाश अंतिम संस्कार के लिए नहीं लूंगी. इस आशय का विलाप दिवंगत आरएफओ दीपाली चव्हाण की शोकाकुल मां शकुंतला जनार्दन चव्हाण ने स्थानीय जिला शवागार में किया.
बता दें कि, गत रोज हरिसाल स्थित अपने सरकारी आवास पर अपनी सरकारी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आरएफओ दीपाली चव्हाण ने खुदकुशी कर ली थी. पश्चात धारणी पुलिस ने मौका ए वारदात का पंचनामा करते हुए दीपाली चव्हाण के शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला सामान्य अस्पताल के शवागार में लाया. जहां पर शुक्रवार को दीपाली चव्हाण के शव का पोस्टमार्टम किया गया. इस समय चव्हाण परिवार सहित दीपाली के ससुराल पक्ष मोहिते परिवार के सदस्य उपस्थित थे. इस पुरे मामले से बेहद व्यथित दीपाली की मां शकुंतला चव्हाण ने बताया कि, वे दीपाली के साथ हरिसाल में ही रहती थी और डीसीएफ शिवकुमार द्वारा दीपाली के साथ की जा रही प्रताडना से वाकिफ थी. दीपाली अक्सर ही ड्यूटी से वापिस आने के बाद शिवकुमार द्वारा किये गये अपमानास्पद व्यवहार से आहत होकर फूट-फूटकर रोया करती थी और मेलघाट से कहीं और तबादला करवाना चाहती थी. साथ ही उसने एसीएफ एम. एस. रेड्डी को भी शिवकुमार की हरकतों के बारे में बताया था. लेकिन उन्होंने भी दीपाली की कोई मदद नहीं की. जिससे परेशान होकर दीपाली ने अपनी जान दे दी. ऐसे में अब डीसीएफ शिवकुमार को फांसी की सजा होनी चाहिए और एसीएफ रेड्डी को भी जेल में डाला जाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है, तो वे अपनी बेटी की लाश को अंतिम संस्कार के लिए स्वीकार नहीं करेंगी.