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पडोले या धर्माले की लग सकती है लॉटरी

कल मनपा के स्थायी समिती सभापति पद का चुनाव

  • कल भाजपा कोअर कमेटी की नहीं हो पायी बैठक

  • कार्यकारिणी कर रही कुलकर्णी, रासने व बोमरे के नामों पर भी विचार

अमरावती/प्रतिनिधि दि.10 – स्थानीय महानगरपालिका की स्थायी समिति के सभापति का चयन करने हेतु गुरूवार 11 मार्च को पीठासीन अधिकारी के तौर पर जिलाधीश नवाल की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय स्थायी समिती की बैठक होने जा रही है. ऐसे में स्थायी समिती का अगला सभापति कौन होगा, इसे लेकर इस समय मनपा में जबर्दस्त ढंग से राजनीतिक गतिविधियां तेज है.
बता दें कि, 16 सदस्यीय स्थायी समिती में भाजपा के 8 सदस्य निर्वाचित है और इस स्पष्ट बहुमत के आधार पर विगत चार वर्षों की तरह मौजूदा सदन के पांचवे व अंतिम वर्ष में भी सभापति पद पर भाजपा का ही कब्जा रहना लगभग तय है. ऐसे में भाजपाई पार्षदों में इस समय सभापति पद को लेकर जबर्दस्त लॉबींग व फिल्डींग चल रही है. वहीं सभापति पद के दावेदारोें के नाम पर विचार करने हेतु गत रोज भाजपा कोअर कमेटी की एक बैठक भी होनेवाली थी, जो किसी कारणवश नहीं हो पायी. जानकारी के मुताबिक गत रोज तक स्थायी समिती सभापति पद की रेस में पार्षद स्वाती कुलकर्णी, गोपाल धर्माले, सचिन रासने व चंदू बोमरे को प्रमुख दावेदार माना जा रहा था. जिसमें से कुलकर्णी को संघ समर्थक, गोपाल धर्माले को डॉ. देशमुख गुट समर्थक, सचिन रासने को पार्षद भारतीय गुट समर्थक तथा चंदू बोमरे को पूर्व पालकमंत्री पोटे गुट समर्थक माना जाता है. वहीं स्थायी समिती सभापति पद के चुनाव से ठीक एक दिन पहले प्रमुख दावेदार के रूप में पार्षद रीटा पडोले का नाम उभरकर सामने आया है. ज्ञात रहें कि, रीटा पडोले ने विगत मनपा चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित होकर इतिहास रच दिया था और उनका चार वर्ष का कार्यकाल भी पूरी तरह से निर्विवाद रहा है. ऐसे में शहर भाजपा द्वारा पार्षद रीटा पडोले के ेनाम पर भी गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर इससे पहले रेस में रहनेवाले अन्य तीन पार्षदों को कुछ हद तक पीछे छोडते हुए रहाटगांव प्रभाग के पार्षद गोपाल धर्माले भी अब पूरी ताकत के साथ सभापति पद की रेस में आ गये है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष भाजपा की ओर से सभापति पद पर मनपा के इतिहास में पहली बार किसी महिला पार्षद को अवसर दिया गया था और राधा कुरील के रूप में मनपा को ेपहली बार महिला सभापति मिली थी. उम्मीद जतायी जा रही है कि, मनपा के आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए महिला मतदाताओं को लुभाने हेतु भाजपा द्वारा एक बार फिर स्थायी समिती सभापति पद पर किसी महिला पार्षद को ही मौका दिया जा सकता है. वहीं पार्षद रीटा पडोले के नाम को लेकर फिलहाल किसी तरह की कोई नाराजी भी नहीं देखी जा रही. ऐसे में अब सभी का ध्यान इस ओर लगा हुआ है कि, ऐन समय पर भाजपा की ओर से सभापति पद हेतु किस पार्षद का नाम आगे बढाया जाता है. साथ ही उत्सूकता इस बात को लेकर भी है कि, सभापति पद का चुनाव आम सहमति के साथ निर्विरोध होता है अथवा इसके लिए विपक्षी दलों द्वारा मैदान में अपना उम्मीदवार उतारे जाने पर मतदान कराये जाने की नौबत आती है.

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