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पंढरपूर वारी की अनुमति मिले

संत वासुदेव महाराज संस्था ने की मांग

  •  नाना पटोले को सौंपा गया ज्ञापन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.12 – अकोट स्थित श्री संत वासुदेव महाराज ज्ञानपीठ संस्था की ओर से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि, संस्था को कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों के तहत आषाढी एकादशी पर पंढरपूर वारी करने की अनुमति प्रदान की जाये.
इस संदर्भ में संस्था के अध्यक्ष हभप वासुदेवराव महल्ले द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि, श्री संत वासुदेव महाराज ने वर्ष 1917 से पंढरपुर की वारी करनी शुरू की थी और उन्होंने वर्ष 2009 तक पंढरपूर की वारी की थी. इस परंपरा को आगे बढाते हुए संस्था द्वारा वर्ष 2010 से पंढरपूर वारी की परंपरा शुरू की गई. किंतु गत वर्ष कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर स्थित श्री रूक्मिणी देवी संस्थान की पालखी के साथ संत वासुदेव महाराज की चरण पादुका व एक प्रतिनिधी को वारी करने की अनुमति दी गई थी. वहीं अब चूंकि कोविड संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो चुका है. अत: संस्था को स्वतंत्र वाहन के जरिये श्री संत वासुदेव महाराज की रजत मूर्ति, चरणपादुका, पालखी व दस वारकरियों के साथ पंढरपुर वारी करने की अनुमति प्रदान की जाये.
ज्ञापन सौंपते समय गजानन शेटे, मधुकर महल्ले, शिरीष ढवले, अशोक तायडे, गजानन हिरूलकर, श्यामबाबा निचत, बाबाराव आमले, जयदीप सोनखासकर व शंकर महल्ले आदि उपस्थित थे.

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