‘लॉकडाउन’ की दहशत, मजदूर लौटने लगे अपने गांव
एक वर्ष पूर्व के अनुभव याद आने लगे श्रमिकों को
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अनेकों ने पैदल काटा था 100 से 150 किमी का सफर
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२२ – पिछले वर्ष जब कोरोना महामारी का संकट समूचे देश पर आन पडा था. तब केवल महाराष्ट्र राज्य ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार ने समूचे देश में पहले दौर में 15 दिन का ‘लॉकडाउन’ घोषित किया था. तब जिले की मेलघाट तहसील रहे या परप्रांत में काम करने वाले मजदूरों ने लॉकडाउन के पहले 15 दिन वे जहां पर काम कर रहे थे, वहीं बिताये, लेकिन जब ‘लॉकडाउन’ की समय सीमा बढती गई और काम बंद रहने से जेब के पैसे खत्म हो जाने से इन मजदूरों के दो वक्त की रोटी के वांदे होने लगे थे. तब अधिकांश मजदूर अपने साथ आने वाले परिजनों को लेकर सैकडों मैल का फासला पैदल काटते गए. फिलहाल कोरोना का कहर फिर से बढने लगा है और अमरावती, अचलपुर, अकोला, मुर्तिजापुर, अकोट आदि तहसीलों में 7 दिन का संपूर्ण ‘लॉकडाउन’ कल प्रशासन ने घोषित किया है. इस ‘लॉकडाउन’ का नाम सुनते ही इन मजदूरों के रौंगटे खडे हुए और एक वर्ष पहले जो मुसिबत उनपर आन पडी वह फिर आने के डर से मजदूरों ने अभी से ही अपना बोरिया-बिस्तर समेटना शुरु कर दिया. शहर में काम की तलाश में आये हुए अनेकों मजदूर दो दिन पहले से ही अपने घर की ओर बढना शुरु है.
शहर के राजपुत चौक पर कुछ मजदूर अपने परिजनों के साथ गांव लौटने की तैयारी में देखे गए. वहीं इर्विन चौक से मजदूर का एक परिवार गांव से अपने साथ लाई हुई घोडागाडी में परिवार के साथ फिर से अपने गांव की ओर लौडते हुए हमारे फोटोग्राफर ने उन्हें कैमरे में कैद किया. उल्लेखनीय है कि पिछले बार जब कोरोना की शुरुआत में ‘लॉकडाउन’ शुरु हुआ था. उस समय भी ‘लॉकडाउन’ की घोषणा के एक दिन पहले जनता कर्फ्यु की घोषणा की गई थी. उसके बाद जब कोरोना नियंत्रण में आने लगा ओैर धिरे-धिरे ‘लॉकडाउन’ शिथिल होते गया. तब बाहरी गांव, जिले, प्रांत से शहर में आये हुए मजदूर फिर से लौट आये थे. तब से वे यही पर रह रहे थे. अब कोरोना की दूसरी लहर का अंदेशा प्रशासन ने व्यक्त किया है और पिछले वर्ष की तुलना में कोरोना संसर्ग की रफ्तार भी तेजी से बढ रही है. इस कोरोना प्रादुर्भाव का बढता संसर्ग को तोडने कल अमरावती समेत अकोला, वर्धा, यवतमाल और नागपुर में जनता कर्फ्यु की घोषणा की गई और आज रात 8 बजे से अमरावती शहर और अचलपुर तहसील में संपूर्ण ‘लॉकडाउन’ की घोषणा की गई. यह घोषणा करते समय प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ‘लॉकडाउन’ 7 दिन का रहेगा, लेकिन संक्रमण की रफ्तार इसी तरह कायम रही तो इसे बढाया भी जा सकता है. इस कारण अमरावती में काम करने वाले श्रमिक अब दहशत में आ गए ओर उन्होंने अभी से ही अपने गांव का रास्ता देखना शुरु कर दिया है.