जब्त 8 पन्ने पर हस्ताक्षर का हिस्सा फटा हुआ मिला
मामला जिला मध्यवर्ती बैंक में कमिशन घोटाले का
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सबूत नष्ट करने का प्रयास किये जाने की बात स्पष्ट
अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – किसानों की अपनी बैंक के रुप में समूचे जिले में पहचानी जाने वाली अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक व्दारा म्युच्यूअल फंड में निवेश किये गए 700 करोड रुपए के बदले में 3 करोड 39 लाख रुपए की कमीशन घोटाले की जांच आयुक्तालय पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है. 4 दिन पहले जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक शिवाजी बचाटे ने इर्विन चौक स्थित जिला मध्यवर्ती बैंक के मुख्य कार्यालय के लेखा विभाग में लगभग 3 घंटे छानबीन करते हुए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये थे. जब्त किये हुए दस्तावेज में से 8 से 9 कागजातों पर हस्ताक्षर का ही हिस्सा फटा हुआ रहने की सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है. जिससे सबूत नष्ट करने का प्रयास किये जाने की बात स्पष्ट हो रही है.
जिला मध्यवर्ती बैंक व्दारा आरबीआई और नाबार्ड के दिशा निर्देशो का उल्लंघन कर निप्पान म्युच्यूअल फंड में 700 करोड रुपए के निवेश के मामले में 3 करोड 39 लाख रुपए का कमिशन ब्रोकर को दिये जाने की बात बैंक के ऑडिट में स्पष्ट हो जाने के बाद बैंक पर नियुक्त पूर्व प्रशासक सतीश भोसले ने इस मामले में कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की थी. उसके बाद बेैंक के नए प्रशासक संदीप जाधव ने 15 जून को विस्तृत रिपोर्ट कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज करने के बाद पुलिस ने बैंक के अधिकारी, कर्मचारी व शेअर ब्रोकर समेत 11 लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किये थे. इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी जाने के बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने 4 दिन पहले बैंक के लेखा विभाग में जाकर वहां के दस्तावेजों की छानबीन की. कुछ फाईल इस समय जब्त भी किये गए तब कुछ कागजातों पर जहां पहले हस्ताक्षर किये गए थे, हस्ताक्षर का वह हिस्सा फाडे जाने की बात दिखाई दी है. जिन कागजातों पर हस्ताक्षर का निचला हिस्सा फाडा गया, वह दस्तावेज निश्चित कौनसे मुद्दे से संबंधित थे, इस संदर्भ में पुलिस ने और कुछ जानकारी देना मात्र टाल दिया. कागजातों पर का हिस्सा क्यों फाडा गया? इस बाबत पुलिस ने फिर जिला बैंक के लेखा विभाग में जाकर जानकारी ली. विशेष यह कि म्युच्यूअल फंड में निवेश करते समय ब्रोकर की नियुक्ति किसने की?, संचालक, कर्मचारी या कंपनी?, इस बाबत जांच यंत्रणा के हाथों में कुछ नहीं लगा. फर्जी स्लिप किसने लायी, नोटशिट किसने तैयार की, इसके साथ ही अनेकों महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित जांच शुरु है.