ऑटो चालकोें के ‘लेफ्ट-राईट’ से यात्री परेशान
यातायात नियमों का धडल्ले से उल्लंघन
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यात्री लेने बीच रास्ते में रूक जाते है ऑटो
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ड्राईवर के बगल में बिठाये जाते है चार यात्री
अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – शहर के मुख्य रास्तों पर इन दिनों ऑटो चालकोें की अनुशासनहिनता और मनमानी धडल्ले से चल रही है. जिसकी वजह से यात्रियों सहित आम नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पडता है. ऑटोचालकों द्वारा यातायात नियमों का तो पालन किया ही नहीं जाता, बल्कि ओवरसीट वाहन चलाने के साथ-साथ यात्री लेने की प्रतिस्पर्धा में बीच सडक पर ऑटो रोक दिया जाता है. जिससे ऑटो में सवार लोगों के साथ-साथ सडक से गुजरनेवाले अन्य लोगों के साथ कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है. हालांकि शहर यातायात शाखा के प्रभारी सहायक आयुक्त अनिल कुरलकर द्वारा यातायात नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय योजनाओं पर काम करना शुरू किया गया है. किंतु ऑटोचालकोें की अनुशासनहिन दौड-भाग पर नियंत्रण लाया जाना बेहद जरूरी है, क्योेंकि शहर की सडकों पर ऑटो रिक्शा का मनमाने ढंग से ‘लेफ्ट-राईट’ होना अब हमेशा की बात हो गई है.
उल्लेखनीय है कि, ऑटो रिक्शा में मुख्य तौर पर केवल तीन यात्रियों को बिठाने की अनुमति होती है. किंतु इसके बावजूद ऑटो रिक्शा में आठ से दस यात्री बिठाये जाते है और यात्रियों को अपनी जान मुठ्ठी में लेकर यात्रा करनी पडती है. कई ऑटोरिक्शा चालकों ने अपने ऑटो के पीछे जाली लगा रखी है. वहां पर भी यात्री बिठाये जाते है. साथ ही ऑटो रिक्शा में साउंड सिस्टीम के बॉक्स लगाकर उस पर भी यात्री बिठाये जाते है. कई बार ऑटो चालक के बगल में ड्राईविंग सीट पर दो से चार यात्री बिठाये जाते है. जिन्हें चौक में यातायात पुलिस दिखाई देने पर नीचे उतार दिया जाता है और आगे बुलाया जाता है. पश्चात चौक पार करने के बाद यात्रियोें को दुबारा ड्राईविंग सीट बिठाकर अगले गंतव्य की यात्रा शुरू हो जाती है.
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इन स्थानों पर चलती है ऑटो चालकों की मनमानी
– बस स्थानक
बस स्थानक के समक्ष साईकिल स्टैण्ड के पास ऑटो लगाये जाते है. यहां पर यातायात पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कई ऑटोचालकोें की मनमानी चलती रहती है और यातायात पुलिस की आंखों के सामने क्षमता से अधिक यात्रियों को ऑटो में बिठाया जाता है.
– रेल्वे स्टेशन
अमरावती रेल्वे स्टेशन पर रोजाना सुबह व शाम के समय ऑटो चालकों की काफी भीडभाड रहती है. सभी ऑटो रिक्षा रेल्वे स्टेशन के भीतरी प्रवेश द्वार के सामने खडे रहते है और एक-एक यात्री को अपनी ओर खींचने के लिए ऑटो चालकों में काफी प्रतिस्पर्धा भी देखी जाती है.
– बडनेरा रेल्वे स्टेशन
बडनेरा रेल्वे स्टेशन से बाहर निकलते ही ‘चलो अमरावती’ का स्वर सुनाई देता है. यहां पर कई बार ऑटो चालकों व यात्रियों के बीच वाद-विवाद व झगडे की स्थिति भी बनती है. साथ ही कई बार ऐसे मामले पुलिस थाने तक भी पहुंचे है.
– मनमाना किराया
शहर में कई स्थानों पर समय के अनुसार अलग-अलग किराया लिया जाता है.
– रात के समय तो ऑटो चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूल किया जाता है.
– हर ऑटो चालक की ओर से अलग-अलग किराया बताया जाता है. यानी एक ही गंतव्य के लिए कोई तय किराया नहीं है. जिसकी वजह से यात्रियों का नुकसान होता है.
– किराया सुनने के बाद ऑटो में बैठने से इन्कार करने पर ‘पहली बार आये क्या’ और ‘पहली बार जा रहे क्या’ जैसे व्यंगात्मक शब्द भी सुनाई देते है.
– कुल मिलाकर अमरावती में ऑटो चालकों की ओर से न तो यातायात नियमों का पालन किया जा रहा है और न ही किराये को लेकर ही कोई निश्चित दरें है. जिससे आम नागरिकों सहित यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है.