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रेलवे की नीति पर कोर्ट की मुहर

सफर में सामान चोरी गया तो यात्री स्वयं जिम्मेदार
दिल्ली दि.16– ट्रेन यात्रा के दौरान आपकी कोई भी मौल्यवान वस्तु अथवा सामान अथवा नकदी चोरी होने या गुम जाने पर रेलवे इसके लिए बिल्कुल जिम्मेदार नहीं है. यह आपकी अपनी जवाबदारी है. सर्वोच्च न्यायालय ने रेलवे को जिम्मेदारी से छूट दी. उपभोक्ता मंच का फैसला उच्चतम न्यायालय ने पलट दिया. मंच ने उपभोक्ता को व्यापारी के सफर दौरान चोरी गए 1 लाख रुपए लौटाने का आदेश दिया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
दरअसल मामला एक व्यापारी के 2005 में रेल सफर दौरान जेब से लाख रुपए चोरी हो जाने से संबंधित रहा. उसने शिकायत दी थी कि उसके पैसे कमर की जेब में थे. रात को वह सो गए तडके आंख खुली तो उनकी पैंट फटी थी. पैसे गायब थे. उन्होंने दिल्ली स्टेशन पर उतरने के बाद जीआरपीएफ में शिकायत दी.
कुछ दिनों बाद शाहजहांपुर जिला उपभोक्ता मंच में शिकायत दी. उन्होंने चोरी गए लाख रुपए 18 प्रतिशत ब्याज सहित फटी हुई पैंट के 400 रुपए भी रेलवे से दिलाने का निर्देश देने का अनुरोध मंच से किया था. रेलवे की लापरवाही से चोरी होने का आरोप लगाया था.
रेलवे ने उत्तर में कहा कि, पंजीकृत वस्तु की चोरी हुई तो रेलवे जिम्मेदार है. प्रत्येक स्टेशन पर सावधान रहने की सूचनाएं लिखी गई है. इसके अलावा अपने सामान की रक्षा स्वयं करने के लिए कहा जाता है. जीआरपीएफ और राज्य सरकार के अधीन रेलवे यात्रियों की और सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. कोर्ट ने रेलवे को राहत देते हुए कहा कि यात्रा दौरान अपने सामान असबाब का ध्यान रखना मुसाफिर का दायित्व है.

 

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