
अमरावती प्रतिनिधि/दि.३ – विगत रविवार को लापता हुए और सोमवार की सुबह घर के कुएं में मृत पाये गये डेढ माह आयुवाले धैर्य परमार के अपहरण व हत्या के मामले की गुत्थी अब तक सुलझ नहीं पायी है और पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है. इसी बीच गुरूवार की सुबह धैर्य परमार के पिता मनीष कामेश्वरसिंह परमार का बिहार से अमरावती आगमन हुआ और यहां आते ही वे सीधे राजापेठ पुलिस थाने पहुंचे. जहां पर राजापेठ थाने के अधिकारियों द्वारा उनसे पूरा दिन बातचीत करते हुए उनका विस्तृत बयान दर्ज किया गया. इस दौरान पुलिस ने मृत बच्चे के पिता मनीषसिंह से उनके पारिवारिक रिश्ते के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की गई.
बता दें कि, स्थानीय प्रभात कालोनी निवासी दिलीप चौहान ग्रामीण पुलिस दल में एएसआई के रूप में तैनात थे और उनकी सोमवार 30 नवंबर को ही सेवानिवृत्ति हुई है. इससे एक दिन पहले 29 नवंबर की दोपहर वे अपनी पत्नी जयश्री चौहान के साथ किसी विवाह समारोह में गये हुए थे. इस समय घर पर उनका बेटा प्रणव चौहान और उनकी विवाहित बेटी नम्रता परमार व उसके डेढ माह के बेटे धैर्य ही थे. करीब डेढ बजे के आसपास नम्रता अपने बेटे धैर्य को दूध पिलाकर वॉश रूम में गयी. इस समय धैर्य अपने पलंग पर था और प्रणव चौहान किसी दूसरे बेडरूम में बैठकर टीवी देख रहा था. जब नम्रता वॉश रूम से बाहर आयी तो उसे धैर्य अपने पलंग पर दिखाई नहीं दिया. जिसकी वजह से उसे लगा कि, शायद प्रणव उसे अपने कमरे में ले गया होगा और वह धैर्य को देखने प्रणव के कमरे में पहुंची, लेकिन प्रणव अपने साथ धैर्य को नहीं ले गया था. यह बात पता चलते ही दोनों भाई-बहन ने पूरे घर में धैर्य की तलाश की. साथ ही अपने माता-पिता को इस बारे में इतिल्ला दी. पश्चात सूचना मिलने पर पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर धैर्य की तलाश शुरू की, लेकिन बच्चे का कहीं पता नहीं चल पाया. वहीं दूसरे दिन सुबह धैर्य का शव घर के आंगन में स्थित कुएं में देखा गया. जिसे पुलिस ने पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि, धैर्य को जिंदा ही कुएं के पानी में फेंक दिया गया था और फेफडों में पानी घुस जाने की वजह से उसकी कुएं में डूबकर मौत हो गयी.
इस घटना को घटित हुए अब चार दिन का समय बीत चुका है. किंतु पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा पायी है कि, इस जघन्य वारदात को किसने अंजाम दिया. वहीं शहर में इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही है. साथ ही पुलिस द्वारा भी दावा किया गया है कि, आरोपी कौन है, यह समझ में आ चुका है, लेकिन अभी कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिलना बाकी है. जिसके बाद ही आरोपी के गिरेबान पर हाथ डाला जायेगा. ऐसे में अब तक इस मामले को लेकर सस्पेन्स बरकरार है. वहीं मूलत: बिहार निवासी मनीष परमार भी अब अमरावती पहुंच चुके है. ऐसे में पुलिस को उम्मीद है कि, इस मामले की जांच को कोई दिशा मिल सकेगी.