धैर्य की मां व मामा को दुबारा लाया गया थाने
राजापेठ पुलिस ने बदला अपनी जांच का तरीका
-
दोनों से चल रही कडी पूछताछ, आज शाम तक हो सकता है राजफाश
अमरावती प्रतिनिधि/दि.4 – स्थानीय न्यू प्रभात कालोनी परिसर में धैर्य नामक डेढ माह के बच्चे के अपहरण और हत्या की वारदात को घटित हुए पांच दिन हो गये है और अब तक इस मामले में पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच पायी है. हालांकि पुलिस द्वारा पहले दिन से यह दावा किया जा रहा था कि, आरोपी उनकी नजर में आ चुका है और कुछ महत्वपूर्ण कडियां जुडते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. किंतु पांच दिन का समय बीत जाने के बावजूद वह कडी अब तक जुड नहीं पायी है. इस बीच शुक्रवार की सुबह 11 बजे राजापेठ थाना पुलिस ने बच्चे की मां नम्रता मनीषसिंह परमार और बच्चे के मामा प्रणव चौहान को पूछताछ के लिए थाने लाया. जहां पर इन दोनों पूरा दिन अलग-अलग कमरों में बिठाकर पूछताछ की जा रही है. वहीं इससे पहले गत रोज बिहार के छपरा से अमरावती पहुंचे धैर्य के पिता मनीषसिंह परमार ने अपना बयान राजापेठ थाना पहुंचकर दर्ज कराया था और शुक्रवार को भी मनीष परमार पूरा समय राजापेठ पुलिस थाने में मौजूद रहे. जहां पर थानेदार किशोर सूर्यवंशी व उनकी टीम द्वारा बच्चे की मां व मामा से लगातार पूछताछ की जा रही है.
बता दें कि, स्थानीय प्रभात कालोनी निवासी दिलीप चौहान ग्रामीण पुलिस दल में एएसआई के रूप में तैनात थे और उनकी सोमवार 30 नवंबर को ही सेवानिवृत्ति हुई है. इससे एक दिन पहले 29 नवंबर की दोपहर वे अपनी पत्नी जयश्री चौहान के साथ किसी विवाह समारोह में गये हुए थे. इस समय घर पर उनका बेटा प्रणव चौहान और उनकी विवाहित बेटी नम्रता परमार व उसके डेढ माह के बेटे धैर्य ही थे. करीब डेढ बजे के आसपास नम्रता अपने बेटे धैर्य को दूध पिलाकर वॉश रूम में गयी. इस समय धैर्य अपने पलंग पर था और प्रणव चौहान किसी दूसरे बेडरूम में बैठकर टीवी देख रहा था. जब नम्रता वॉश रूम से बाहर आयी तो उसे धैर्य अपने पलंग पर दिखाई नहीं दिया. जिसकी वजह से उसे लगा कि, शायद प्रणव उसे अपने कमरे में ले गया होगा और वह धैर्य को देखने प्रणव के कमरे में पहुंची, लेकिन प्रणव अपने साथ धैर्य को नहीं ले गया था. यह बात पता चलते ही दोनों भाई-बहन ने पूरे घर में धैर्य की तलाश की. साथ ही अपने माता-पिता को इस बारे में इतिल्ला दी. पश्चात सूचना मिलने पर पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर धैर्य की तलाश शुरू की, लेकिन बच्चे का कहीं पता नहीं चल पाया. वहीं दूसरे दिन सुबह धैर्य का शव घर के आंगन में स्थित कुएं में देखा गया. जिसे पुलिस ने पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि, धैर्य को जिंदा ही कुएं के पानी में फेंक दिया गया था और फेफडों में पानी घुस जाने की वजह से उसकी कुएं में डूबकर मौत हो गयी. महज कुछ मिनटों के भीतर घटित इस घटना के तथ्यों को देखकर राजापेठ पुलिस का सिर भी चकरा गया. इस घटना का न तो कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह है, न ही अपराधी के बारे में कोई पुख्ता सबूत ही मिल पा रहा है. ऐसे में राजापेठ थाना पुलिस काफी फूूंक-फूंककर कदम उठा रही है और मामले को हर एंगल से जांचा जा रहा है.
ज्ञात रहें कि राजापेठ थाना पुलिस ने इससे पहले भी नम्रता परमार और प्रणव चौहान को थाने बुलाकर उनसे पूछताछ की थी. बाद में घर जाने दिया था. वहीं मृतक बच्चे के पिता मनीष परमार द्वारा दिये गये बयान में कुछ काम की बात मिलने पर राजापेठ थाना पुलिस ने इन दोनोें भाई-बहन को शुक्रवार की सुबह 11 बजे एक बार फिर पूछताछ के लिए थाने में तलब किया. जहां पर उनसे पूरा दिन अलग-अलग बिठाकर पूछताछ की गई और घटनावाले दिन का सिलसिलेवार ब्यौरा हासिल किया गया. हालांकि समाचार लिखे जाने तक यह पता नहीं चल पाया कि, गत रोज मनीष परमार ने और आज नम्रता परमार व प्रणव चौहान ने पूछताछ के दौरान पुलिस को क्या बयान दिया है. लेकिन पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि, शुक्रवार की शाम तक इस पूरे मामले का पर्दाफाश हो जायेगा.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, नम्रता परमार और प्रणव चव्हाण को पूछताछ हेतु थाने में लाये जाने के तुरंत बाद शहर पुलिस महकमे के वरिष्ठ अधिकारी भी राजापेठ थाने पहुंचने शुरू हो गये और सभी अधिकारियों द्वारा बडे गंभीरतापूर्वक इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक राजापेठ थाना पुलिस शुक्रवार की शाम तक आरोपी का नाम उजागर करते हुए उसे अपनी हिरासत में ले सकती है.