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कॉन्ट्रैक्ट किलींग मामले में पाटिल को मिली हाईकोर्ट से जमानत

यवतमाल जिले के बहुचर्चित राठोड हत्याकांड का मामला

नागपुर/प्रतिनिधि दि.११ – मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने यवतमाल जिले के बहुचर्चित विनय राठोड हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपी राहुल पाटिल को जमानत देना स्वीकार करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये है.
दोषारोप पत्र के मुताबिक 10 दिसंबर 2019 को अपरान्ह 4 बजे यवतमाल के निकट लोहारा बायपास के पास विनय राठोड पर कुछ लोगों ने घातक हथियारों से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी. इस समय मृतक राठोड का एक मित्र भी इस हमले में बुरी तरह घायल हुए थे. घायल व्यक्ति सहित मौके पर मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर लोहारा थाना पुलिस ने पांच से छह आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और जांच में पता लगाया था कि, राहुल पाटिल ने विनय राठोड को मारने का षडयंत्र रचा था और कुछ लोगों को इस काम की सुपारी दी गई थी. जांच के दौरान इस घटना में मृतक की प्रेमिका की भागीदारी भी सामने आयी थी. जिसके बाद पुलिस ने दो महिलाओें समेत कुल 11 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत हत्या का अपराध दर्ज करते हुए अदालत में अपनी चार्जशीट पेश की थी. जहां पर सत्र न्यायालय ने मुख्य आरोपी राहूल पाटिल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. पश्चात राहुल पाटिल द्वारा एड. परवेज मिर्जा के जरिये नागपुर हाईकोर्ट में सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए जमानत हेतु आवेदन पेश किया गया. जहां पर न्या. झेड. ए. हक व न्या. अमित बोरकर की खंडपीठ ने इस याचिका पर दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद आरोपी राहुल पाटिल को जमानत देना मंजूर किया. इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. परवेज मिर्जा ने सफलतापूर्वक पैरवी की. इस काम में उन्हें एड. युसुफ खान व एड. आशिष चौबे ने सहयोग किया.

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