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पत्रकार महाजन पर हुए हमले पर पीसीआई गंभीर

प्रेस काउंसिंल ऑफ इंडिया ने ली सुमोटो एक्शन

* राज्य सरकार से मंगवाई रिपोर्ट, सत्यशोधन समिति भी गठित
* पाचोरा में पत्रकार संदीप महाजन पर विधायक पाटिल के गुंडों ने किया था हमला
मुंबई/दि.18 – राज्य के जलगांव जिला अंतर्गत संदीप महाजन नामक पत्रकार पर विधायक किशोर पाटिल के गुंडों द्बारा हमला किया गया था. जिसकी गंभीरतापूर्वक दखल लेते हुए राज्य के 13 पत्रकार संगठनों ने राज्यपाल से मुलाकात करते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करने का निवेदन किया था. साथ ही गत रोज इस घटना का निषेध करने हेतु राज्य में विभिन्न स्थानों पर पत्रकारों ने पत्रकार संरक्षण कानून के अध्यादेश की होली जलाई थी. वहीं अब इस घटना की जानकारी मिलते ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्वसंज्ञान लेते हुए सुमोटो एक्शन ली है. जिसके तहत प्रेस काउंसिल द्बारा महाराष्ट्र सरकार को नोटीस जारी करते हुए इस संदर्भ में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. साथ ही प्रेस काउंसिल ने एक सत्यशोधन समिति भी स्थापित की है. यह समिति पाचोरा जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी का आकलन करेगी. जिसके उपरान्त आगामी सोमवार को प्रेस काउंसिल की दिल्ली में बैठक होगी.
उक्ताशय की जानकारी देते हुए महाराष्ट्र से प्रेस काउंसिल के सदस्य रहने वाले पराग करंदीकर ने बताया कि, वे इस बैठक में महाराष्ट्र में पत्रकारों पर लगातार बढते हमलों का मुद्दा उपस्थित करने वाले है. पराग करंदीकर से मुंबई मराठी परिषद के एस. एम. देशमुख ने मुलाकात करते हुए महाराष्ट्र में पत्रकारों पर लगातार बढ रहे हमलों को लेकर अपनी चिंता जताई थी और इस संदर्भ में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्बारा ध्यान दिए जाने का निवेदन किया था.

* सरकार को पत्रकार सुरक्षा पर गंभीर होना ही होगा
इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य तथा दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल ने कहा कि, महाराष्ट्र में इससे पहले भी वर्ष 2014 में परभणी जिलांतर्गत पूर्णानगर में एक पत्रकार के परिवार पर एसिड अटैक का प्रयास किया गया था. तब मेरी ही अगुवाई में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सत्यशोधन कमिटी बनी थी और हमारे रिपोर्ट के आधार पर पत्रकार परिवार पर हमला करने वाले आरोपी की संपत्ति कुर्क करते हुए उन पर मोक्का लगाया गया था. इस बार भी मैंने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव से बात की है और मुझे खुशी है कि, काउंसिल की अध्यक्षा रंजना प्रकाश देसाई ने सुमोटो एक्शन लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. परंतु जो सरकार पत्रकार संरक्षण कानून रहने के बावजूद भी इस मामले में उक्त कानून की धाराएं नहीं लगा सकी है, उससे सही रिपोर्ट मिलने की संभावना भी नहीं है. ऐसे में काउंसिल की सत्यशोधन कमिटी निश्चित तौर पर पाचोरा का दौरा करने पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जिसके आधार पर केंद्र सरकार ने अपनी सिफारिशे करते हुए इस मामले में अपनी कार्रवाई करनी चाहिए. मुंबई मराठी परिषद के नेतृत्व में कल 17 अगस्त को राज्य में 353 स्थानों पर पत्रकारों ने इस घटना का निषेध करते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून के अध्यादेश की होली जलाई है. इसे सरकार ने गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए. वहीं दूसरी तरफ पता चला है कि, पाचोरा के जिस पत्रकार संदीप महाजन के साथ मारपीट की गई, अब उसे समझौते के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि, ग्रामीण क्षेत्र से वास्ता रखने वाला फ्रीलॉन्सर पत्रकार संदीप महाजन अपने परिवार की सुरक्षा के लिए विधायक पाटिल के साथ समझौता भी कर ले, यदि ऐसा होता है तो मान लेना चाहिए कि, पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बनाया गया कानून पूरी तरह से बेअसर है.

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