अमरावतीमुख्य समाचार

लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में नहीं लोग

अमरावती मंडल के एफबी पोल पर लोगों ने दी प्रतिक्रियाएं

  •  महज कुछ घंटे में ही मिली सैकड़ों रिएक्शन

  •  लोगों ने लॉकडाऊन को लेकर साझा की अपनी तकलीफें

  •  लॉकडाऊन को बताया पूरी तरह से गैरजरूरी

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 26 – इस समय अमरावती सहित अचलुपर तहसील में कोरोना की संक्रामक महामारी को नियंत्रित करने हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा लॉकडाऊन लागू किया गया है. साथ ही यह अंदेशा भी जताया जा रहा है कि यदि आनेवाले दिनों में हालात नहीं संभले, तो लॉकडाऊन को और भी अधिक दिनों तक जारी रखा जा सकता है. ऐसे में दैनिक अमरावती मंडल ने अपने फेसबुक पेज के जरिए पोल करवाते हुए लोगों से जानना चाहा कि वे इस लॉकडाऊन को लेकर क्या सोचते हैं. गत रोज दोपहर बाद यह पोल शुरू होने के बाद शाम तक कुछ हजार लोग इस पोल में शामिल हो चुके थे तथा सैकड़ों लोगों ने इस पोल में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हिस्सा लिया. इसमें से अधिकांश लोग अब दोबारा लॉकडाऊन के खिलाफ दिखाई दिए और उन्होंने लॉकडाऊन की वजह से आम लोगों को होनेवाली परेशानियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब किसी भी सूरत में दोबारा लॉकडाऊन नहीं लगाया जाना चाहिए. साथ ही यदि सरकार लॉकडाऊन लगाना ही चाहती है, तो सबसे पहले सरकार ने लोगों की तमाम जरूरतें पूरी करने के लिए सरकारी तिजोरी से पैसा खर्च करना चाहिए और लोगों को प्रतिमाह एक निश्चित रकम भी बतौर हर्जाना अदा करना चाहिए. इस पोल का कुल जमा निचोड़ यह है कि लोगों में लॉकडाऊन को लेकर काफी हद तक गुस्सा और असंतोष है. साथ ही लॉकडाऊन की वजह से होनेवाली परेशानियों से लोग अबतक उबर नहीं पाए हैं. ऐसे में कोई भी अब दोबारा लॉकडाऊन लगाये जाने के पक्ष में नहीं है. यहां यह सर्वाधिक उल्लेखनीय है कि अमरावती मंडल द्वारा चलाये गये पोल में समाज के सभी वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया है, और इस पोल में राजनीतिक कमेंट्स नहीं के बराबर आई है, बल्कि अधिकांश लोगों ने सामाजिक सरोकारों को लेकर ही परेशानियों का उल्लेख किया तथा लॉकडाऊन की वजह से आम नागरिकों को होनेवाली परेशानियों का जिक्र करते हुए दोबारा लॉकडाऊन लगाये जाने का विरोध किया है.

लॉकडाऊन लगाने के बाद भी पहले जितने ही केस निकल रहे हैं. तो लॉकडाऊन लगाने का फायदा क्या हुआ. लॉकडाऊन लगाने की बजाय सरकार ने जल्लद से जल्द सभी लोगों को कोविड वैक्सीन लगाने का काम करना चाहिए.
– संगम गुप्ता

 

sangam-gupta-amravati-mandal

लॉकडाऊन से गरीब जनता को काफी परेशानियां होती है. मध्यमवर्ग और व्यापारी लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बीमारी और लॉकडाऊन की वजह से पिछले एक साल से वैसे ही सबकी हालत खराब हो चुकी है. ऐसे में अगर दोबारा लॉकडाऊन लगाया जाता है, तो हालात को संभालना मुश्किल हो जायेगा. लॉकडाऊन लगाने की बजाय प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक आदेशों के पालन और दंडात्मक कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए.
– अभय सिंह

 

sachin-aagole-amravati-mandal

इस लॉकडाऊन का कोई अर्थ नहीं है, लोग-बाद अब भी लड़कों पर घूम रहे हैं. औद्योगिक क्षेत्र पूरी तरह से खुले है. ऐसे में लॉकडाऊन लगाने के बावजूद कोरोना खत्म कैसे होगा.
– सचिन अगोले

 

aakash-etankar-amravati-mandal

लोगबाग पिछले एक साल से पहले ही काफी परेशान हैं, ऐसे में दोबारा लॉकडाऊन लगाकर उनकी परेशानियों को बढ़ाना नहीं चाहिए. पिछले लॉकडाऊन की वजह से गरीब वर्ग के लोग लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गये.कई लोगों का रोजगार चला गया. यदि एक बार फिर लॉकडाऊन लगाया जाता है, तो फिर वही कहानी दोहराई जायेगी. ऐसे में प्रशासन नियमों को और अधिक कड़ा करे, लेकिन लॉकडाऊन बिलकुल भी नहीं लगाया जाना चाहिए.
– आकाश इटनकर

 

इन दिनों मौसम में होनेवाले बदलाव की वजह से सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है तथा ऐसे मरीजो की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आ रही है. जिसकी वजह से कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है. इसी को आधार मानकर प्रशासन ने लॉकडाऊन लगाया है. लेकिन लॉकडाऊन को किसी समस्या का हल नहीं कहा जा सकता है. लॉकडाऊन में लोगों के पास जब कोई काम ही नहीं होगा, तो लोग अपना पेट कैसे पालेंगे, इसकी ओर सरकार और प्रशासन ने ध्यान देना चाहिए. इस समय खाने पीने के सात ही दवाइयों और इलाज के लिए भी बड़े पैमाने पर पैसों की जरूरत पड़ रही है, ये पैसा लोग कहां से लायेंगे, इसका भी विचार होना चाहिए.
– मस्सर्रत जारफिशा

 

अगर नियमों का कड़ाई से पालन नहीं होता है, तो लॉकडाऊन लगाना व्यर्थ है. सात ही यदि प्रशासन लॉकडाऊन लगाना ही चाहता है, तो सबसे पहले आम लोगों की रूरतों और सुविधाओं का ख्याल रखा जाना बेहद जरूरी है. इसके अलावा लोगों को जागरूक किया जाना भी जरूरी है, ताकि लोग-बाद अपनी आदतों व व्यवहार में बदलाव लाएं. इसके अलावा जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये. लेकिन ऐसे लोगों की वजह से पूरे शहर को लॉकडाऊन में बंदी बनाया जाना गलत है. प्रशासन अपनी तरफ से सभी कदम उठा रहा है, ऐसे समय लोगों ने भी अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए.
– सरिता भूतडा

 

लॉकडाऊन को कोरोना का स्थायी समाधान नहीं कहा जा सकता है. अचानक लॉकडाऊन लगा देने से लोगों में घबराहट व अपरातफरी का माहौल पैदा हो जाता है. इन दिनों पहले ही महंगाई आसमान छू रही है और लोगों के पास काम धंधा नहीं है. साथ ही अधिकांश घरों में कमानेवाला कोई एक व्यक्ति होता है, जिसके कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी होती है. अचानक लकडाऊन लगा देने से कोई आदमी अपनी कमाई को देखे या फिर लॉकडाऊन काल के लिए अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करे. ऐसे में लोगों में सरकार और प्रशासन के खिलाफ काफी गुस्सा और रोष उपजता है. अत: बेहतर होगा कि जो लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे, उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जाये, लेकिन पूरे शहर को लॉकडाऊन के नाम पर बंधक ना बनाया जाये.
– मनसा शेख

 

manoj-ambadkar-amravati-mandal

सरकार को चाहिए कि लॉकडाऊन लगाने से पहले सभी लोगों के बेंक खाते में प्रतिमाह 10 से 15 हजार रूपये डाले जाएं, ताकि लोग-बाग ल़कडाऊन काल के दौरान अपना घरखर्च चला सकें. इसके बाद सरकार चाहे तो कितना भी लंबा लॉकडाऊन लगा सकती है.
– मनोज अंबाडकर

 

लॉकडाऊन लगाने की बजाय सरकार ने सोशल डिस्टंसिंग के नियमों को कड़ाई के साथ लागू करना चाहिए. साथ ही जो लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे, उनसे भारी भरकम जुर्माना वसूला जाना चाहिए.
– सोफिया शेख

 

amit-tiwari-amravati-mandal

ल़कडाऊन काल के दौरान भी कोरोना केसे कम नहीं हो रहे, जिसका सीधा मतलब है कि लॉकडाऊन लगाने का कोई फायदा नहीं हुआ है. ऐसे में सरकार को लॉकडाऊन के अलावा किसी अन्य पर्याय पर विचार करना होगा. ताकि लोगों का रोजमर्रा का जीवन भी चलता रहे और कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन भी होता रहे.
– अमित तिवारी

 

yogesh-pakhale-amravati-mandal

फिलहाल जिस तरह की स्थिति है, उसे देखते हुए एक हफ्ते का लॉकडाऊन लगाने में कोई र्ज नहीं है, लेकिन बीच में एक दिन की छूट मिलनी चाहिए, ताकि लोग-बा अपनी जरूरतों का सामान ले सकें. साथ ही सभी लोगों ने कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का कड़ाई के साथ पालन करना चाहिए, ताकि दोबारा लॉकडाऊन लगाने की नौबत ही ना आए.
– योगेश पखाले
अध्यक्ष,  नपा व मनपा शिक्षक संघ

हर किसी ने मास्क व सोशस डिस्टंसिंग के नियमों का कड़ाई के साथ पालन किया होता, तो आज लॉकडान लगाने की नौबत ही ना आती. इस स्थिति के लिए आम लोगों के साथ ही प्रशासन भी समान रूप से जिम्मेदार है, जिसका खामियाजा आज सभी को भुगतना पड़ रहा है. कम से कम अब सभी लोग जागरूक होकर त्रिसूत्री का पालन करेंगे, ऐसी उम्मीद की जा सकती है.
– पंकज मेंगजे

लॉकडाऊन से लोगों का रोजगार और काम धंधा बुरी तरह से प्रभावित होता है, अत: इसे समस्या का समाधान नहीं कहा ज सकता है. इसके अलावा प्रशासन ने पूरा कामकाज शुरू रखते हुए कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों को कडाई से लागू करना चाहिए.
– जमील अहमद शाह

अगर दोबारा लॉकडाऊन को लंबा खींचा गया, तो पिछले साल जैसे गंभीर हालात पैदा हो जायेंगे. ऐसे में दोबारा लॉकडाऊन लगाने के बारे में विचार भी नहीं किया जाना चाहिए.
– रूपवंश टेहरे

अब यह हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि हम जिसे भी बिना मास्क पहने देखें, उसे मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें. साथ ही बिना वजह कोई भी अपने घर से बाहर ना निकले. प्रशासन और पुलिस हर एक व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकते हैं, ऐसे में हम सभी को जागरूक होने के साथ साथ औरों को भी जागरूक करना होगा.
– राजकुमार दुबे

ल़कडाऊन बिल्कुल भी नहीं बढऩा चाहिए, बल्कि जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही ऐसे लोगों की अनिवार्य तौर पर कोरोना टेस्ट कराते हुए उन्हें आयसोलेशन सेंटर में रखा जाना चाहिए
– सुनील उमक

  • लॉकडाउन बढाना विकल्प नहीं

लॉकडाउन बढाना यह एकमात्र विकल्प नहीं है. जबकि जनता ने अब जागरूक होना चाहिए. कोविड नियमों का पालन करना चाहिए.
– उमेशचंद्र गुप्ता,यवतमाल

  • लॉकडाउन की जरूरत नहीं

अमरावती का नाम सामने करते हुए केंद्र से पैसे वसूलने का बहाना है. वैसे भी पिछडा कहने पर विदर्भ की याद आती है. मुंबई, पुणे, नाशिक से भी अमरावती में कम भीड है. किसान आंदोलन, केरल, बंगला में रैलियां चल रही है. दिल्ली में भी काफी भीड है. फिर भी अमरावती का नाम सामने लाया जा रहा है. काम करने में लापरवाही बरती जा रही है. सरकारी कर्मचारी भी फर्जी रिपोर्ट बना रहे है. ऐसे में लॉकडाउन की कोई भी जरूरत नहीं है.
– अमोल घराड पाटील,अमरावती

  • जबरन लॉकडाउन थोंपने का प्रयास

देश के गृह मंत्री अमित शाह और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पश्चिम बंगाल में घुम-घुमकर भाजपा की रैली में रोड शो कर रहे है. न कोई मास्क है और ना ही दो गज की दूरी. यह नेता आम जनता से भी ज्यादा डरपोक होते है. किंतु इन्हें कोरोना का भय नहीं है क्या, यह भी सवाल उठ रहा है. फिर भी जबरन कोरोना के नाम पर लॉकडाउन थोंपने का काम किया जा रहा है.
– जयंत खत्री,अमरावती

 

  • लॉकडाउन विकल्प नहीं है

हाल की घडी में लॉकडाउन हर चीज का विकल्प नहीं है. यदि प्रशासन की ओर से लॉकडाउन का फैसला लेना उचित है, तो जनता ने भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. लॉकडाउन लगाना है, तो भीड को काबू में रखने के लिए सभी व्यापारी प्रतिष्ठान सुबह 10 से 5 बजे तक सीमित अवधि में खुले रखने चाहिए. अमरावती जिले में कडे लॉकडाउन की घोषणा उचित नहीं होगी. सभी व्यापारी प्रतिष्ठानों को सीमित समय में खोलकर भीड को काबू में रख सकते है और प्रशासन को इसमें भी सफलता मिल सकती है.
-निकेश वढालकर,दर्यापुर

  • लॉकडाउन आगे नहीं बढना चाहिए

कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन करना यह उपाय नहीं है. लॉकडाउन से तो व्यापारी लोगों की हालात बुरी हो रही है. व्यापारियोें को टैक्सेस, बिजली बिल, कर्मचारियों को वेतन, और भी बेहद ेसारे खर्चे उठाने पडते है. इसलिए व्यापारियों के बारे में भी सोचना चाहिए. अभी लॉकडाउन आगे बढाना नहीं चाहिए.
-अब्दुल माजीद,परतवाडा

  • नियमों को कडा बनाये

लॉकडाउन के बजाय नियमों को कडा बनाना चाहिए. भीड होते दिखाई देने पर तुरंत कडी कार्रवाई की जाये. थूंकनेवाले और मास्क का उपयोग नहीं करनेवाले लोगों पर फौजदारी अपराध दर्ज किया जाये.
– रवि वानखडे,अमरावती

  • लॉकडाउन का निषेध

प्रशासन की ओर से लॉकडाउन लगाया जा रहा है, लेकिन इसका पालन ना जनता कर रही है और ना ही प्रशासन. इसलिए इस लॉकडाउन का निषेध हम करते है.
– आरिफ शेख,अमरावती

  • लॉकडाउन एकमात्र उपाय नहीं

लॉकडाउन लगाना एकमात्र उपाय नहीं है, बल्कि लोगों ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए. लोग शहर में बेवजह बाहर निकल रहे है. वजह पूछने पर कोई जवाब नहीं मिलता. लोग अभी भी बगैर मास्क के देखे जा सकते है. नियमों को कडाई से अमल में लाना चाहिए. लॉकडाउन लगाना यह कोई विकल्प नहीं है.
– अंकुश लोहबरे,बडनेरा

  • लॉकडाउन से कोई फायदा नहीं

लॉकडाउन लगाने से कोई फायदा नहीं होगा. पुराने दौर वापस आ सकते है. इसलिए सरकार ने लॉकडाउन के बजाय सक्ती का निर्णय लेना चाहिए. प्रशासन यदि ढिलाई बरतेगी, तो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे. रही बात कोरोना के बढते मामलों की, तो कोरोना कुछ दिन बाद कम हो जायेगा. मौसम में बदलाव होना भी कम हुआ है. कोरोना के प्रति अब लोगों में भय देखने को मिल रहा है. इसलिए लोग सावधानी बरत रहे है.– गौरव वानखडे,अमरावती.

  • अब नो लॉकडाउन

कोरोना महामारी पर प्रतिबंध लगाने के लिए लॉकडाउन की अब जरूरत नहीं है. लोगों ने भी यह समझना चाहिए कि वे बेवजह घर से न निकले और से बाहर निकले, तो प्रशासन के नियमों का कडाई से पालन करे. दो गज की दूरी और मास्क लगाना है जरूरी, यह बात अब लोगों ने समझनी चाहिए.
– गुड्डू चिमनानी,अमरावती.

  • लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं

अभी लॉकडाउन नहीं बढना चाहिए. क्योंकि इसमें रोजाना कमाकर खानेवाले और उद्योजक तथा व्यापारियों को परेशानी उठानी पडती है. कोरोना प्रतिबंध के लिए लॉकडाउन नहीं बल्कि सक्ती अपनानी चाहिए.
– केतन जोशी,अमरावती

  • बेवजह पूरा लॉकडाउन न लगाये

जहां पर कोरोना के मरीज निकल रहे है, वहीं पर ही सक्त लॉकडाउन लगाया चाहिए. और जहां पर एक भी मरीज नहीं है, वहां पर लॉकडाउन नहीं लगाना चाहिए. येवदा ग्राम में एक भी कोरोना का मरीज नहीं है. वहां पर भी कडा लॉकडाउन लगाया गया है. जिसके चलते सभी को परेशान होना पड रहा है. कामकाज बंद रहने से लोगों की परेशानियां बढ रही है. इसलिए अब लॉकडाउन की कोई आवश्यकता नहीं है.
– मोहम्मद शहजाद,येवदा

  • लॉकडाउन पर्याय नहीं

कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन पर्याय नहीं है. इसके बजाय हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए. स्वयं तथा अन्य व्यक्ति के प्रति जागरूक रहकर नियम अनुशासन का पालन करे और जरूरी हो, तो ही घर से बाहर निकले.
– गोविंद मालू,अमरावती

  • लॉकडाउन इलाज नहीं

हाल की घडी में लॉकडाउन लगाना कोई इलाज नहीं है. इसका सीधा उपाय यह है कि, जो कोई भी बगैर मास्क के बाहर निकल रहा है, तो उस पर सीधे 500 रूपये का जुर्माना लगाया जाये. या फिर उसे सीधे कोरोंटाईन कर दिया जाये. मार्केट बंद करके बेरोजगारी को बढाया जा रहा है. इसलिए लॉकडाउन की जरूरत नहीं है
– अमित हरवानी,अमरावती

  • आठ दिन पूरा बंद रखे

कोरोना प्रतिबंध के लिए आठ दिन तक पूरा बंद रखना चाहिए. मेडिकल और अस्पतालों को ही शुरू रखा जाये. वहीं ड्रोण के जरिये सभी पर नजरें रखी जाये. जो भी बाहर दिखे, उस पर कडी कार्रवाई करे.
– सचिन टाले,अमरावती

  • भीड कम करने का प्रयास जरूरी

लॉकडाउन की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है. केवल शहर में बढ रही भीड को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए.
– सतीश मुरके,अमरावती

  • लॉकडाउन लगाने से कुछ भी साध्य नहीं होगा

कोरोना प्रतिबंध के लिए लॉकडाउन लगाने से कुछ भी साध्य नहीं होगा, बल्कि इसके लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाने चाहिए. लॉकडाउन लगाने की बजाय भीड टालने, लोगों को मास्क लगाने, सैनिटाईज का उपयोग करने के लिए लगातार प्रेरित करना चाहिए.
– माया चांडक,अकोट

 

 

Related Articles

Back to top button