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पेट्रोल पंप संचालकों को हुआ लाखों का नुकसान

पेट्रोल-डीजल के दाम घटने का ऐसा भी असर

  • उंचे दर की खरीदी के बाद सस्ते में करनी पडी बिक्री

  • कर सहित माल का करना होता अग्रीम भुगतान

  • दो दिन अवकाश रहने की वजह से खरीद रखा था अतिरिक्त स्टॉक

अमरावती/दि.6 – ऐन दीपावली से पहले केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर लगायी जानेवाली सेंट्रल एक्साईज ड्यूटी को घटाने का निर्णय लिया गया. जिसके चलते गुरूवार 4 नवंबर को दीपावलीवाले दिन पेट्रोल व डीजल की दरों में क्रमश: 5.87 रूपये व 12.48 रूपये प्रति लीटर की कमी आयी. इसकी वजह से आये दिन कुछ नये पैसे से उपर उठनेवाले दाम धडाम से नीचे आ गये. इसे यद्यपि दीपावली के पर्व पर आम जनता के लिए सरकार की ओर से दीवाली गिफ्टवाला फैसला माना जा रहा है. किंतु इस फैसले की वजह से पेट्रोल पंप संचालकों को काफी नुकसान का सामना करना पडा है. एक मोटे अनुमान के तौर पर इस फैसले के चलते केवल दो दिन में अमरावती के हर एक पेट्रोल पंप संचालक को करीब 5 से 6 लाख रूपये का नुकसान हुआ है. ऐसे में यदि पूरे जिले के पेट्रोल पंप संचालकों का विचार किया जाये, तो नुकसान की यह राशि करोडों रूपयों के पेठे में जाती है.
इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर अमरावती पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के जयकांत अग्रवाल व सौरभ जगताप ने बताया कि, सभी पेट्रोलपंप संचालकों को अपने-अपने पेट्रोल पंप पर रोजाना कम से कम 15 हजार लीटर पेट्रोल व 7 से 8 हजार लीटर डीजल का स्टॉक अनिवार्य तौर पर रखना होता है. साथ ही 20 हजार लीटर की क्षमतावाला एक टैंकर हमेशा ही ट्रान्झीट में रहता है और इस पूरे माल का भुगतान तमाम करों की राशि सहित पेट्रोल पंप संचालकों को एडवांस में करना होता है. यानी हर पेट्रोल पंप संचालक पूरे समय एडवांस पेमेंट करते हुए अपने पास करीब 35 से 40 हजार लीटर पेट्रोल व डीजल का न्यूनतम स्टॉक रखता है. चूंकि सरकार द्वारा बुधवार 3 नवंबर को शाम करीब 5 बजे के आसपास अगले दिन से पेट्रोल व डीजल के दाम घटाने की घोषणा की गई. इस समय तक सभी पेट्रोलपंप संचालकों द्वारा अग्रीम भुगतान करते हुए अगले दो दिनों के लिए स्टॉक की खरीदी की जा चुकी थी और टैंकर भी डिपो से पेट्रोल व डीजल की खेप भरवाकर लगभग रवाना हो चुके थे. चूंकि 4 व 5 नवंबर को लगातार दो दिन डिपो में अवकाश रहनेवाला था. ऐसे में सभी पेट्रोलपंप संचालकों ने दो दिन की जरूरत के लिहाज से अतिरिक्त स्टॉक की भी खरीदी की थी. किंतु अगले दिन से एक्साईज ड्यूटी घटाये जाने के चलते पेट्रोल व डीजल के दाम अचानक कम हो गये. ऐसे में हर पेट्रोलपंप संचालक को इन दो दिनों के दौरान पेट्रोल पर प्रति लीटर 5.87 रूपये तथा डीजल पर 12.48 रूपये का घाटा उठाना पडा. ऐसे में अब सभी पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा अपेक्षा व्यक्त की जा रही है कि, सरकार द्वारा उन्हें एक्साईज ड्यूटी के इस फर्क की राशि का वापिस भुगतान किया जाये. ताकि वे दो दिन के दौरान हुए घाटे से उबर सकें.
पेट्रोल पंप संचालकों के मुताबिक सभी पेट्रोलियम कंपनियां अपने आप में सरकारी उपक्रम है और वे एक तरह से पेट्रोल पंप का व्यवसाय करते हुए सरकार का ही काम कर रहे है और सरकार की ओर से तय किये जानेवाले दामों के आधार पर पेट्रोल व डीजल की बिक्री करते हुए प्रति लीटर कमिशन के तौर पर सेवा शुल्क अर्जीत करते है. ऐसे में इस व्यवसाय में तेजी-मंदी या उतार-चढाव की वजह से लाभ-हानी होने की गूंजाईश नहीं होती. इससे पहले जब पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में कुछ नये पैसे की वृध्दि होती थी, तो नागरिकों द्वारा पेट्रोलपंप संचालकों को बेतहाशा लाभ अर्जीत करनेवाले वर्ग के तौर पर देखा जाता था. मानों पेट्रोल पंप संचालक ही आम उपभोक्ताओं को लूट रहे है, जबकि उस मामूली दरवृध्दि की वजह से पेट्रोल पंप संचालकों को 15-20 हजार लीटर पर कोई विशेष फायदा नहीं हुआ करता था. लेकिन दो दिन पूर्व पेट्रोलियम पदार्थों पर एक्साईज दरों में की गई कटौती से जिस तरह दाम सीधे धडाम से नीचे आये है, उससे पेट्रोल पंप संचालकों को ऐन दीपावलीवाले दिन लाखों रूपयों का नुकसान हुआ है. किंतु इस ओर ध्यान देने की फुरसत फिलहाल किसी के पास नहीं है. ऐसे में वे जल्द ही खुद इसे लेकर अपने स्तर पर आवाज उठायेंगे.

आज की दरें

पेट्रोल – 111.49 रूपये
डीजल – 95.69 रूपये

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