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पीआई चोरमले फिर उलझे आंदोलनकारियों से

बैण्ड पथकवालों से हुई कलेक्ट्रेट में ‘हमरी-तुमरी’

  • अपनी मांगों को लेकर जिलाधीश कार्यालय में बजाये जा रहे थे बैण्डबाजे

अमरावती/प्रतिनिधि दि.17 – कोविड संक्रमण काल में सरकार की ओर से लागू किये गये लॉकडाउन एवं प्रतिबंधात्मक नियमों की वजह से बैण्ड पथक मालिकों व बैण्ड कलाकारोें पर बेरोजगारी व भूखमरी की नौबत आन पडी है तथा सरकार व प्रशासन द्वारा उन्हें किसी तरह की कोई राहत अथवा सहायता प्रदान नहीं की जा रही. इस आशय का आरोप लगाते हुए अपनी व्यथाएं सुनाने हेतु जिलाधीश कार्यालय पहुंचे बैण्ड कलाकारों के साथ गाडगेनगर पुलिस स्टेशन के पीआई आसाराम चोरमले की जबर्दस्त ‘हमरी-तुमरी’ हुई.
बता दें कि, सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी तथा बैण्ड पथक मालिक महेंद्र सरकटे के नेतृत्व में बैण्ड कलाकारों का एक जत्था जिलाधीश कार्यालय में बाकायदा बैण्डबाजा बजाते हुए पहुंचा. इस समय थानेदार आसाराम चोरमले ने इन लोगोें को जिलाधीश कार्यालय परिसर में बैण्डबाजा बजाने से मना करते हुए अनुशासन बनाये रखने की कडे शब्दों में हिदायत दी. जिसके बाद थानेदार आसाराम चोरमले एवं सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी महेंद्र सरकटे के बीच जमकर शाब्दिक वाद-विवाद हुआ. महेेंद्र सरकटे का कहना रहा कि, सरकार एक ओर तो बडे-बडे उद्योग-धंधों एवं व्यवसायों को अनलॉक के तहत छूट दे रही है, किंतु बडी मेहनत के साथ अपनी रोजी-रोजी कमानेवाले बैण्ड पथक व्यवसायियों की ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. विगत डेढ वर्ष से लॉकडाउन के दौरान विवाह समारोहों पर कई तरह के कडे प्रतिबंध लगाये गये है. जिसकी वजह से बैण्ड कलाकारों के पास कोई कामधंधा नहीं है और वे भूखमरी का शिकार हो रहे है. साथ ही आज जब बैण्ड कलाकार प्रशासन के जरिये सरकार तक अपनी बात पहुंचाने हेतु आये है, तो पुलिस द्वारा उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. बैण्ड कलाकारों द्वारा जिलाधीश कार्यालय परिसर में बैण्डबाजा बजाये जाने और महेंद्र सरकटे व थानेदार चोरमले के बीच हुए विवाद की वजह से यहां पर काफी देर तक तमाशबीनों की भीडभाड लगी रही और कुछ देर तक स्थिति तनावपूर्ण भी रही.

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