6.85 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों का नियोजन

पुन: कपास और सोयाबीन, तुअर का रकबा सर्वाधिक

* अच्छी बारिश के आसार से किसान लगे काम से
अमरावती/ दि. 13 – खरीफ सीजन 2025 – 26 की शुरूआत से पहले जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी कर ली है. जिले में इस वर्ष खरीफ फसलों के लिए 6 लाख 85 हजार 900 हेक्टेयर क्षेत्र मेंं बुआई का लक्ष्य तय किया गया है. जिसमें सर्वाधिक 2 लाख 49 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास और 2 लाख 66 हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन का रकबा रहेगा. जबकि जिले में 1 लाख 81 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर की बुआई अनुमानित है. मूंग व उडद जैसी दलहनी फसलों में भी क्षेत्र और उत्पादन में वृध्दि के संकेत है. मक्का की उत्पादकता 2,500 किलो / हे. रखने का प्रयास किया जाएगा. खरीफ सीजन में कुल मिलाकर 89 हजार 95 क्विंटल बीज की डिमांड अपेक्षित है.
खरीफ फसलों के लिए इस वर्ष जिले में 1,43,668 मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता अनुमानित की गई है. जिसमें 5 मई 2025 तक 17227 मीट्रिक टन खाद प्राप्त हो चुका है. इस तरह पिछले सीजन का शेष मिलाकर कुल 65 हजार 659 मीट्रिक टन खाद भंडारण उपलब्ध है. यूरिया, डीएपी, म्युरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) और सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) प्रमुख है. जिले में कुल 1,403 उर्वरक विक्रेता और 788 बीज विक्रेता सक्रिय है. जो वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाए हुए हैं. स्मार्ट कृषि को बढावा देने के लिए कुल 351 कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) और 14. 310 कृषि यंत्र किसानों के लिए उपलब्ध कराए गये है. इससे छोटे और सीमांत किसानों को आधुनिक यंत्रों की सुलभता सुनिश्चित हो रही है.
* पिछली बार बारिश कम, इस बार उम्मीदें जागीं
बीते खरीफ सीजन में जून से सितंबर तक जिले में 818.2 मिमी वर्षा (94.91%) हुई, जो औसत 862 मिमी वर्षा के करीब रही. जिससे बुआई पर अनुकूल असर पडा था.
* छोटे किसानों की बहुलता
जिले में कुल 4.70 लाख किसान है. जिनमें से 36%(1.64 लाख) सीमांत किसान है. जिनके पास 1 हेक्टेयर से कम भूमि है. 43%(1.94 लाख)किसान छोटे है. जिनके पास 1 से 2 हेक्टेयर भूमि है. यह स्पष्ट करता है कि जिले की कृषि संरचना छोटे और सीमांत किसानों पर टिकी है. मध्यम और बडे किसानों की संख्या मात्र 21% (97,346) है.
चालू वर्ष के लिए लक्ष्य तय
वर्ष 2025- 26 के लिए कपास का क्षेत्र ढाई लाख हेक्टेयर रहने का अंदाज है और प्रति हेक्टेयर 6.35 क्विंटल उत्पादन का लक्ष्य है. सोयाबीन का रकबा 2.67 लाख हेक्टेयर रहने की संभावना है. प्रति हेक्टेयर 17 क्विंटल उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. प्रति हेक्टेयर 13 क्विंटल उत्पादन के साथ तुअर का रकबा 1 लाख 21 हजार हेक्टेयर से अधिक रहने की संभावना है.

 

Back to top button