मोर्शी में हुआ वृक्षारोपण घोटाला
पालिका पर लगे पर्यावरण के साथ खिलवाड करने के आरोप
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पालिका उपाध्यक्ष व सदस्यों ने की जिलाधीश से शिकायत
मोर्शी प्रतिनिधि/दि.२२ – इन दिनों मोर्शी में पालिका प्रशासन पर वृक्षारोपण योजना में भ्रष्टाचार करते हुए पर्यावरण के साथ खिलवाड करने के आरोप लग रहे है. साथ ही इस संदर्भ में पालिका उपाध्यक्ष व सदस्यों ने जिलाधीश नवाल से शिकायत की है. जिसमें कहा गया है कि, विशेष निधी अंतर्गत चलाये जा रहे हरित पट्टा विकास कार्यक्रम में काफी गडबडियां हुई है और पालिका सहित पीएमसी ने वृक्षारोपण के नाम पर कोई काम ना होने के बावजूद भी ठेकेदारों के बिल जारी कर दिये. जिसमें सभी की आपसी मिलीभगत रही.
जिलाधीश को सौंपी गई शिकायत में कहा गया कि, हरितपट्टा विकास योजना के तहत मोर्शी शहर में आठ माह पूर्व वृक्षारोपण अभियान चलाया गया था और मोर्शी नगर परिषद में वर्ष 2018-19 में प्रकल्प व्यवस्थापन समिती की नियुक्ति की गई थी. जिसने प्रकल्प की रिपोर्ट तैयार की थी. किंतु इस योजना की वजह से वृक्षारोपण के काम का पूरी तरह से सत्यानाश हो गया और वृक्षारोपण के समय सुरक्षा हेतु लगाये गये कई पाईप जमीनदोज हो गये और पानी नहीं दिये जाने की वजह से अधिकांश पौधे सूख गये. ऐसे में इस काम पर किया गया 52.63 लाख रूपयों का खर्च पूरी तरह से बर्बाद हो गया.
जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत आगे चलकर घनी छाया व फल देनेवाले वृक्षों की प्रजाति के पौधोें की आवश्यकता थी. जिसका जिक्र पीएमसी की प्रकल्प रिपोर्ट में भी किया गया है. इन पौधों में से करीब 80 से 90 फीसद पौधे जिंदा बचे रहे. इस दृष्टि से उनका संरक्षण और देखभाल करने के साथ ही समूचित मात्रा में जलापूर्ति करना और दो मीटर की उंचाई पर रहनेवाले पौधों व कॉटन वेस्टर्नवाले दो मीटर उंचाई के पॉलीमर पाईप लगाना आवश्यक था. इस पाईप में 15 लीटर पानी की क्षमता व सेल्फ वॉटरिंग सिस्टीम प्लांट सहित दो बास लगाते हुए एक वर्ष की देखभाल हेतु 52 लाख 63 हजार रूपये के बजट को तकनीकी व प्रशासकीय मान्यता देते हुए निविदा जारी की गई और एक ठेेकेदार को इस काम का ठेका भी दिया गया. लेकिन इसके बाद चिन्हीत किये गये स्थानोें पर पौधे लगाये ही नहीं गये और विद्यु त तारोें की परवाह किये बिना अपनी मनमर्जी के हिसाब से वृक्षारोपण किया गया. साथ ही पौधों की देखभाल में भी कई गडबडियां की गई और बावजूद इसके ऐसी तमाम गडबडियों की अनदेखी करते हुए संबंधित ठेकेदार को बिल की राशि अदा कर दी गई.
जिसके बाद हरित पट्टा योजना में अनियमितता पाये जाने पर पालिका उपाध्यक्ष आप्पा साहब गेडाम, पार्षद वैशाली कोकाटे, क्रांति चौधरी तथा लता परतेती ने पालिका प्रशासन पर वृक्षारोपण योजना में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए जिलाधीश नवाल के पास लिखीत शिकायत दर्ज करायी है और इस पूरे मामले की विभागीय जांच करवाये जाने की मांग की है. ऐसे में इस समय मोर्शी शहर में यह मामला जमकर गरमाया हुआ है और सभी का ध्यान अब इस ओर लगा हुआ है कि, जिलाधीश द्वारा इस मामले में कौनसे कदम उठाये जाते है
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कई शिकायतें मिली है, कार्रवाई होगी
हरित पट्टा विकास योजना अंतर्गत किये गये पौधारोपण को लेकर कई नगरसेवकोें की ओर से बडे पैमाने पर शिकायतेें प्राप्त हुई है. ऐसे में संबंधित ठेकेदार को नोटीस जारी करने के साथ ही मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही इस मामले में आवश्यक कार्रवाई भी की जायेगी.
– मेघना मडघे
नगराध्यक्ष, मोर्शी
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बडे पैमाने पर हुआ है भ्रष्टाचार
मोर्शी शहर में किये गये वृक्षारोपण में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की जानकारी सामने आयी है. जिसके तहत ठेकेदार ने केवल 25 प्रतिशत ही काम किया. साथ ही सामाजिक संस्थाओं द्वारा काफी पहले लगाये गये पौधों को पाईप का ट्री गार्ड लगाकर फर्जी बिल पेश किये और पालिका की तिजोरी से भुगतान हासिल किये. इस पुरे मामले की बेहद सघनता के साथ जांच की जानी चाहिए.
– आप्पा गेडाम
पालिका उपाध्यक्ष, मोर्शी
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प्रशासन की अनदेखी जिम्मेदार
शहर के धांडे ले-आउट में खुली पडी जमीन पर 20 दिन पहले सूख चुके पौधोें की जगह दूसरे पौधे लगाये गये, लेकिन इन्हें भी किसी ने दूबारा पलटकर नहीं देखा और पानी नहीं दिये जाने की वजह से ये सभी पौधे सूख गये. जिसके लिए पूरी तरह से पालिका प्रशासन की अनदेखी जिम्मेदार है. ऐसे में संबंधितों सहित इस काम का ठेका रहनेवाले ठेकेदार पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
– ओंकार काले
शिवसेना उपशहर प्रमुख
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ठेकेदार को दी है नोटीस
हरीत क्षेत्र विकास योजना मामले में सामने आयी गडबडियों को देखते हुए संबंधित ठेकेदार को नोटीस दी गई है. साथ ही हम इस मामले में जरूरी कार्रवाई भी यथाशीघ्र करने जा रहे है.
– गीता ठाकरे
सीओ, मोर्शी नगर पालिका
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सरकारी निधी का दुरूपयोग
सरकार की ओर से दी गई निधी का उपयोग करते हुए मोर्शी शहर को शानदार ढंग से हरा-भरा बनाया जा सकता था. लेकिन पालिका की उदासिनता और अनदेखी के चलते सरकारी निधी का जमकर दुरूपयोग किया गया. जिससे पूरी योजना का सत्यानाश हो गया है. हालांकि इससे पहले भी मोर्शीवासियों का सहयोग लेते हुए शानदार ढंग से वृक्षारोपण अभियान चलाये गये थे. इसी तर्ज पर इस बार भी सरकारी निधी का अपव्यय किये बिना वृक्षारोपण अभियान चलाया जा सकता था. इससे कम से कम सरकारी पैसे की बचत भी होती.
– वैशाली कोकाटे
नगरसेविका
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कार्रवाई होना जरूरी
हमने जिलाधीश से विभागीय जांच की मांग की है. और जब तक इस मामले में दोषियोें के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, और नियमानुसार यह काम पूरा नहीं करवाया जाता, तब तक हम इस मसले पर चुप नहीं बैठेंगे.
– क्रांति चौधरी
नगरसेविका
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किसी को विश्वास में लिये बिना मनमाना काम
पालिका प्रशासन द्वारा किसी को भी अपनी निर्णय प्रक्रिया में विश्वास में नहीं लिया जाता और यहां पर मनमाने और लापरवाह तरीके से कामकाज चल रहा है. जिस रास्ते से पार्षदों का आना-जाना रहता है, उस रास्ते पर ही पौधारोपण कर दिया गया है. और इसके खिलाफ कहीं से कोई आवाज भी नहीं उठायी जा रही. ऐसे में हमने इस विषय को लेकर जिलाधीश से शिकायत की है.
– लता परतेकी
नगरसेविका