मुंबई/दि. 25– सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के मुताबिक बृहन्मुंबई मनपा क्षेत्र की दुकान व आस्थापना पर मराठी देवनागरी लिपि में बडे अक्षरों में नामफलक लगाना अनिवार्य है. इसके लिए 24 विभाग स्तर पर दुकान व आस्थापना विभाग के वरिष्ठ सुविधाकार व सुविधाकार का दल गठित किया गया है. इस दल को कार्रवाई के अधिकार दिए गए हैं. 28 नवंबर 2023 से कार्रवाई शुरु करने की चेतावनी मनपा प्रशासन की तरफ से व्यापारियों को दी गई है.
बृहन्मुंबई मनपा आयुक्त तथा प्रशासक इकबालसिंह चहल ने व्यापक बैठक लेकर सर्वोच्च न्यायाल के निर्देश का कडाई से पालन करने के निर्देश सभी संबंधितों को दिए हैं. इसके मुताबिक अतिरिक्त मनपा आयुक्त (शहर) डॉ. अश्विनी जोशी और उपायुक्त (विशेष) संजयोग कबरे के मार्गदर्शन में इस कार्रवाई के लिए विभाग स्तर पर दुकान व आस्थापना विभाग के वरिष्ठ सुविधाकार व सुविधाकार का दल गठित किय गया है. इस कार्रवाई के दौरान जिन दुकानों व आस्थपना व्दारा अधिनियम के प्रावधान व सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक मराठी नामफलक मराठी देवनागरी लिपि में बडे अक्षरों में लगाया नहीं होगा, ऐसे दुकान व आस्थापना संचालक पर अधिनियम के प्रावधान के मुताबिक न्यायालयीन कार्रवाई की जाएगी. यह बात सर्वोच्च न्यायालय के प्रकाश में ला दी जाएगी, ऐसा मनपा की तरफ से स्पष्ट किया गया है.
* सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारी को लगाई थी फटकार
याचिकाकर्ता के युक्तिवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप मराठी बोर्ड क्यों नहीं लगा सकते, नियम का पालन करे, कर्नाटक में भी यह नियम है. आप महाराष्ट्र में हो आपको मराठी बोर्ड का फायदा पता नहीं है क्या? यदि हमने आपको फिर से मुंबई हाईकोर्ट में भेजा तो तुम्हें बडा जुर्माना हो सकता है, ऐसे शब्दों में कोर्ट ने व्यापारी को फटकार लगाई थी. नया बोर्ड बनाने के लिए अब रोजगार का अवसर है. खंडपीठ ने मराठी बोर्ड लगाने के लिए व्यापारियों को दो माह की अवधि देते हुए इस प्रकरण की आगे की सुनवाई दिसंबर तक स्थगित की है.