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प्लाज्मा दान साबित हो रही संजीवनी

कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए करागर

नागपुर/प्रतिनिधि दि.10 – वर्तमान दौर में कोरोना का कहर अब भी जारी है. इस कोरोना महामारी ने संपूर्ण मनुष्य जीवन पर काफी असर डाल दिया है. कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्लाज्मा दान करना एक महत्वपूर्ण कडी साबित हो रही है. कोरोना से उभरने के बाद रक्त की कमी महसूस होनेवाले अन्य मरीजोें को प्लाज्मा दान देकर उनकी जान बचायी जा सकती है. इसलिए आज समाज में विविध वर्गों की ओर से प्लाज्मा दान को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. यहां बता दें कि, कोरोना विपदा का संकट अभी भी बरकरार है. जिसके चलते रक्तदान, प्लाज्मा दान अभियान बड़े पैमाने पर चलाने की जरुरत है. रक्तदान, प्लाज्मा दान से समाज को जोड़ने वाली कड़ी तैयार करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए.यह जानकारी अ.भा. विद्यार्थी परिषद के आदित्य पिसे ने दी.
उन्होंने कहा कि शुभम सवनकर, योगेश शेंडे, पारस फुले आदि कार्यकर्ता यह अभियान अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने के लिये प्रयास कर रहे हैं. यहां विशेष बात बता दें कि टीकाकरण के बाद तीन महीने तक संबंधित व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता. इसलिए यदि आपको कोरोना का संक्रमण आया है तो 28 दिनों बाद रक्तदान कर सकते हैं या फिर टीका लगवाने से पहले भी रक्तदान किया जा सकता है. इसके अलावा प्लाज्मा दान भी कर सकते हैं. इसलिए टीकाकरण करने से पहले रक्तदान, प्लाज्मा दान करना बेहद जरुरी है. रक्तदाता बीते 28 दिनों में किसी भी बाहरी देश से आने वाला नहीं होना चाहिए या फिर उसके परिवार के सहयोगी विदेश से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने चाहिए. रक्तदाता में सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण नहीं होने चाहिए. रक्तदाता यह सेहदमंद होना चाहिए. रक्तदाता की उम्र 18 से ज्यादा व 60 से कम होनी चाहिए. खून की किल्लत को देखते हुए रक्तदान करने के साथ ही अब प्लाज्मा दान करने को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है. जिन्हें प्लाज्मा की जरुरत है, उन्हें तत्काल प्लाज्मा मिल सके, इसके लिये नागपुर शहर में यह अभियान चलाया जा रहा है. इच्छुकों से आवेदन भी भरवाये जा रहे हैं. प्लाज्मा दान करने वालों की जानकारी संकलित करने के बाद आवश्यकतानुसार उनकी मदद ली जा रही है. सोशल मीडिया के माध्यम से अनेकों तक संदेश पहुंंचाया जा रहा है. कोरोना जब नहीं था, तब रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस समय रक्तदान करने के लिये कोई भी आगे नहीं आ रहा. जिससे खून की कमी महसूस हो रही है. ब्लड बैंकों में भी खून की कमी हो रही थी. इसलिए अब ब्लड बैंक में खून की कमी न रहे, इसके लिये दाताओं ने आगे आना चाहिए और कोरोना के खिलाफ लड़ना चाहिए. वहीं जिन्हें प्लाज्मा की जरुरत है, उन मरीजों को प्लाज्मा दान देकर कोरोना मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए.

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