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बच्चों की सेहत के साथ किया जा रहा खिलवाड़

 युवा स्वाभिमान हेल्पलाइन ने सहायक आयुक्त को दिया निवेदन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.24 – शहर में छोटे बच्चों के खाने लायक पदार्थ कुरकुरेे, चॉकलेट, बल्ले-बल्ले मिलते हैं, लेकिन यह पदार्थ काफी घटिया किस्म के होते हैं, जिससे बच्चों की सेहत पर असर होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. इसलिए घटिया किस्म के पदार्थ बनाने वाली कंपनियों को बंद कर कार्रवाई करने की मांग को लेकर युवा स्वाभिमान हेल्पलाईन की ओर से अन्न व औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त को निवेदन सौंपा गया.
निवेदन में बताया गया है कि जिले सहित शहर में छोटे बच्चों के खाने के पदार्थ छोटे-बड़े किराणा दूकानों में उपलब्ध है. इनमें डुप्लीकेट बिस्कुट, चॉकलेट, कुरकुरे व अन्य पदार्थ बच्चों को 2 से 5 रुपए में आसानी से उपलब्ध होते हैं. इन पदार्थों में टेस्टिंग पाउडर का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. टेस्टिंग पाउडर छोटे बच्चों की सेहत के लिये हानिकारक होता है. छोटे बच्चों को इसकी आदत पड़ती जा रही है. जिससे उनकी सेहत को खतरा निर्माण हुआ है. इस मामले पर अन्न व औषधि प्रशासन का जरा भी ध्यान नहीं है. यह व्यवसाय धड़ल्ले से चल रहा है. संपूर्ण देश में कोरोना महामारी का प्रकोप बना हुआ है. ऐसे में बड़े पैमाने पर नागरिकों से स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की अपील प्रशासन की ओर से की जा रही है.
कोरोना की तीसरी लहर छोटे बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. इसलिए घटिया किस्म के पदार्थों का सेवन करने पर बच्चों की रोग प्रतिकार शक्ति कम होने पर उन्हें बीमारियां भी हो सकती है. इसलिए तत्काल सभी खानपान के घटिया किस्म के पदार्थ बनाने वाली कंपनियों, कारखानों व बेकरी पर कार्रवाई कर बंद किया जाये, अन्यथा कार्यालय की समक्ष तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है.
निवेदन सौंपते समय हेल्पलाइन के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन, उपाध्यक्ष आकाश राजगुरे, अर्जुन दाते, रोहित गवई, कुणाल माकोडे,मानव पवार, विशाल निंघोट, कुणाल इमले, खुशाल तायडे, रोहित मानकर, ललित गायकवाड़ आदि उपस्थित थे.

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