हाइवे से सटे व्यवसायिक उपयोग के भूखंड सीधे मिलेंगे
एमएसआरडीसी की अनूठी कल्पना
* प्रोजेक्ट रिपोर्ट देखकर प्राथमिकता
मुंबई/दि.10- महाराष्ट्र सडक विकास बोर्ड एमएसआरडीसी व्दारा निर्मित हाइवे के आसपास की जमीन बगैर किसी निविदा अथवा नीलामी के निजी कंपनियों को व्यवसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध करने का निर्णय किया गया है. जमीन की रेट एमएसआरडीसी तय करेगी.
हाइवे के पास क्षेत्र विकसित करना और रोजगार के अवसर निर्माण करना उक्त फैसले का उद्देश्य है. इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा, नए शहर स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा. नीलामी या टेंडर के बगैर निजी बातचीत के माध्यम से जमीन सीधे कंपनी खरीद या अधिग्रहित कर सकेगी, ऐसी जानकारी एमएसआरडीसी के अधिकारी ने दी. सडक विकास बोर्ड 55 हजार करोड के समृद्धि महामार्ग सहित प्रदेश की कुछ बडे बजट की सडक परियोजनाओं का काम कर रहा है.
इसे अधिकारी ने बताया कि, जमीन के लिए आवेदक अपना विस्तृत प्रकल्प अहवाल डीपीआर देना आवश्यक है. सहप्रबंधक संचालक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति रोजगार निर्मिती में प्रकल्प का महत्व, प्रदेश के आर्थिक विकास में संभावित योगदान, जमीन की वास्तविक स्थिति आदि के आधार पर डीपीआर का चयन करेगी. उसके बाद यह प्रस्ताव प्रबंध मंडल के सामने भेजा जाएगा. समान जमीन दो अधिक आवेदकों व्दारा मांगे जाने पर बोर्ड का निर्णय अंतिम होगा.
महाराष्ट्र प्रादेशिक और नगर रचना अधिनियम 1966 के अनुसार संबंधित क्षेत्र प्रस्तावित नए शहर और सडक विकास बोर्ड ने विकास प्राधिकरण के रुप में नियुक्त करने अधिसूचना जारी की गई है.
यह भी बताया गया कि, जिलास्तर की समिति निजी जमीन के प्रकरण में मूल्यांकन तय करेगी. सरकारी जमीन की फाइल सडक विकास बोर्ड को हस्तांतरित की जाएगी. आवेदक को संपादन और अन्य सभी कानूनी व तकनीकी खर्च की राशि का अग्रमी भुगतान करना होगा. जमीन लीज पर मिलेगी. उसकी मालकियत सडक विकास बोर्ड की रहेगी.