पुलिस लॉकअप् में आरोपी ने की खुदकुशी
राजापेठ पुलिस थाने की घटना, पुलिस महकमे में हडकंप
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मोर्शी निवासी था 24 वर्षीय आरोपी सागर श्रीपाद ठाकरे
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फ्रेजरपुरा पुलिस ने अपहरण व बलात्कार के मामले में किया था गिरफ्तार
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सीपी डॉ. आरती सिंह सहित पुलिस के सभी आला अधिकारी थाना पहुंचे
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मजिस्ट्रेट की देखरेख में मामले की जांच हुई शुरू
अमरावती/प्रतिनिधि दि.19 – स्थानीय राजापेठ पुलिस स्टेशन में गुरूवार की सुबह उस समय हडकंप मच गया, जब यहां के लॉकअप् में रखा गया सूरज श्रीपाद ठाकरे नामक आरोपी लॉकअप् के दरवाजे से अपनी शर्ट का फंदा बनाकर उस पर लटका दिखाई दिया. जिसमें उसकी मौत हो चुकी थी. पुलिस हिरासत में रहने के दौरान एक आरोपी द्वारा आत्महत्या कर लिये जाने की खबर के सामने आते ही पूरा पुलिस महकमा सन्न रह गया. साथ ही मामले की जानकारी मिलते ही शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह तथा पुलिस उपायुक्त विक्रम साली व शशिकांत सातव भी आनन-फानन में राजापेठ थाने पहुंचे. इस समय तक सीआयडी विभाग के अधिक्षक गांवकर व उपअधीक्षक वरमाने भी यहां पहुंच चुके थे. पश्चात मजिस्ट्रेट एवं तहसीलदार के सामने मौके का पंचनामा करते हुए लाश को फंदे से नीचे उतारा गया और पोस्टमार्टम के लिए अकोला के सर्वोपचार अस्पताल भिजवाया गया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मोर्शी तहसील अंतर्गत खंबीत गांव निवासी सागर श्रीपाद ठाकरे (25) का अपने रिश्तेदारी में रहनेवाली 17 वर्षीय नाबालिग लडकी के साथ विगत कुछ समय से प्रेमसंबंध चल रहा था. इस लडकी के माता-पिता कुछ समय पहले किसी कारणवश अलग हो गये थे और लडकी आष्टी में रहकर खेती-किसानी करनेवाले अपने पिता के साथ रहा करती थी. कुछ समय पूर्व पिता को जब अपनी बेटी के प्रेमसंबंध का पता चला, तो उन्होंने बेटी के साथ डाटडपट करने के साथ ही उसे मारपीट भी की थी. जिसे लेकर बेटी ने अपने पिता के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी थी. पश्चात पिता ने उसे अमरावती के बिच्छू टेकडी परिसर में रहनेवाली उसकी मां के पास भेज दिया था. यह बात पता चलने पर सागर ठाकरे ने इस लडकी का अमरावती में पता ढूंढकर उससे संपर्क किया. पश्चात विगत 3 अगस्त को दोनों ही अमरावती से निकलकर पुणे भाग गये. जहां पर सागर का भाई रहा करता था. पुणे पहुंचकर इन दोनों ने एक धार्मिक स्थल में जाकर शादी कर ली. वहीं इस बीच नाबालिग लडकी की मां ने फ्रेजरपुरा पुलिस थाने पहुंचकर अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि, उसकी बेटी को किसी ने विवाह का झांसा देकर भगा लिया है. वहीं इसके बाद विगत 17 अगस्त को सागर और वह नाबालिग लडकी खुद होकर फ्रेजरपुरा पुलिस थाने पहुंचे. जहां पर उन्होंने अपने विवाह के फोटो दिखाते हुए बताया कि, उन्होंने पुणे जाकर विवाह कर लिया है, लेकिन चूंकि लडकी नाबालिग है, ऐसे में पुलिस ने सागर ठाकरे को अपनी हिरासत में लेते हुए लडकी का मेडिकल चेकअप् कराया. जिसके बाद 363 यानी अपहरण की धारा के तहत दर्ज मामले में बलात्कार से संबंधित धारा 376 (2), (एन) सहित पोक्सो अधिनियम की धारा 4 भी जोडी गई तथा सागर ठाकरे को स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया. जिसके पश्चात अदालत ने सागर ठाकरे को 20 अगस्त तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया.
चूंकि शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत आनेवाले 10 पुलिस थानों में से केवल सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन व राजापेठ पुलिस स्टेशन में ही लॉकअप् की सुविधा है. ऐसे में पीसीआर का आदेश मिलने के बाद फ्रेजरपुरा पुलिस ने आरोपी सागर ठाकरे को राजापेठ पुलिस स्टेशन के हवालात में लाकर रखा. जहां पर गुरूवार 19 अगस्त की सुबह 6.30 से 7 बजे के दौरान सागर ठाकरे ने अपनी शर्ट के जरिये फंदा बनाया. जिसे लॉकअप् के दरवाजे से बांधा और फिर उसी फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. इस समय लॉकअप् में बडनेरा पुलिस थाने का एक अन्य आरोपी भी था. किंतु घटना के समय वह गहरी नींद में सो रहा था. वहीं सबसे बडी हैरत की बात यह है कि, इस समय हवालात के सामने गार्ड ड्यूटी पर कोई भी संतरी यानी सिपाही मौजूद नहीं था. जबकि लॉकअप् में आरोपी रहने के दौरान लॉकअप् के सामने पूरा समय कोई किसी एक पुलिस सिपाही की संतरी के तौर पर खडे पहरे की ड्यूटी रहती है.
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संतरी गार्ड प्रमोद इंगले तुरंत सस्पेंड
पता चला है कि, तीन-तीन शिफ्टों के दौरान एक-एक ड्यूटी ऑफिसर के साथ चार-चार सिपाहियों की लॉकअप् में गार्ड ड्यूटी लगायी जाती है और हर सिपाही दो-दो घंटे लॉकअप् के सामने खडे रहकर हवालात में रहनेवाले कैदियों व उनकी हरकतों पर नजर रखता है. किंतु गुरूवार की सुबह लॉकअप् के सामने पहरे पर कोई तैनात नहीं था. इसलिए मौके का फायदा उठाते हुए सागर ने पुलिस लॉकअप् के भीतर आत्महत्या कर ली. इसके लिए गार्ड ड्यूटी पर तैनात पुलिस सिपाही प्रमोद इंगले को सीपी डॉ. आरती सिंह द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबीत कर दिया गया है. वहीं लॉकअप् ड्यूटी पर रहनेवाले ड्यूटी ऑफिसर तथा अन्य सिपाहियों के खिलाफ भी जांच के आदेश जारी किये गये है.
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थाने में लगे है 36 सीसीटीवी कैमेरे, 2 कैमेरे लॉकअप् में भी
जानकारी के मुताबिक राजापेठ पुलिस स्टेशन में कुल 36 सीसीटीवी कैमेरे लगाये गये है. जिनके जरिये पूरे पुलिस स्टेशन के हर एक कोने पर नजर रखी जा सकती है. साथ ही लॉकअप् के अंदर व बाहर भी दो सीसीटीवी कैमेरे लगे हुए है, ताकि लॉकअप् में रखे जानेवाले आरोपियों की हरकतों पर पूरा समय नजर रखी जा सके. इसके अलावा लॉकअप् के सामने संतरी गार्ड का चौबीसों घंटे खडा पहरा भी रहता है. लेकिन इसके बावजूद सागर ठाकरे द्वारा उठाये गये आत्मघाती कदम पर किसी की नजर नहीं पडी.
वहीं अब पुलिस विभाग की सीआयडी शाखा द्वारा थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया गया है. जिनकी जांच की जा रही है.
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मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उतारा गया शव, पोस्टमार्टम के लिए अकोला भेजा गया
गुरूवार की सुबह सागर ठाकरे द्वारा आत्महत्या किये जाने का मामला सामने आते ही जहां एक ओर पुलिस विभाग के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. वहीं दोपहर के आसपास मजिस्ट्रेट व तहसीलदार को भी राजापेठ थाने में बुलाया गया. जिनकी मौजूदगी में मौके का पंचनामा करते हुए शव को फांसी के फंदे से निचे उतारा गया. चूंकि नियमानुसार पुलिस हिरासत के दौरान किसी भी आरोपी की मौत होने पर उसके शव का पोस्टमार्टम सरकारी मेडिकल कॉलेज में करवाया जाता है. ऐसे में सागर ठाकरे के शव को पोस्टमार्टम हेतु पुलिस द्वारा अकोला के सरकारी मेडिकल कॉलेज के शवागार में भिजवाया गया.
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परिजनों ने जताया संताप व विरोध, दर्ज करायी शिकायत
वहीं इस घटना की जानकारी मिलते ही सागर ठाकरे के परिजन भी तुरंत ही राजापेठ पुलिस थाने पहुंचे और उन्होंने जबर्दस्त रोष व संताप व्यक्त किया. इसके साथ ही पुलिस ने जैसे ही सागर के शव को पोस्टमार्टम हेतु अकोला ले जाने के लिए बाहर निकाला, तो सागर के परिजनों ने यह कहते हुए विरोध किया कि, अभी उनके कुछ रिश्तेदार आने बाकी है, अत: फिलहाल शव को थाने से बाहर न ले जाया जाये. साथ ही सागर के परिजनों ने यह आरोप भी लगाया कि, सागर को गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया था. जिससे आहत होकर उसने अपनी जान दे दी. अत: सागर को इस मामले में फंसानेवाले लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही मृतक सागर ठाकरे के जीजा मनोज गुणवंतराव निकालज ने पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह को लिखीत शिकायत देते हुए राजापेठ थाना पुलिस को आरोपों के कटघरे में खडा किया. साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग भी की. इसके अलावा ठाकरे परिवार के एक सदस्य को पुलिस सेवा में शामिल करने, सागर ठाकरे का पोस्टमार्टम इन कैमेरा कराने, लॉकअप् के सामने लगे सीसीटीवी फुटेज ठाकरे परिवार को दिखाने की भी मांग इस पत्र में की गई है.