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आयपीएल सट्टे के दो गॉड फादरों के घर तक पहुंची पुलिस

  • फिलहाल दोनों गॉड फादर फरार, सरगर्मी से तलाश जारी

  • पुलिस ने धरे गये आरोपियों के १२ मोबाईल से निकाले ९० लोगों के नंबर, ४५० कॉल रिकॉर्ड

  • चारों बुकी हर साल आयपीएल सीझन में अमरावती आकर बनाते थे ठिकाना

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१०  – स्थानीय खोलापुरी गेट थाना क्षेत्र के अकोली रोड स्थित एक फ्लैट में रहकर वहां आयपीएल सट्टा चलानेवाले चार आरोपियों को अपराध शाखा पुलिस ने विगत दिनों गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों के पास से पुलिस ने करीब १२ मोबाईल बरामद किये थे. जिनका डेटा रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला है कि, इन लोगोें ने पिछले कुछ दिनों में अमरावती के ३५ लोगों सहित यवतमाल, नागपुर व अकोला में रहनेवाले कुल ९० लोगों से करीब ४५० बार बात की और चूंकि यह सट्टा मैच के हार-जीत के साथ ही हर एक बॉल व हर एक विकेट को लेकर खेला जाता था, तो इन चारों आरोपियों द्वारा अपने मोबाईल पर सट्टा लगाने हेतु आनेवाली हर एक कॉल को रिकॉर्ड करके रखा जाता था. यह सारी ऑडिओ रिकॉर्डिंग भी पुलिस को मिल गयी है. ऐसे में पुलिस अब उन ९० लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी ओर गत रोज पुलिस को पता चला कि, गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपियों के दो गॉड फादर यवतमाल तथा नेर परसोपंत में रहते है.
जिसके बाद अमरावती शहर पुलिस अपने पूरे लावलश्कर के साथ इन दोनोें सट्टा किंग को पकडने हेतु यवतमाल व नेर परसोपंत रवाना हुई. किंतु इससे पहले ही ये दोनोें लोग अपने-अपने घरों से फरार होने में कामयाब हो चुके थे. वहीं पुलिस ने जब इन दोनोें से उनके मोबाईल नंबर पर संपर्क किया तो उन्होंने शनिवार की दोपहर २ बजे तक अमरावती शहर अपराध शाखा में आकर हाजरी लगाने की बात कही थी. किंतु समाचार लिखे जाने तक इन दोनों गॉडफादरों ने अपनी आकर क्राईम ब्रांच के सामने अपनी मुंह दिखाई नहीं की थी. जानकारी मिली है कि, अकोली रोड के जिस फ्लैट में छापा मारकर पुलिस ने यवतमाल के सिंधी कैम्प निवासी रमेश सुगनचंद कटारिया व अविनाश विजयकुमार प्रेमचंदानी व एकता नगर निवासी आकाश राजु वीरखेडे तथा अकोला के सिंधी कैम्प निवासी राजकुमार ईश्वरलाल गेही को गिरफ्तार किया था, उस फ्लैट में ये चारों लोग पिछले तीन साल से हर साल आयपीएल मैच के समय किराये से आकर रहते थे और वहां रहकर आयपीएल सट्टा चलाते थे. इसकी ऐवज में फ्लैट मालिक को एक लाख रूपये डिपॉझिट सहित १२ हजार रूपये प्रतिमाह किराया दिया जाता था. साथ ही इन चोरों लोगों का चाय-नाश्ता और खाना-पीना शहर की नामांकित होटलों से उनके फ्लैट पर ही आता था.
पता चला है कि, पिछले दस साल से प्रतिवर्ष आयपीएल टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है और शहर में दस साल से प्रतिवर्ष आयपीएल में होनेवाली मैचों पर सट्टा खेला जाता है. इससे पहले भी अमरावती शहर में आयपीएल सट्टेबाजों का बुकियों के खिलाफ शहर पुलिस द्वारा छिटपुट कार्रवाई की गई है. लेकिन विगत दिनों पुलिस द्वारा मारे गये छापे को अब तक कि सबसे बडी कार्रवाई माना जा रहा है.

कई पेशेवर सट्टेबाज व बुकी हुए भुमिगत

आयपीएल सट्टा मामले में इन चार बुकीयों के गिरफ्तार होते ही शहर सहित जिले के कई पेशवर सट्टेबाज और बुकी भुमिगत हो गये है. साथ ही कई लोगों ने पुलिस द्वारा की जानेवाली संभावित कार्रवाई से बचने हेतु अपने मोबाईल नंबर तक बदल दिये है. पता चला है कि, कुछ लोग तो अमरावती छोडकर बाहरगांव भी निकल गये है. जानकारी के मुताबिक यवतमाल निवासी रमेश उर्फ रम्मु कटारिया का गत रोज पुलिस ने अच्छाखासा पीसीआर लिया, लेकिन वह अब तक कुछ उगलने को तैयार नहीं है. ऐसे में पुलिस ने उसके फोन कॉल्स की ऑडिओ रिकॉर्डिंग और उसके कौन्टैक्ट लिस्ट के ९० नंबरों की पडताल करनी शुरू की है. और उन ९० नंबरों के धारकोें तक पहुंचने का प्रयास भी किया जा रहा है. ऐसे में संबंधित मोबाईल धारकोें में जबर्दस्त हडकंप व्याप्त है.

किसने दी टिप, कैसे खुला मामला

इस समय सबसे बडा सवाल यह है कि, अमरावती शहर में पिछले दस वर्षों से आयपीएल सट्टा चल रहा है, और अब जो आरोपी पकडे गये है, वे भी पिछले तीन वर्ष से हर साल आयपीएल सीझन के समय अमरावती में अपना ठिकाना बनाते थे. लेकिन पुलिस को इसकी कभी भनक तक नहीं लगी और अब अचानक पुलिस ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया है. जिसके चलते दबे स्वर में यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि, आखिर पुलिस को इस आयपीएल सट्टे और अड्डे की टिप किसने दी. कही ऐसा तो नहीं की आयपीएल सट्टा और वरली मटका जैसे व्यवसायों में चलनेवाली आपसी रंजीश के चलते किसी ने पुलिस के कंधे पर रखकर बंदूक चलायी है और निशाना भी सही बैठा है. बहरहाल पुलिस इस समय अपनी हिरासत में रहनेवाले चारों आरोपियों के यवतमाल जिला निवासी दो गॉड फादरों के साथ ही इन चारों आरोपियों के पास सट्टा लगानेवाले ९० लोगों की तलाश कर रही है.

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