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मालुसरे की तलाश में दर-दर भटक रही पुलिस

  •  एक माह से पुलिस को छका रहा आरोपी

  •  जमानत याचिका खारिज होने के बावजूद अब तक कहीं कोई पता नहीं

अमरावती/प्रतिनिधि दि.12 – विगत माह सरकारी नियंत्रण में रहनेवाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी व कालाबाजारी में नामजद किये गये तिवसा उपजिला अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. पवन मालुसरे की तलाश में अमरावती शहर पुलिस दर-दर की खाक छान रही है. किंतु विगत एक माह से अब तक डॉ. पवन मालुसरे की शहर पुलिस के पास कोई खबर नहीं है. वहीं इस बीच डॉ. पवन मालुसरे द्वारा पुलिस के साथ आंखमिचौली का खेल खेलते हुए स्थानीय अदालत में अग्रीम जमानत हेतु याचिका भी दायर की गई थी, जो गत रोज खारिज भी हो गई. इसके बाद शहर पुलिस आयुक्तालय की आर्थिक अपराध शाखा के पथक ने डॉ. पवन मालुसरे की तलाश में एक बार फिर हर संभावित स्थान पर दबिश दी. किंंतु इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
बता दें कि, विगत माह अमरावती शहर सहित जिले में कोविड संक्रमितों की संख्या में बेतहाशा वृध्दी हो रही थी और उस समय कोविड मरीजों के इलाज हेतु कारगर रहनेवाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की काफी किल्लत चल रही थी. जिसकी वजह से इस इंजेक्शन के वितरण का जिम्मा प्रशासन द्वारा अपने नियंत्रण में ले लिया गया था और जिला शल्य चिकित्सक कार्यालय से ही जिले के विभिन्न कोविड अस्पतालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराये जा रहे थे, ताकि इन इंजेक्शनों की अनाप-शनाप दरों पर कालाबाजारी न हो. किंतु सरकारी स्वास्थ्य सेवा में रहनेवाले डॉ. पवन मालुसरे ने जिला सामान्य अस्पताल की नर्स पूनम सोनवने तथा सुपर कोविड अस्पताल में ठेका नियुक्त डॉ. अक्षय राठोड सहित दो ठेका नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों की सहायता से सरकारी स्टॉक के रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी और कालाबाजारी का काम किया. इस दौरान डॉ. पवन मालुसरे ने एमआयडीसी रोड स्थित एक हॉल में अपना निजी कोविड अस्पताल भी शुरू किया था. जिसकी देखरेख अनिल पिंजरकर नामक व्यक्ति द्वारा की जा रही थी और इसी निजी अस्पताल में भरती रहनेवाले मरीजों को बेहद उंचे दामों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे जा रहे थे. जिसकी जानकारी मिलने पर कुल सात लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी व कालाबाजारी के मामले में रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था. किंतु आरोपियों को हिरासत में लिये जाने के बाद पुलिस द्वारा की गई एक तकनीकी गलती की वजह से डॉ. पवन मालुसरे व नर्स पूनम सोनोने फरार होने में कामयाब हो गये. जिनका अब तक कहीं कोई पता नहीं चला और पुलिस विगत एक माह से इन दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है. वहीं डॉ. पवन मालुसरे पुलिस की आंखों में धुल झोंकते हुए लगातार अदालत से राहत मिलने का प्रयास कर रहा है.

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