अमरावतीमुख्य समाचार

मेंडिकल स्टाफ का अभाव व वैद्यकीय पंजीयन नहीं होने के चलते पोटे ट्रस्ट को कोविड अस्पताल शुरू करने में दिक्कतें

मनपा प्रशासन ने लिखीत तौर पर अनुमति देने से इन्कार किया

अमरावती/प्रतिनिधि दि.20 – जिले के पूर्व पालकमंत्री तथा विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील द्वारा अपने पी. आर. पोटे पाटील एज्युकेशनल एन्ड वेलफेअर ट्रस्ट की ओर से शहर में निजी कोविड अस्पताल शुरू करने हेतु जिला व मनपा प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी. साथ ही कहा गया था कि, इस कोविड अस्पताल में भरती होनेवाले सभी मरीजों का इलाज नि:शुल्क किया जायेगा तथा इलाज सहित मरीजों के चाय, नाश्ते व भोजन पर होनेवाले खर्च की जिम्मेदारी पोटे ट्रस्ट द्वारा उठायी जायेगी. किंतु इसके बावजूद मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ का अभाव एवं वैद्यकीय पंजीयन सहित कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते स्थानीय प्रशासन द्वारा पोटे ट्रस्ट को नि:शुल्क निजी कोविड अस्पताल शुरू करने की अनुमति देने से इन्कार किया गया है.
उल्लेखनीय है कि, पोटे ट्रस्ट द्वारा सायन्सकोर स्कुल व सांस्कृतिक भवन इन दो में से किसी एक स्थान पर कोविड अस्पताल शुरू करने की अनुमति प्रशासन से मांगी गई थी. पश्चात जिला प्रशासन द्वारा पोटे ट्रस्ट के पदाधिकारियों को राजेंद्र गोडे कॉलेज सहित डेंटल कॉलेज व विदर्भ आयुर्वेद महाविद्यालय का पर्याय दिया गया था. किंतु इस बीच गोडे कॉलेज में खुद गोडे कॉलेज प्रबंधन द्वारा अपना कोविड अस्पताल शुरू किया गया. वहीं विदर्भ आयुर्वेद महाविद्यालय तथा डेंटल कॉलेज में सपोर्टिंग मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी का मसला सामने आया. साथ ही सांस्कृतिक भवन पहले से ही लीज पर दिया जा चुका है. अत: सांस्कृतिक भवन का पर्याय पहले ही खारिज कर दिया गया था.
इसके अलावा सबसे बडी तकनीकी दिक्कत यह रही कि, पोटे ट्रस्ट एक शैक्षणिक व चैरिटेबल यानी धर्मार्थ संस्था है. इसके पास अस्पताल शुरू करने हेतु आवश्यक रहनेवाला वैद्यकीय रजिस्ट्रेशन नहीं है. इस बात को आधार बनाते हुए मनपा प्रशासन द्वारा पोटे ट्रस्ट को निजी कोविड अस्पताल खोलने की अनुमति देने से इन्कार किया गया. यही अडंगा अन्य जगह पर भी कोविड अस्पताल शुरू करने में भी बना रहा.
बता दें कि पोटे ट्रस्ट द्वारा शहर के कुछ ख्यातनाम डॉक्टरों की टीम को साथ लेकर नि:शुल्क निजी कोविड अस्पताल शुरू करने की योजना पर काम किया जा रहा था. इसमें से कुछ डॉक्टरों द्वारा पहले ही अपने मेडिकल रजिस्ट्रेशन के आधार पर निजी कोविड अस्पताल शुरू किये जा चुके है. ऐसे में उन्हें दूसरे कोविड अस्पताल की अनुमति नहीं मिल सकती. अत: फिलहाल पोटे ट्रस्ट द्वारा शुरू किया जानेवाला यह महत्वाकांक्षी प्रकल्प शुरू होने की आशाएं पूरी तरह से धुमिल हो चुकी है.

 

pravin-pote-amravati-mandal

  • डॉक्टर्स आगे आयें, हम अब भी तैयार – पोटे

इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पुर्व पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटील ने कहा कि, तमाम तरह की दिक्कतों एवं प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने के बावजूद वे निराश या हताश नहीं है, बल्कि यदि इस कार्य हेतु शहर के डॉक्टर आगे आते है, तो वे अब भी पूरी तरह से नि:शुल्क एवं सर्वसुविधायुक्त कोविड अस्पताल शुरू करने के लिए तैयार है. उन्होंने शहर के सभी डॉक्टरों से इस कार्य हेतु आगे आने का आवाहन भी किया.

 

oxygen-plant-amravati-mandal

  • पोटे ने निभाया वादा, 65 लाख का ऑक्सिजन प्लांट दिया

बता दें कि, अमरावती जिले की जनता हेतु 300 बेड का नि:शुल्क कोविड अस्पताल शुरू करने की अनुमति मांगते समय पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने जिला प्रशासन को वादा किया था कि, वे जिले में चल रही ऑक्सिजन की किल्लत को देखते हुए सुपर कोविड अस्पताल में ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट अपने खर्च पर स्थापित करेंगे. साथ ही जिले में जहां कहीं भी ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट बनाने की जरूरत पडेगी, उसके लिए पोटे ट्रस्ट द्वारा सहायता दी जायेगी. यद्यपि पोटे ट्रस्ट को प्रशासन द्वारा नि:शुल्क कोविड अस्पताल शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई है. किंतु बावजूद इसके विधायक प्रवीण पोटे ने अपने द्वारा किये गये वादे को निभाते हुए सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में अपने खर्च से 65 लाख रूपये की लागतवाला ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट स्थापित करवाने हेतु सहायता दी है. विगत दिनों इस ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट को स्थापित करने हेतु पोटे ट्रस्ट के पदाधिकारी तथा सीएस डॉ. निकम सहित प्लांट स्थापित करनेवाली कंपनी के अधिकारियों ने सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में जगह का मुआयना किया और यहां पर ऑक्सिजन प्लांट से संबंधित तमाम जरूरी काम शुरू कर दिये गये है. जिनके पूरा होते ही ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट स्थापित कर दिया जायेगा.

 

Related Articles

Back to top button