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विद्युत मीटर में छेडछाड पड सकती है महंगी

 हमेशा के लिए कट सकता है बिजली कनेक्शन

  • 50 हजार रूपयों का हो सकता है दंड

  • पांच माह में हुई 221 कार्रवाईयां

अमरावती/प्रतिनिधि दि.26 – कई लोग विद्युत बिलों की रकम से बचने अथवा बिल कम करने के लिए विद्युत मीटर में छेडछाड करते है. किंतु ऐसी छेडछाड पकडे जाने के बाद जहां एक ओर भारी-भरकम रकम दंड के स्वरूप में अदा करनी पडती है, वहीं मीटर जप्ती की कार्रवाई भी की जाती है. ऐसे में विद्युत मीटर में छेडछाड किये जाने पर संबंधित व्यक्ति के घर का बिजली कनेक्शन हमेशा के लिए काटा जा सकता है. विगत पांच माह के दौरान महावितरण के पथक ने छापामार कार्रवाई करते हुए 221 लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है.
बता दें कि, बिजली चोरी करने के लिए नागरिकों द्वारा नये-नये तरीके प्रयोग में लाये जाते है. जिसके तहत कभी हूक डालकर सीधे विद्युत वाहिनी से बिजली चुराई जाती है, तो कभी घर में विद्युत आपूर्ति करनेवाले मीटर के साथ छेडछाड करते हुए उसकी रफ्तार को सुस्त करने का प्रयास किया जाता है. ऐसे मामलों को पकडने के लिए महावितरण द्वारा समय-समय पर अभियान चलाये जाते है. बावजूद इसके इस तरह के मामले बंद अथवा खत्म नहीं हो रहे. जिसकी वजह से महावितरण द्वारा अब यह फैसला लिया गया है कि, बिजली चोरी करनेवाले लोगोें पर किसी तरह की कोई ‘दया-माया’ नहीं दिखाई जायेगी, बल्कि विद्युत मीटर में छेडछाड पकडे जाने पर दंडात्मक कार्रवाई करने के साथ-साथ संबंधित व्यक्ति का बिजली कनेक्शन हमेशा के लिए काट दिया जायेगा.

  • कभी भी हो सकती है मीटर की जांच

बता दें कि, यद्यपि विद्युत मीटर विद्युत ग्राहक के नाम पर होता है, किंतु उसकी मिल्कीयत विद्युत कंपनी की होती है. ऐसे में घरेलू, वाणिज्यीक तथा औद्योगिक ग्राहकों के यहां लगाये गये विद्युत मीटरों की महावितरण के अधिकारियों व उडन दस्तों द्वारा कभी भी जांच की जा सकती है. इस समय मीटर के साथ छेडछाड सहित किसी भी तरह की गडबडी अथवा विद्युत चोरी पकडे जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है. साथ ही इस समय ग्राहकों को आवश्यक शुल्क व दंड की रकम भरने का अवसर दिया जाता है और यदि ग्राहकों द्वारा यह रकम नहीं भरी जाती, तो उसके खिलाफ फौजदारी मुकदमा भी दर्ज किया जाता है. इसके अलावा अब महावितरण ने ऐसे ग्राहकों के विद्युत कनेक्शन हमेशा के लिए काटने की कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया है.

  •  किस वर्ष में कितनी कार्रवाई

2019 – 1,073
2020 – 562
2021 – 221

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