मुख्य समाचार

फिर खुले में फेंके गये पीपीई कीट

कंपोस्ट डिपो में दूबारा पडी दिखाई दी पीपीई कीट की खेप

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२२ – शहर के पश्चिमी छोर पर लालखडी के निकट सुकली स्थित कंपोस्ट डिपो में एक बार फिर बडे पैमाने पर पीपीई कीट फेंके हुए दिखाई दिये है. जिससे इस परिसर में कोरोना संक्रमण को लेकर जबर्दस्त हडकंप व्याप्त है. बता दें कि, इस समय कोरोना को लेकर बेहद कडे प्रतिबंधात्मक उपायों पर अमल किया जा रहा है और संक्रमण को रोकने हेतु काफी ऐहतियात बरती जा रही है, लेकिन वहीं दूसरी ओर खुद स्वास्थ्य महकमे से जुडे लोग आये दिन एक के बाद एक लापरवाही करते दिखाई दे रहे है. ज्ञात रहे कि, इससे पहले भी कंपोस्ट डिपो में पीपीई कीट लाकर फेंके जाने का मामला उजागर हुआ था. जिसे लेकर काफी हडकंप मचा था और प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को जैविक कचरा खुले में नहीं फेंकने तथा जैविक कचरे का नियमानुसार निस्सारण करने का निर्देश दिया था. लेकिन इसके बाद अब एक बार फिर कंपोस्ट डिपो में काफी बडे पैमाने पर कोविड अस्पतालों में प्रयुक्त पीपीई कीट, हैण्डग्लब्ज व मास्क फेंके हुए दिखाई दिये है. इसे एक तरह से कोविड अस्पतालों की अक्षम्य लापरवाही कहा जा सकता है. क्योकि इससे इस परिसर सहित समूचे शहर में कोरोना का संक्रमण फैल सकता है.

ज्ञात रहे कि, अस्पतालों से निकलनेवाले जैविक कचरे के निस्सारण हेतु अलग व्यवस्था है तथा इस कचरे को बडनेरा से दुर्गापुर रोड पर स्थित बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजेबल प्लांट में ले जाकर नष्ट किया जाता है. किन्तु संभवत: शहर में चल रहे कोविड अस्पतालों द्वारा अपने यहां से निकलनेवाले जैविक कचरे को अस्पतालों के आसपास ही स्थित आम कंटेनरों में लाकर डाल दिया जाता है. जिसके बाद इन कंटेनरों को सुकली कंपोस्ट डिपो पर लाकर खाली किया जाता है. ऐसे में इन दिनों सुकली कंपोस्ट डिपो में बडे पैमाने पर पीपीई कीट सहित अस्पतालों में प्रयुक्त सामग्री दिखाई देने लगी है. अस्पतालों की इस लापरवाही के चलते कचरा कंटेनर लेकर आनेवाले लोगों के साथ ही कंपोस्ट डिपो पर काम करनेवाले लोगों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा उत्पन्न हुआ है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, जहां एक ओर प्रशासन द्वारा आम नागरिकों से तमाम जरूरी ऐहतियात बरतने को कहा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर लोगों का इलाज करने की जिम्मेदारी रखनेवाले अस्पतालों द्वारा ही हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है. समाचार लिखे जाने तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि, यह जैविक कचरा किस अस्पताल से वास्ता रखता है और कंपोस्ट डिपो तक किस इलाके के कचरा कंटेनर के जरिये पहुंचा है.

डिस्पोज ऑफ करने नियमो का पालन जरूरी
इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम ने बताया कि, सभी कोविड अस्पतालों को बायोमेडिकल वेस्ट का नियमानुसार निस्सारण करने के निर्देश जारी किये गये है. यदि इसके बावजूद किसी के द्वारा इस तरह खुले में पीपीई कीट फेंकी जा रही है, तो यह काफी गंभीर बात है. इस मामले की जांच करवायी जायेगी. साथ ही उन्होंने सभी कोविड व नॉनकोविड अस्पतालों से आवाहन किया कि, जैविक कचरे का निस्सारण करने हेतु जारी दिशानिर्देशों का बेहद सख्ती से पालन किया जाये.

Back to top button