प्रहारियों ने राजस्थान के भरतपुर में किया रक्तदान
किसान आंदोलन को अपना खून देकर जताया समर्थन
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यूपी बॉर्डर पर रोके जाने के बाद हरियाणा के पलवल की ओर बढे राज्यमंत्री बच्चू कडू
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यूपी पुलिस ने अपनी सीमा में नहीं आने दिया बच्चु की बाईक रैली को
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राज्यमंत्री कडू की यूपी पुलिस से जमकर हुई कहा-सुनी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१०- बीते शुक्रवार को बाईक रैली लेकर अमरावती से दिल्ली जाने हेतु रवाना हुए बच्चु कडू इस समय अपने सैंकडों समर्थकों के साथ राजस्थान के बीती शाम भरतपुर पहुंचे. जहां से आगे बढते हुए दिल्ली जाने में उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है, क्योंकि दिल्ली जाने के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों से होकर गुजरना था और यूपी पुलिस ने अपने राज्य की सीमाओं पर कडा पुलिस बंदोबस्त लगाते हुए उन्हें जगह-जगह पर यूपी की बॉर्डर क्रॉस करने से रोका गया. ऐसे में अब तक बेहद शांतिपूर्ण व संयत ढंग से बाईक रैली लेकर आगे बढ रहे राज्यमंत्री बच्चु कडू अपने आक्रामक तेवर में आते दिखाई दिये और उनकी यूपी पुलिस के साथ जमकर कहा-सुनी भी हुई. जिसके बाद राज्यमंत्री बच्चु कडू ने राजस्थान के भरतपुर में ही रक्तदान शिविर आयोजीत करते हुए अपने समर्थकों के साथ इस शिविर में रक्तदान किया और अपना खून देकर किसान आंदोलन को समर्थन देने का संकल्प जताया. जिसके बाद उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने से बचते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू की बाईक रैली हरियाणा के पलवल की ओर आगे बढी. जहां से दिल्ली की दूरी मात्र 60 किमी रह जायेगी. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि, राज्यमंत्री बच्चु कडू अपने समर्थकों के साथ गुरूवार की रात या फिर शुक्रवार की सुबह दिल्ली की सिंधू सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन स्थल पर पहुंच जायेंगे.
बता दें कि, मंगलवार 8 दिसंबर की रात राज्यमंत्री बच्चु कडू की बाईक रैली गुना से आगे बढते हुए ग्वालियर पहुंची थी. जहां पर राज्यमंत्री बच्चु कडू व उनके समर्थकों ने एक गुरूद्वारे में रात्री विश्राम किया था. पश्चात वे यहां से मथूरा के लिए आगे बढे, लेकिन उत्तर प्रदेश की सीमा पर पहुंचते ही यूपी पुलिस ने सैंकडों वाहनोंवाले इस काफीले को रोक दिया और आगे आगरा सहित अन्य क्षेत्रों में चक्काजाम रहने की वजह आगे करते हुए उन्हें भरतपुर के पर्यायी मार्ग से अपनी बाईक रैली आगे ले जाने हेतु कहा गया. जिसकी वजह से राज्यमंत्री बच्चु कडू व उनके सैंकडों समर्थक धौलपुर होते हुए भरतपुर की ओर आगे बढे. जहां पर उन्हेें एक बार फिर एक गुरूद्वारे में आसरा लेकर भोजन एवं रात्री विश्राम करना पडा. बुधवार को दोपहर बाद ग्वालियर से करीब 156 किमी की दूरी पर स्थित भरतपुर पहुंचने के बाद भी राज्यमंत्री बच्चु कडू ने अपने समर्थकों के साथ उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा में दाखिल होने का प्रयास किया, लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे. जिसके बाद गुरूवार की सुबह राज्यमंत्री बच्चु कडू ने अपनी बाईक रैली को भरतपुर से मथूरा की ओर आगे बढाने का निर्णय लिया और वे भरतपुर से मात्र 5 किमी की दूरी पर स्थित यूपी बॉर्डर की ओर आगे बढे, लेकिन वहां पर पहले से यूपी पुलिस ने जबर्दस्त बैरिकेटिंग कर रखी थी और यहां पर पहुंचते ही यूपी पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए राज्यमंत्री बच्चू कडू और उनके समर्थकों को आगे बढने से रोका. जिसके बाद राज्यमंत्री बच्चु कडू और यूपी पुलिस के बीच कुछ समय तक तनातनीवाली स्थिति भी बन गयी, क्योंकि बच्चु कडू हर हाल में यूपी बॉर्डर को पार करते हुए दिल्ली की ओर आगे बढने पर अडे हुए थे. वहीं यूपी पुलिस इस बाईक रैली को किसी भी हाल में अपने राज्य की सीमा में घुसने नहीं देना चाह रही थी. ऐसे में बॉर्डर चेकपोस्ट पर काफी तनावपूर्ण स्थिति बन गयी थी. बता दें कि, भरतपुर से दिल्ली की दूरी करीब 220 किमी है. जिसे पार करते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू आज ही दिल्ली पहुंचना चाहते है. वहीं यदि वे गत रोज ग्वालियर से निकलकर मथूरा पहुंच गये होते, तो मथूरा से दिल्ली की दूरी भी करीब 186 किमी है. ऐसे में गुरूवार को किसी भी हालत में इस बाईक रैली की यात्रा का अंतिम पडाव रहा होता, लेकिन फिलहाल यूपी बॉर्डर पर तनावपूर्ण हालात देखे जा रहे है.
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गुरिल्ला नीति अपनाने पर हुआ विचार
ज्ञात रहे कि, राज्यमंत्री बच्चु कडू को अपने आक्रामक तेवर के साथ बडे ही अनूठे ढंग से आंदोलन करने के लिए विख्यात माना जाता है और विगत 20-25 वर्षों के दौरान अनेकों बार उन्होंने कडा पुलिस बंदोबस्त रहने के बावजूद पुलिस को चकमा देते हुए अपने आंदोलनों को सफलतापूर्वक ढंग से पूर्ण किया है. ऐसे में साफ तौर पर माना जा रहा था कि, राज्यमंत्री बच्चु कडू मुख्य हाईवे पर लगाये गये यूपी पुलिस के कडे बंदोबस्त को चकमा देने हेतु किसी अन्य पर्यायी रास्ते के जरिये आगे बढ सकते है. जिसके तहत उन्होंने राजस्थान के भरतपुर से आगे बढकर यूपी बॉर्डर के समानांतर चलते हुए हरियाणा राज्य के पलवल की ओर बढने का फैसला किया, जहां से दिल्ली की दूरी मात्र 60 किमी बाकी रहती है, लेकिन सबसे बडी समस्या यह है कि, इस वक्त यूपी की तरह ही हरियाणा में भी भाजपा के नेतृत्ववाली सरकारी है और संभवत: यूपी पुलिस की तरह हरियाणा पुलिस द्वारा भी महाराष्ट्र के राज्यमंत्री बच्चु कडू की बाईक रैली को रोकने का प्रयास कर सकती है, लेकिन चूंकि इस समय दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में पंजाब के साथ-साथ हरियाणा राज्य के किसान भी बडी संख्या में शामिल है. ऐसे में पूरी संभावना है कि, राज्यमंत्री बच्चु कडू की बाईक रैली को हरियाणा में आम किसानों व किसान संगठनों का भरपुर साथ मिले. जिसके दम पर वे अपनी बाईक रैली के साथ दिल्ली की सिंधू सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में अपने सैंकडों समर्थकों के साथ शामिल हो सके.
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अमरावती से रवाना हुए पूरा हुआ एक सप्ताह
उल्लेखनीय है कि, विगत शुक्रवार को अमरावती से रवाना हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू की इस बाईक रैली को आज पूरा एक सप्ताह पूर्ण हो गया है. इस एक सप्ताह के दौरान राज्यमंत्री बच्चु कडू ने खुद अपने बुलेट वाहन के जरिये 200 किमी रोजाना का सफर तय किया. साथ ही रास्ते में पडनेवाले हर एक गांव, कस्बे और शहर के किसानों से संवाद भी साधा. इस दौरान उन्हें सभी स्थानों पर किसानों से जबर्दस्त प्रतिसाद भी मिला और उनकी बाईक रैली का जगह-जगह जल्लोषपूर्ण स्वागत हुआ.
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दानवे का डीएनए टेस्ट करना जरूरी
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मूलत: महाराष्ट्र से वास्ता रखनेवाले और संसद में जालना निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाले केंद्रीय राज्यमंत्री रावसाहब दानवे ने कहा था कि, इस आंदोलन के पीछे पाकिस्तान व चीन जैसी विदेशी ताकतों का हाथ है. इसके संदर्भ में अपनी संतप्त प्रतिक्रिया देते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, भाजपा नेता रावसाहब दानवे का डीएनए टेस्ट कराये जाने की सख्त जरूरत है. बता दें कि, इससे पहले भी रावसाहब दानवे द्वारा किसानों को लेकर दिये गये एक अपमानास्पद बयान के बाद राज्यमंत्री बच्चु कडू ने बेहद कडी प्रतिक्रिया देते हुए अमरावती से जालना के बीच आसूड यात्रा निकाली थी और रावसाहब दानवे के घर के सामने निषेध आंदोलन किया था.