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पंचमहाभूत में विलीन हुए प्रवीण मालू

हजारो नम आंखों ने दी रियल ईस्टेट के पितामह को अंतिम विदाई

  • अंतिम संस्कार में सभी क्षेत्र के गणमान्य रहे उपस्थित

अमरावती/प्रतिनिधि दि.8 – शहर के ख्यातनाम उद्योजक, बिल्डर तथा दानशूर समाजसेवी प्रवीण बालकृष्ण मालू का गत रोज तडके 5 बजे मुंबई में देहावसान हो गया था. पश्चात उनका पार्थिव हवाई मार्ग के जरिये मुंबई से नागपुर और वहां से सडक मार्ग के जरिये अमरावती लाया गया. पश्चात बुधवार 8 सितंबर की सुबह 9.15 बजे कैम्प परिसर स्थित मालू परिवार के निवासस्थान से स्व. प्रवीण मालू की अंतिम यात्रा निकाली गई और सुबह करीब 10.30 बजे हिंदू मोक्षधाम में बेहद शोकाकुल वातावरण के बीच उनके पार्थिव पर अंतिम संस्कार किये गये. इस अवसर पर शहर के राजनीतिक, व्यवसायिक व सामाजिक सहित सभी क्षेत्रों के अनेकों गणमान्य बडी संख्या में उपस्थित थे. जिन्होंने बेहद गमगीन वातावरण के बीच प्रवीण मालू को अंतिम विदाई दी.

  • तडके 3 बजे अमरावती पहुंचा पार्थिव

बता दें कि, गत रोज प्रवीण मालू का मुंबई में निधन होने के पश्चात उनका पार्थिव रात करीब 9.50 बजे विमान से नागपुर के लिए रवाना हुआ और रात 11.30 बजे के लगभग उनका पार्थिव नागपुर पहुंचा. जहां से सडक मार्ग के जरिये उनका पार्थिव अमरावती के लिए रवाना किया गया और रात करीब 3 बजे के आसपास अंबापेठ परिसर स्थित मालू परिवार के पैतृक आवास पर प्रवीण मालू के पार्थिव शरीर को लाया गया. यहां पर कुछ देर रखने के बाद पार्थिव शरीर को कैम्प परिसर स्थित प्रवीण मालू के निवासस्थान पर ले जाया गया. जहां पर रात से ही उनके सैंकडों चाहनेवालों का तांता लगा हुआ था. पश्चात सुबह 7 बजे से भीड बढने लगी और 9 बजते-बजते यहां पर हजारों लोगोें की भीड हो गई. पश्चात सुबह 9.15 बजे प्रवीण मालू की अंतिम यात्रा का प्रारंभ हुआ. इस समय सुसज्जित स्वर्ग रथ में उनके पार्थिव देह को रखा गया और स्वर्गरथ के पीछे करीब डेढ किमी लंबी कतार चल रही थी. इस अंतिम यात्रा के हिंदू मोक्षधाम पहुंचने के बाद करीब 10.30 बजे प्रवीण मालू की पार्थिव देह का पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किये गये. इस समय प्रवीण मालू के पुत्र पराग मालू, भाई एड. आकाश व डॉ. आशिष मालू तथा भतीजे प्रज्वल, वरूण व अनुप मालू ने चिता को मुखाग्नि दी. इस समय उपस्थित सभी गणमान्यों ने नम आंखों के साथ यारों का यार कहे जाते स्व. प्रवीण मालू के स्मृतियों का अभिवादन किया और बेहद नम आंखों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी.
इस अंतिम यात्रा व अंतिम संस्कार में पूर्व पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे, राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके, विधायक रवि राणा, हिंदू श्मशान भूमि संस्थान व गौरक्षण के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल, मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले, पार्षद दिनेश बूब, दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल, पं. देवदत्त शर्मा, रामेश्वर गग्गड, सुभाष तलडा, एड. प्रशांत देशपांडे, एड. मिलींद वैष्णव, सूरज तलडा, विनोद राठी, मुन्ना यादव, कैलाश गिरोलकर, डॉ. अतुल आलसी, जुगलकिशोर गट्टाणी, एड. जगदीश कलंत्री, सुरेश साबू, प्रकाश केला, मनोज नावंदर, संजय जाधव, पप्पू पडोले, एड. ब्रजेश तिवारी, एड. संजय देशमुख, एड. सुनील देशमुख, एड. विजय लढ्ढा, राज मूंधडा, पूरण हबलानी, संजय हरवाणी, जय हेमराजानी, गोविंद दम्माणी, देवकिसन लढ्ढा, ओमप्रकाश नावंदर, अनिल नावंदर, राजेश डागा, सुशिल सिकची, नितीन सारडा, नितीन चांडक, दीपक लोखंडे, अनिल वानखडे, महेंद्र भूतडा, श्याम शर्मा, प्रशांत पनपालिया, मनोज भेंडे, शांतिलाल सारडा, सुशिल सारडा, दर्शन कलंत्री, विजय करवा, दीपक हेडा, भरत तलडा, संजय उपाध्याय, मनोज गुप्ता, मिलींद गिरी, श्याम सेवक, मुकेश आहूजा, निलेश ठाकरे, महेश गट्टाणी, नीरज लाठीया, सारंग चांडक, प्रफुल्ल खर्चे, प्रतिक मूंधडा, रवि पंजाबी, शाकाल तिवारी, निलेश ठाकरे, कपिल आंडे, मंगेश चौधरी, संजयय पवार, कैलाश पाडालकर, दीपक खताडे, किशोर भुयार, रामू श्रीवास, योगेश सवाई, रामचंद्र गुप्ता, मनोज नावंदर, संजय अग्रवाल, बिट्टू सलूजा, धुमाले, सोनू रूगटा, दत्ता बागल, अभिजीत देशमुख, मनोज बख्तार, सुनील राणा, संजय सवालाखे, सचिन वानखडे, शैलेष वानखडे, दिलीप दाभाडे, महेश नरबान, गुड्डू उल्हे, संतोष गांधी, अजय आहूजा, बंटी आहूजा, सादिकभाई गोरावाला, राजू शर्मा तथा संतोष अग्रवाल व सुनील खानझोडे (परतवाडा) सहित अनेकों गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.

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