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धरी की धरी रह गई महावितरण की मानसून पूर्व तैयारियां

  • हवा के हल्के झोंको और बूंदाबांदी से भी खंडित हो रही विद्युत आपूर्ति

  • कई घंटो तक बिजली रहती है गुल, कॉलसेंटर पर कोई समाधानकारक जवाब नहीं

अमरावती/प्रतिनिधि दि.८ – विगत एक माह से बारिश के मौसम को देखते हुए महावितरण द्वारा मानसून पूर्व कामों को निपटाने का दावा किया जा रहा था. साथ ही विद्युत तारों पर लटकनेवाले पेडों की टहनियों को काटने का काम किया जा रहा था. जिसके लिए शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में रोजाना विद्युत आपूर्ति खंडित की जाती थी. ताकि बारिश के मौसम दौरान विद्युत आपूर्ति में किसी तरह की कोई दिक्कत पैदा न हो. किंतु महावितरण द्वारा किए गये मानसून पूर्व काम धरे के धरे रह गये है. क्योंकि इन दिनों यदि हल्की बूंदाबांदी होती है या जरा सी भी हवा के झोंके चलने शुरू होते है तो अचानक ही बिजली गुल हो जाती है और इसके बाद अगले दो तीन घंटे तक विद्युत आपूर्ति का ठप्प रहना बेहद आम बात हो गई है. इस दौरान अव्वल तो महावितरण के कॉल सेंटर पर कॉल ही नहीं लगती और यदि गलती से कॉल लग भी गई तो कोई समाधानकारक जवाब नहीं मिलता.
उल्लेखनीय है कि बारिश के दिनों में विद्युत आपूर्ति का खंडित होना बेहद आम बात होती है. तेज आंधी तूफान के चलते अनेको बार कई वृक्ष उखड़कर गिर जाते है. साथ ही कई बार वृक्षों की टहनियां विद्युत तारों पर गिर जाती है. जिससे विद्युत आपूर्ति खंडित हो जाती है और बारिश के मौसम दौरान टुटे हुए विद्युत तारों को जोडकर विद्युत आपूर्ति सुचारू करना काफी मुश्किल काम होता है. ऐसी तमाम बातों के मद्देनजर महावितरण द्वारा बारिश का मौसम शुरू होने से पहले मानसून पूर्व कामों के तहत विद्युत तारों पर लटकनेवाली पेडों की टहनियों की काटछांट की जाती है. ताकि बारिश के मौसम दौरान कोई दिक्तते पैदा न हो. लेकिन इसके बावजूद भी प्रतिवर्ष बारिश के मौसम दोरान बिजली की आंखमिचौली शुरू ही रहती है. अभी यद्यपि बारिश का मौसम ठीक से शुरू भी नहीं हुआ है और विगत सप्ताह कई स्थानों पर आंधी तूफान के साथ मानसून पूर्व वर्षा हुई है. इस दौरान कई स्थानों पर बिजली गुल रही और कई घंटों तक विद्युत आपूर्ति खंडित रही. इस दौरान महावितरण के कॉल सेंटरों पर फोन करने पर केवल इतनी ही जानकारी दी जाती थी कि मानसून पूर्व कामों के चलते पेडों की टहनियों को काटा जा रहा है. उसकी वजह से विद्युत आपूर्ति बंद गई है. किंतु इस बात का कोई माकुल जवाब नहीं मिलता था कि विद्युत आपूर्ति दुबारा कब तक सुचारू हो पायेगी.
ऐसे में कहा जा सकता है कि बारिश के मौसम में विद्युत आपूर्ति खंडित न हो इस बात के लिए मानसून पूर्व कामों के तहत की किए जानेवाले देखभाल और दुरूस्ती से संबंधित काम केवल दिखावे के लिए ही थे और इस मामले में केवल कागजी खानापूर्ति की गई है.

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