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पालकमंत्री यशोमति ठाकुर हुई जिला अदालत में पेश

 तीन मामलों में अदालत ने दी जमानत

  • आंदोलनों को लेकर दर्ज हुए थे तीनों मामले

अमरावती/प्रतिनिधि दि.2 – वर्ष 2018 से वर्ष 2020 के दौरान किये गये तीन अलग-अलग मामलों को लेकर तत्कालीन विधायक व मौजूदा पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित विधायक बलवंत वानखडे, जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, पूर्व जिप अध्यक्ष नितीन गोंडाणे व हरिभाउ मोहोड सहित अन्य कुछ लोगोें के खिलाफ पुलिस द्वारा कानून भंग से संबंधित मामले दर्ज किये गये थे. जिसकी चार्जशिट स्थानीय प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी (वरिष्ठ स्तर) न्या. तायडे की अदालत में पेश की गई थी, जहां सोमवार 2 अगस्त को मामले की सुनवाई होनी थी. इस समय खुद जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर अदालत के समक्ष पेश हुई और उन्होंने अदालत के सामने अपनी जमानत अर्जी पेश की. बचाव पक्ष की ओर से सभी आरोपियों की जमानत हेतु किये गये युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए अदालत ने पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित सभी नामजदों को जमानत देना मंजूर किया.
बता दें कि, 4 जून 2018 को तुअर खरीदी शुरू करने तथा किसानों को नुकसान का मुआवजा व फसल कर्जमाफी का लाभ मिलने की मांग को लेकर तत्कालीन विधायक यशोमति ठाकुर के नेतृत्व में जिलाधीश कार्यालय पर मोर्चा ले जाया गया था और धरना प्रदर्शन किया गया था. इस समय गैरकानूनी ढंग से जिलाधीश कार्यालय पर भीडभाड जमा करने तथा शांति व व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करने को लेकर भादंवि की धारा 143 व मपोका की धारा 135 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. इसके पश्चात 24 सितंबर 2018 को राफेल घोटाले के मामले को लेकर तत्कालीन विधायक यशोमति ठाकुर की अगुआई में जिलाधीश कार्यालय पर मोर्चा ले जाकर आंदोलन किया गया था. इस समय भादंवि की धारा 37 (2) (3) तथा मपोका की धारा 135 के तहत आंदोलनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किये गये थे. वहीं 5 नवंबर 2020 को पालकमंत्री यशोमति ठाकुर की अगुआई में नेहरू मैदान से जिलाधीश कार्यालय तक किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ट्रैक्टर रैली ले जायी गयी थी. इस समय कोविड के खतरे को देखते हुए जमावबंदी व संचारबंदी के भी आदेश लागू थे. इसके बावजूद यह आंदोलन किये जाने के चलते आंदोलनकारियों के खिलाफ भादंवि की धारा 188 व मपोका की 135 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. इन सभी मामलों की चार्जशिट गाडगेनगर थाना पुलिस द्वारा स्थानीय अदालत में पेश की गई. जहां पर प्रथम श्रेणी न्यायालय क्रमांक 8 में सभी मामलों की सुनवाई एक साथ संयुक्त रूप से शुरू की गई और बचाव पक्ष की ओर से तीनों ही मामलों में आरोपियों को जमानत दिये जाने की अर्जी की गई. पश्चात अदालत ने आरोपियों की पेशी का हुक्म जारी किया. जिसके चलते पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित उनके साथ नामजद सभी लोग सोमवार को स्थानीय अदालत में न्याय दंडाधिकारी के समक्ष पेश हुए. जहां पर सुनवाई पश्चात अदालत ने सभी आरोपियों के जमानत आवेदन को स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत देना मंजूर किया. इस समय बचाव पक्ष की ओर से एड. पंकज ताम्हणे ने पैरवी की तथा उन्हें एड. गायत्री दाणी ने अदालती कामकाज चलाने में सहयोग किया.

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