पणन महासंघ के रिश्वतखोर व्यवस्थापक को कारावास
अकोला/प्रतिनिधि दि.21 – वाशिम जिले के मानोरा में शुरू की गई जिनिंग फैक्टरी में कपास की आपूर्ति सुचारू करने हेतु 10 हजार रूपए की रिश्वत लेनेवाले महाराष्ट्र कपास पणन महासंघ के व्यवस्थापक को जिला व सत्र न्यायालय ने एक वर्ष के कारावास तथा 20 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता राजेंद्र पुंडलीक राउत ने 6 जनवरी 2005 को मानोरा में गुरूओम जिनिंग फैक्टरी शुरू की थी. किंतु अन्य जिनिंग फैक्टरीयों की तुलना में इस जिनिंग ु फैक्टरी में कपास की आपूर्ति काफी कम होती थी. यह बात ध्यान में आने पर उन्होंने कपास पणन महासंघ के व्यवस्थापक मगनलाल नामदेव पाटील को कपास की आपूर्ति सुचारू करने का निवेदन किया. जिस पर पाटील ने राउत से 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगी. किंतु राउत ने रिश्वत देने की बजाय इसकी शिकायत भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के पास की. जिसके बाद अकोला एसीबी के दल ने 7 जनवरी 2005 को कार्रवाई करते हुए व्यवस्थापक मगनलाल पाटील को 10 हजार रूपये की रिश्चत स्वीकारते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया. जिसके खिलाफ पुलिस थाने में मामला भी दर्ज किया गया. साथ ही अकोला एसीबी ने दोषारोपपत्र को अदालत में पेश किया. जहां पर जिला व सत्र न्यायाधीय एच. के. भालेराव ने दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के साथ ही 9 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुनाया तथा आरोपी मगनलाल पाटील को रिश्वतखोरी का दोषी करार देते हुए भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम की धारा 7 के तहत एक वर्ष के सश्रम कारावास व 10 हजार रूपये के दंड तथा धारा 13 के अंतर्गत 1 एक वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10 हजार रूपये के दंड की सजा सुनायी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एड. किरण खोत ने युक्तिवाद किया. वहीं मामले की जांच पुलिस निरीक्षक बर्डेकर द्वारा की गई थी. इसके साथ ही न्यायालय में पैरवी अधिकारी के तौर पर संतोष उंबरकर ने काम संभाला.