कारागार में बंद कैदी आठ माह से कर रहे परिजनों से मिलने की प्रतीक्षा
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कोरोना खतरे की वजह से मुलाकात पर है मनायी
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गृह विभाग ने अब तक गाईडलाईन जारी नहीं की
अमरावती/प्रतिनिधि दि.११ – कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य के सभी कारागारों में बंद कैदियों को विगत मार्च माह से उनके परिजनों से मुलाकात करने नहीं दी गई. ऐसे में इन आठ माह के दौरान जहां एक ओर सभी कैदी अपने रिश्तेदारों से मिलने को व्याकुल हो रहे है, वहीं दूसरी ओर उनके परिजनों में भी उनके हालचाल प्राप्त करने को लेकर अधिरता देखी जा रही है. इनमें सजाप्राप्त व विचाराधीन ऐसे दोनों प्रकार के कैदियों का समावेश है.
ज्ञात रहें कि, विगत अप्रैल से सितंबर माह के दौरान कोरोना संक्रमण ने जबर्दस्त कहर ढाना शुरू किया था और अमरावती सेंट्रल जेल सहित पुणे के येरवडा तथा ठाणे व नागपुर सेंट्रल जेल में बडे पैमाने पर कैदियोें सहित कारागार अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना संक्रमित पाया गया था. जिसके मद्देनजर गृह विभाग के कारागार प्रशासन ने कोरोना का खतरा टालने हेतु नई अस्थायी जेलों का निर्माण किया. जहां पर आज भी नये कैदियों को 15 दिन रहना पडता है. यहां पर कोविड टेस्ट करवाने के बाद ही इन कैदियों को पुरानी जेल में भेजने के संदर्भ में निर्णय लिया जाता है. साथ ही सभी कैदियों की नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच की जाती है. ज्ञात रहे कि, राज्य में 9 सेंट्रल जेल, 11 खुली जेल, 47 जिला कारागार तथा 2 महिला कारागार है. इन सभी कारागारों में विगत आठ माह से कैदियों एवं उनके रिश्तेदारों की मुलाकात को प्रतिबंधित किया गया है, ताकि किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आने की वजह से कोई कैदी कोरोना संक्रमित न हो और उसके जरिये जेल में अन्य लोगों तक इस वायरस का संक्रमण न पहुंचे.
सप्ताह में एक दिन विडियो कॉलींग की सुविधा
विगत मार्च माह से कैदियों को जेल के मुलाकात कक्ष में अपने परिजनों व रिश्तेदारों के साथ आमने-सामने बैठकर इंटरकॉम प्रणाली के जरिये बात करने व एक-दूसरे को प्रत्यक्ष देखने की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा रही, लेकिन सप्ताह में एक दिन कारागार में बंद कैदियों को अपने रिश्तेदारों के साथ पांच से सात मिनट वीडियो कॉलींग के जरिये बातचीत करने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. किंतु इसके लिए कैदियों को नंबर लगाकर काफी प्रतिक्षा करनी पडती है. साथ ही विगत आठ माह से चूंकि वे अपने परिजनों को आमने-सामने नहीं देख पाये है. अत: अब वे इसे लेकर जेल प्रशासन से शिकायत कर रहे है. लेकिन अब तक पहले की तरह मुलाकात शुरू करने को लेकर गृह विभाग द्वारा कोई गाईडलाईन जारी नहीं की गई है. ऐसे में कैदियों की अपने परिजनोें के साथ मुलाकात कब तक शुरू होगी. इस बारे में फिलहाल कुछ भी कहा नहीं जा सकता.
कारागार में संक्रमितों की संख्या घटी
राज्य के कारागारों में कैदियों, अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने का प्रमाण इस समय बडी तेजी से घट गया है. इस वक्त अमरावती मध्यवर्ती कारागार में केवल दो कैदी कोरोना संक्रमित है. यहीं स्थिति अन्य कारागारों में भी देखी जा रही है.
कैदियों के रिश्तेदारों को पहले की तरह जेल के मुलाकात कक्ष में प्रत्यक्ष आकर यहां पर बंद रहनेवाले अपने रिश्तेदार कैदियों से इंटरकॉम पर बात करने को फिलहाल अनुमति नहीं दी गई है. चूंकि इस समय आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम लागू है. ऐसे में जेल परिसर में भीडभाड न होने पाये और यहां पर रहनेवाले कैदी किसी भी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में न आये. इस बात को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही वरिष्ठों के आदेश पर इस मामले में आगे की कार्रवाई की जायेगी.