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सिंचाई घोटाले के आरोपी अभियंता का प्रमोशन

मैट का निर्णय, सरकार को रखा गया अंधेरे में

नागपुर/दि.19- पश्चिम विदर्भ की एक सिंचाई परियोजना में कथित घपले में लिप्त होने का आरोप जिन अभियंताओं पर लगाया गया था, उन्हीं की पदोन्नति होने का मामला समाने आया है. अधीक्षक अभियंता राजेश सोनटक्के तथा कन्नाजीराव वेमूलकोंडा को महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (मैट) ने पदोन्नत कर मुख्य अभियंता बना दिया. दोनों अभियंताओं ने न सिर्फ मैट के समक्ष दाखिल याचिका की जानकारी मंत्रालय तक नहीं पहुंचने दी. बल्कि राज्य सरकार की ओर से भी दोनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया. जिसके बाद मैट ने उच्चतम न्यायालय के प्रलंबित मामले के अंतिम फैसले के अधिन रहकर दोनों को अस्थायी प्रमोशन देने को हरी झंडी दे दी.
* जागा जलसंपदा विभाग
मैट का आदेश जारी होने के बाद जलसंपदा मंत्रालय की तंद्रा टूटी है. आदेश के अमल को रोकने के लिए विधि व न्याय तथा समान्य प्रशासन विभाग से अनुरोध किया गया है. मंत्रालय का मानना है कि सिंचाई घोटाले में चितले समिति, मेंढेगिरी समिति और वडनेरे समिति की सिफारिशों की अनदेखी करते हुए अपराध दर्ज होने के बाद भी दोनों को कैसे पदोन्नत किया गया. मंत्रलालय ने नागपुर मैट के आदेश को अब जाकर गंभीरता से लिया है.
* पांच बार सुनवाई
नागपुर मैट के उपाध्यक्ष भगवान और सदस्य एम.ए. लोवेकर ने दोनों याचिकाओं पर 24 नवंबर 2022, 12 दिसंबर 2022, 4 जनवरी 2023, 10 जनवरी 2023 और 12 जनवरी 2023 इस तरह कुल पांच बार सुनवाई की. उन्होंने तीन बार शासन को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए. शासन की ओर से कोई पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया. कहा जा रहा है कि, अभियंताओं के फेवर में मैट का फैसला करवाने जानबूझकर इस तरह का रवैया अपनाया गया.

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