किसानों को उचित मदद नहीं मिलने पर बढ सकता है आत्महत्या का प्रमाण
स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता रविकांत तुपकर की जानकारी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२९ – स्थानीय विश्रामगृह में स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता रविकांत तुपकर की मौजूदगी में आज पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया. पत्रकार परिषद में स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता रविकांत तुपकर ने किसानों के मुद्दें को उठाया.
पत्र परिषद में किसान संगठन के रविकांत तुपकर ने बताया कि अमरावती, बुलढाणा, वाशिम, अकोला में बडे पैमाने पर वापसी की बारिश से किसानों के खेत के फसलों का नुकसान हुआ है. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी मदद नहीं दी गई. राज्य सरकार ने अतिवृष्टि प्रभावित किसानों के लिए १० हजार करोड रुपयों का पैकेज की घोषित किया है. लेकिन इससे अतिवृष्टि प्रभावित किसानों के फसलों का हुए नुकसान भरकर नहीं निकाला जा सकता. इसलिए किसानों को प्रति हेेक्टयर २५ हजार रुपए मुआवजा देना चाहिए. अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को उचित मदद नहीं दी गई तो आने वाले दिनों में किसानों के आत्महत्या का प्रमाण बढ सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को समर्थन मूल्य भाव से कम दर देने वालो के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देना चाहिए. जिससे किसानो के कृषि माल को बेहतर दाम मिल सकता है. सरकार की ओर से किसानों के बीच केवल दुविधाएं निर्माण करने की कोशिश की जा रही है जिसे दूर करना चाहिए. केंद्र सरकार की ओर से तीन कृषि विधेयक पारित किए गए है. यह विधेयक किसानों के हितावह नहीं है इसलिए राज्य सरकार ने इन तीनों कृषि विधेयकों को राज्य में लागू नहीं करना चाहिए. किसानों को न्याय दिलाने के लिए वर्तमान में कृषि न्यायालय स्थापित करने की जरुरत है. यही नहीं तो सरकार ने व्यापारियों के पास से कपास की खरीदी न करते हुए सीधे किसानो का कपास खरीदने के लिए कपास केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए. किसानों को शत प्रतिशत फसल बिक्री के पैसे मिलने चाहिए. सोयाबीन को ६ हजार रुपए भाव दिया जाए,यदि सरकार किसानों के हित में उचित निर्णय नहीं लेती है तो स्वाभिमानी संगठन की ओर से विदर्भ और मराठवाडा में तीव्र आंदोलन किया जाएगा. पत्र परिषद में स्वाभिमानी किसान संगठन के अध्यक्ष दामोदर इंगोले,रवि इंगोले, प्रवीण मोहोड, अंकुश कडू, अमित राउत, सुधाकर पांडे, सुभाष देशमुख, दिनेश कांबले मौजूद थे.