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जिले में वैक्सीन के व्यर्थ होने का प्रमाण शून्य

एक भी कोविड वैक्सीन बर्बाद नहीें

  • स्वास्थ्य महकमे का नियोजन आया काम

  • प्राप्त डोज से अधिक लगे टीके

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – इस समय कई शहरों से कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन की डोज व्यर्थ जाने व बर्बाद होने की खबरें सामने आ रही है. किंतु अमरावती जिले ने इस मामले में एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया है. जिसके तहत नियोजनपूर्ण ढंग से काम करते हुए एक भी डोज को व्यर्थ नहीं जाने दिया गया. बल्कि वॉयल में उपलब्ध रहनेवाली अतिरिक्त दवाई को भी डोज के रूप में प्रयोग में लाया गया. जिससे प्राप्त वैक्सीन की तुलना में लगाये जानेवाले टीकों की संख्या अधिक रही.
बता दें कि, अमरावती जिले को कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण अभियान के तहत 7 लाख 92 हजार 520 डोज प्राप्त हुए. जिसमें से अब तक 8 लाख 19 हजार 122 टीके लगाये गये. इस बारे में जानकारी देते हुए जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम व जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले द्वारा बताया गया कि, प्रतिबंधात्मक दवाई के प्रत्येक वॉयल में एक-दो डोज अतिरिक्त होते है. ऐसे में जिला स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा वॉयल में उपलब्ध रहनेवाली दवाई की एक-एक बूंद को प्रयोग में लाने का नियोजन किया गया. साथ ही इस बात का भी खयाल रखा गया कि, किसी भी टीकाकरण केंद्र पर कम लाभार्थी संख्या के कारण वैक्सीन का एक भी डोज व्यर्थ न जाये. बता देें कि, प्रत्येक लाभार्थी को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन की 2 मिली दवाई का डोज दिया जाता है तथा हर वॉयल में 20 मिली दवाई होती है. जिसके जरिये 10 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा सकता है. ऐसे में यदि वॉयल को उपयोग में लाना शुरू करने के बाद पूरे 10 लाभार्थी उपलब्ध नहीं है, तो लाभार्थियों को टीका लगाने के बाद बची रहनेवाली दवाई व्यर्थ चली जाती है. जिला स्वास्थ्य प्रशासन के मुताबिक इस बात के मद्देनजर प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पर 10-10 लाभार्थियों की बैच तैयार की गई और उसके बाद ही टीकाकरण शुरू किया गया, ताकि एक भी डोज को व्यर्थ जाने से बचाया जा सके. इसके साथ ही चूंकि कई वॉयल एक-दो डोज यानी 2 से 4 एमएल दवाई अतिरिक्त होती है, तो उस दवाई का भी टीकाकरण में प्रयोग किया गया. जिसके चलते अमरावती में प्राप्त टीकों के अनुपात में अधिक टीकाकरण हुआ है.

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