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निवेशकोें व बैंकों के हितों की रक्षा पहली प्राथमिकता

जिला नागरी बैंक एसो. के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजेंद्र महल्ले का कथन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.६  – सहकार क्षेत्र के साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की देखरेख और निगरानी में काम करनेवाले अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकोें की अपनी कई समस्याएं होती है और कई कडे प्रतिबंधों के तहत काम करना काफी मुश्किल जाता है. ऐसे में महाराष्ट्र अर्बन को-ऑप. बैंक एसो. से संलग्नित जिला अर्बन को-ऑप. एसो. के जरिये अमरावती जिले की सभी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों की समस्याओं व दिक्कतों को हल करने का पूरा प्रयास किया जायेगा. साथ ही अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों में पूरे भरोसे के साथ अपने जीवनभर की जमा-पूंजी का निवेश करनेवाले निवेशकों के हितों की भी रक्षा की जायेगी. इस आशय का प्रतिपादन अमरावती जिला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजेंद्र महल्ले ने किया. गत रोज एसो. के अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बात करते हुए राजेंद्र महल्ले ने बताया कि, अमरावती जिले में कुल ९ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक है और इन बैंकों का शीर्ष संगठन जिला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक एसो. है, जो महाराष्ट्र अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक एसो. से संलग्नित है. साथ ही राज्यस्तरीय संगठन ऑल इंडिया अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक एसो. के साथ जुडा हुआ है. इस संगठन द्वारा सभी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों को सरकारी नियमों व प्रतिबंधों के चलते कामकाज में आनेवाली दिक्कतों के साथ ही ग्राहकों के निवेश को सुरक्षित रखने की ओर ध्यान दिया जाता है.
राजेंद्र महल्ले ने बताया कि, वे खुद दि. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष है और उन्हें अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकिंग क्षेत्र में आनेवाली दिक्कतों और समस्याओं का बखूबी अंदाजा है. महल्ले के मुताबिक आम मध्यम वर्गीय लोग-बाग बडे भरोसे के साथ अपने जीवनभर की पूंजी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों में जमा करते है. जिसकी सुरक्षा और समय पर वापसी हमारी सबसे पहली जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि, निवेशकोें का पैसा सुरक्षित रखने के लिए सभी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों द्वारा तमाम ऐहतियात बरतते हुए और दस्तावेजों की पडताल करते हुए ही कर्ज वितरित किये जाते है, लेकिन बावजूद इसके कई बार कुछ लोग कर्ज की अदायगी करने में आनाकानी करते है और ऐसे लोगों से कर्ज की वसूली करते समय अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों को काफी समस्याओं और दिक्कतों का सामना करना पडता है, क्योंकि इस विषय को लेकर रिजर्व बैंक व सहकार विभाग के नियम काफी कडे है. ऐसे में आम ग्राहकों के हितों को देखते हुए बैंकों के कामकाज को सुचारू रखना बेहद जरूरी है. जिसकी ओर वे विशेष तौर पर ध्यान देंगे. महल्ले के मुताबिक बकायदार कर्जधारकों से रकम वसूली हेतु रिजर्व बैंक द्वारा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों को पुलिस, जिलाधीश व सहकार विभाग की ओर से सपोर्ट दिलवाया जाना चाहिए, ताकि बकायदारों से कर्ज की वसूली की जा सके.

अर्बन को-ऑप. व क्रेडिट को-ऑप. में जमीन-आसमान का फर्क

इस बातचीत में जिज्ञासावश पूछे गये एक सवाल के जवाब में राजेंद्र महल्ले ने बताया कि, अमरावती जिले में केवल ९ अर्बन को-ऑप. बैंक है. इसके अलावा अन्य सभी क्रेडिट को-ऑप. सोसायटी यानी पतसंस्था है, जो केवल सहकार विभाग के अधिन रहकर काम करती है और इन पतसंस्थाओं के व्यवहार पर रिजर्व बैंक का कोई नियंत्रण नहीं होता. वहीं अर्बन को-ऑप. बैंकों के व्यवहार पर सहकार विभाग के साथ-साथ रिजर्व बैंक का पूरा नियंत्रण रहता है और हमें रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार ही काम करना होता है. महल्ले के मुताबिक आम निवेशकों का पैसा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों में पूरी तरह से सुरक्षित होता है और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में पैसा डूबने की गूंजाईश लगभग नहीं के बराबर होती है. वहीं क्रेडीट को-ऑपरेटिव सोसायटी यानी पतसंस्थाओं के मामले में ऐसी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता और अब तक ऐसे कई मामले भी सामने आ चुके है. लेकिन इसके बावजूद पतसंस्थाओं द्वारा दी जानेवाली उंची ब्याजदरों के झांसे में आकर आम निवेशक वहां निवेश करते है और कई बार निवेशकोें को पछतावे का सामना करना पडता है.

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