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बजट में महाराष्ट्र के लिए 64,524 करोड का प्रावधान

पिछले वर्ष से इस बार साढे चार हजार करोड रूपए की वृध्दि

* मुलभूत सुविधाओं के साथ ही नर्सिंग कॉलेज व गोदामों पर होगा पैसा खर्च
नई दिल्ली/ दि. 2- गत रोज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण द्बारा पेश किए गए बजट के मुताबिक नए आर्थिक वर्ष में अलग-अलग करों के जरिए तिजोरी में जमा होनेवाली रकम में से राज्योें को 10.21 लाख करोड रूपए दिए जायेंगे. जिसमें से महाराष्ट्र को 64,524. 88 करोड रूपए मिलेंगे. खत्म होने जा रहे आर्थिक वर्ष 2022-23 में मिलनेवाले 60 हजार करोड रूपयों की तुलना में नए आर्थिक वर्ष के दौरान मिलनेवाली राशि में करीब साढे चार हजार करोड रूपयों का इजाफा होगा.
कार्पोरेशन कर, प्राप्ति कर, संपत्ति कर, केन्द्रीय जीएसटी, सीमा शुल्क, उत्पादन शुल्क व सेवा कर आदि करों के जरिए केन्द्र की तिजोरी में जमा होनेवाली रकम में से जनसंख्या के आधार पर राज्यों को हिस्सा वितरित किया जाता है. जिसके चलते वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार महाराष्ट्र को मिलनेवाले हिस्से का प्रमाण 6.317 फीसद है. वही सबसे अधिक 17.939 फीसद हिस्सा उत्तरप्रदेश को एवं 10.058 फीसद हिस्सा बिहार को मिलता है. इसके बाद मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र इन राज्यों का नंबर आता है.
वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को जारी आर्थिक वर्ष के दौरान 9,48,405.82 करोड रूपए मिलने थे. वहीं नये आर्थिक वर्ष के दौरान राज्यों को 10,24,448.16 करोड रूपए मिलेंगे. जिसमें महाराष्ट्र को मिलनेवाली कर निहाय रकम का विचार करने पर कार्पोरेशन कर में महाराष्ट्र के हिस्से की रकम 20,662.21 करोड रूपए रहेगी. वहीं प्राप्ति कर से 20,09,181 करोड रूपए, केन्द्रीय जीएसटी से 20,864.31 करोड रूपए सीमा शुल्क से 2,046.86 करोड रूपए, केन्द्रीय उत्पाद शुरू से 857.28 करोड रूपए तथा सेवा कर से 12.95 करोड ऐसे कुल 64,524.88 करोड रूपए महाराष्ट्र को मिलेंगे. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष केन्द्रीय उत्पाद शुल्क व सेवा कर के जरिए मिलनेवाली रकम यद्यपि घट गई है. लेकिन गत वर्ष की तुलना में आगामी आर्थिक वर्ष के दौरान मिलनेवाली रकम में 4,524.88 हजार करोड रूपए अधिक मिलेंगे.

* कृषि पतसंस्थाओं को मल्टीपर्पज का दर्जा
महाराष्ट्र को इस बजट से क्या मिला, इसकी जानकारी देते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बताया कि इस बजट में सहकार क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाए की गई है. जिसके तहत अब कृषि पथसंस्थाओं को मल्टीपर्पज सोसायटी का दर्जा दिया गया है. ऐसे में अब इन संस्थाओं के लिए कोल्ड स्टोरेज से लेकर पेट्रोल पंप तक अलग-अलग व्यवसाय करना संभव रहेगा. जिससे स्थानीय लोगों को बडे पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होगा.

* शक्कर कारखानों के लिए 10 हजार करोड की सहूलियत
वर्ष 2016 से पहले शक्कर कारखानों द्बारा एफआरपी पर किए गये खर्च को कर सहूलियत के लिए ग्राहय माना जायेगा. जिसके चलते महाराष्ट्र के शक्कर कारखानों को करीबन 10 हजार करोड रूपयों का कर्ज अदा नहीं करना पडेगा. इसके साथ ही एक करोड किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ जोडने का लक्ष्य तय किया गया है. जिसका सीधा लाभ महाराष्ट्र को मिलेगा.

* राज्य के रेल्वे प्रकल्पों को 16 हजार करोड से अधिक निधि
वर्धा-यवतमाल-नांदेड रेलमार्ग के लिए भी सावधान
गत रोज संसद में पेश किए गए बजट में महाराष्ट्र राज्य के रेल्वे प्रकल्प हेतु 16 हजार करोड से अधिक निधि का प्रावधान किया गया है. जिसके तहत वर्धा-यवतमाल-नांदेड रेलमार्ग को पूरा करने के लिए आवश्यक निधि प्रस्तावित की गई है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए केन्द्रीय रेल्वे राज्यमंत्री रावसाहब दानवे ने बताया कि विगत 8 वर्षो के दौरान महाराष्ट्र में रेल्वे प्रकल्पों के लिए मिलनेवाली निधि में 10 गुना अधिक वृध्दि हुई है. वर्ष 2014 ेमें महाराष्ट्र को रेल्वे प्रकल्पों के लिए केवल 1600 करोड रूपए मिले थे. वहीं इस वर्ष यह रकम 16 हजार करोड से अधिक के स्तर पर जा पहुंची है. वहीं इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में रेलवे को 2 लाख 40 हजार करोड रूपये की निधि का आवंटन हुआ है. ऐसे में अब इस निधि का किस तरह से विनियोग किया जाए. इस बारे में रेल्वे बोर्ड से चर्चा की जायेगी.

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