पंस में परिचर पद पर कार्यरत युवक बना पीएसआई
मेहनत के बल पर उत्तीर्ण की एमपीएससी की परीक्षा
यवतमाल / दि. १९– पंचायत समिति में परिचर के रूप में कार्यरत एक युवक ने एमपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर पीएसआई बनने का सपना साकार किया है. हर व्यक्ति के जीवन में दिक्कतें आती है. लेकिन उन्ही संकटों को शस्त्र बनाकर मूलत: अमरावती जिले के जलका शहापुर गांव निवासी ३१ वर्षीय युवक बंडू जनार्दन भालेकर ने पुलिस उपनिरीक्षक पद की परीक्षा में अपने मेहनत के बल पर सफलता पायी है. बंडू भालेकर किसान पुत्र है. परिवार के हालात कमजोर रहने से उसने महाविद्यालयीन शिक्षा के साथ साथ नौकरी के लिए प्रयास किया. २०१३ में यवतमाल जिला परिषद में परिचर के रूप में काम करने का उसे मौका मिला. नेर पंचायत समिति अंतर्गत शिरजागांव के पीएचसी में भी उसने २०१८ तक काम किया. नौकरी करते समय उसके मन में पीएसआई बनने का सपना था. उसने २०१८ के बाद नेर पंचायत समिति कार्यालय में तबादला करवाया. वहां एक महिना नाईट डयूटी तो एक महिना दिन में डयूटी की. नाईट के समय पंचायत समिति में ही बैठकर बंडू भालेकर ने स्पर्धा परीक्षा का अभ्यास शुरु किया. तथा दिन में वह नेर नगरपालिका की लाइब्रेरी में पढने जाता था. १-२ बार परीक्षा में असफल होने पर भी उसने प्रयास जारी रखा. और सितंबर २०२२ में परीक्षा दी. उसका यह प्रयास सफल हुआ. मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जल्द ही उसे फिजिकल टेस्ट और साक्षात्कार देना होगा. परंतु कटऑफ २३७ अंकों का है. और बंडू भालेकर को इसके अधिक अंक मिलने से पीएसआई पर पर चयन होना यह केवल औपचारिकता होने की बात बंडू भालेकर ने कही.बंडू भालेकर के साथ नेर के सुशील गजभिये इस किसान पुत्र ने भी पीएसआई की मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की है.
बेटे के जन्मदिवस पर मिली खुशखबरी
बंडू उर्फ संग्राम भालेकर को अपने माता-पिता तथा दोनो बहनों की तरफ से हमेशा प्रोत्साहन मिला. २०१० में मां की मृत्यु के बाद बहनों ने मां की ममता दी. पीएसआई का सपना देखने वाले बंडू का २०२१ में विवाह हुआ. पत्नी प्रतीक्षा ने स्पर्धा परीक्षा की तैयारी के लिए काफी सहयोग दिया. विशेष बात यह है कि, उनके बेटे कबीर के पहले जन्मदिवस के अवसर पर गुरुवार की शाम एमपीएससी के नतीजे घोषित हुए और बंडू भालेकर को यह पीएसआई बनने की खुशखबर मिली.