जनता कर्फ्यू व लॉकडाउन को हुआ एक वर्ष पूर्ण
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एक साल के दौरान जनजीवन रहा अस्त-व्यस्त
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जीवन के विभिन्न क्षेत्र हुए बुरी तरह प्रभावित
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हजारों आये संक्रमण की चपेट में, सैकडों की हुई मौत
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अब भी सामान्य पटरी पर नहीं लौट पाया है जीवन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – आज से ठीक एक वर्ष पूर्व 22 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर समूचे देश में एक दिवसीय जनता कर्फ्यू का पालन किया गया है. उस समय देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे अपने पांव पसार रहा था. ऐसे में आम जनता को कोरोना के खिलाफ जारी जंग के साथ जोडने और जागरूक करने के लिए इस स्वयंस्फूर्त जनता कर्फ्यू का आवाहन किया गया था. साथ ही ठीक इसके दूसरे दिन 23 मार्च से समूचे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया, जो 31 मई तक जारी रहा. इस दौरान समूचे देश में जनजीवन मानो थम गया था तथा हर ओर केवल सन्नाटा पसरा हुआ था. इस बात को आज 22 मार्च 2021 को एक वर्ष पूर्ण हो गया है और अब हमारे साथ उस जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन की यादें शेष है. हालांकि लॉकडाउन के खत्म होने और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी कोरोना वायरस का संक्रमण कहर के रूप में जारी रहा और इस दौरान समूचे देश में करोडों लोग इस संक्रमण की चपेट में आये. साथ ही लाखों लोगों की इस संक्रमण के चलते जान गयी.
बता दें कि, देश में कोरोना वायरस का सबसे पहला मरीज 30-31 जनवरी 2020 को ही पाया जा चुका था. पश्चात फरवरी व मार्च माह के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में कोविड संक्रमित मरीज पाये जाने लगे थे. साथ ही साथ दूनिया के अन्य कई देशों से इस वायरस के संक्रमण को लेकर बेहद भयावह आंकडे और खबरें सामने आने शुरू हो गये थे. ऐसे में संभावित खतरे से निपटने हेतु 22 मार्च को देशव्यापी जनता कर्फ्यू का आवाहन करने के साथ ही 23 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया गया था. इस दौरान सभी शहरों व जिलों की सीमाओं को सील करने के साथ ही लोगों की एक शहर से दूसरे शहर के बीच आवाजाही को रोक दिया गया था और सार्वजनिक परिवहन के सभी साधनों का परिचालन बंद कर दिया गया था. साथ ही साथ सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों व बाजारों को बंद कराते हुए सभी शहरोें व ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस का कडा पहरा लगा दिया गया था, ताकि लोगबाग अपने घरों से बाहर न निकले और एक-दूसरे के संपर्क में आकर कोविड संक्रमण का शिकार न बने. 14 दिनों के लिए लगाया गया यह लॉकडाउन आगे 31 मई तक जारी रहा. क्योेंकि लॉकडाउन के दौरान धीरे-धीरे संक्रमितों की संख्या बढ ही रही थी. वहीं जून माह में लॉकडाउन को कुछ हद तक शिथिल करते हुए अनलॉक की प्रक्रिया को चरणबध्द ढंग से आगे बढाया गया. हालांकि अनलॉक के शुरू होते ही कोविड संक्रमितों की संख्या में अच्छाखासा इजाफा होना भी शुरू हुआ, जो अक्तूबर व नवंबर माह के आसपास कुछ हद तक नियंत्रण में आया.
उल्लेखनीय है कि, इस एक वर्ष के दौरान अकेले अमरावती जिले में 45 हजार 395 लोग कोविड संक्रमण की चपेट में आये. हालांकि इसमें से 40 हजार 400 लोग कोविडमुक्त भी हुए. किंतु इस एक वर्ष के दौरान 630 लोगोें की कोविड संक्रमण के चलते मौत भी हुई. इस एक वर्ष के दौरान अमरावती जिले में 2 लाख 85 हजार 433 लोगोें की कोविड टेस्ट की गई और जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य महकमा लगातार दिन-रात काम करता रहा. वहीं इस एक वर्ष के दौरान अमरावती शहर सहित जिले का आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त रहा तथा व्यापार व व्यवसाय के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र को काफी नुकसान का सामना करना पडा. ज्ञात रहें कि, विगत 23 मार्च 2020 से सभी शिक्षा संस्थान लगभग पूरी तरह से बंद है और विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई का काम ऑनलाईन तरीके से चल रहा है. जिसका कोई खास फायदा होता दिखाई नहीं दिया. इसके अलावा परीक्षाओं से संबंधित कामकाज भी इन्हीं तमाम चक्कर में बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, बीता एक वर्ष कोरोना संक्रमण तथा लॉकडाउन की वजह से अनेकों कडवी यादें दे गया है. जिससे लोगबाग अब उबरना चाहते है. ऐसे में यह जरूरी है कि, विगत एक वर्ष के तमाम अनुभवों से सबक लेते हुए सभी लोगोें ने कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पूरी गंभीरता के साथ पालन करना चाहिए, ताकि अब इस संक्रमण और बार-बार लगनेवाले लॉकडाउन से पीछा छूटे तथा जीवन एक बार फिर अपनी पुरानी लय एवं गति के साथ पहले की तरह सामान्य हो सके.